विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल जैसे हिंदुत्ववादी संगठनों ने आगरा में तिरंगा यात्रा निकालने की कोशिश की। प्रशासन की मुस्तैदी ने इस यात्रा के शुरू होते ही समाप्त कर दिया। माना जा रहा है कि यह यात्रा 26 जनवरी को कासगंज में हुई साम्प्रदायिक हिंसा के विरोध में निकाली जा रही थी। विश्व हिंदू परिषद के प्रांत उपाध्यक्ष सुनील पराशर ने मंगलवार को ही तिरंगा यात्रा का आवाहन किया था। साथ ही उन्होंने घोषणा की थी कलेक्ट्रेट पहुंचकर जिलाधिकारी को मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपेंगे।
विश्व हिंदू परिषद के आवाहन पर बुधवार सुबह बड़ी संख्या में लोग संजय प्लेस स्थित शहीद स्मारक पहुंचने लगे। लेकिन मामले की गंभीरता को समझते हुए प्रशासन ने पहले ही सुरक्षा बलों की तैनाती कर दी थी। शहीद स्मारक से निकलते ही जिलाधिकारी आगरा गौरव दयाल और एसएसपी अमित पाठक पहुंच गए और भीड़ को तितर-बितर कर दिया गया। फिलहाल स्थिति पूरी तरह प्रशासन के नियंत्रण में है।
कासगंज हिंसा पर सियासत तेज
कासगंज हिंसा के पांच दिन बाद हिंसा की लपटें तो थम गईं लेकिन नेताओं की विवादित बयानबाजी का सिलसिला नहीं थम रहा। विवादित बयानों में बीजेपी नेताओं में होड़ मची है। इसमें विनय कटियार से लेकर साध्वी निरंजन ज्योति और सूर्यप्रताप साही तक शामिल हैं।
बीजेपी सांसद विनय कटियार- कासगंज हिंसा दुर्भाग्यपूर्ण है। कासगंज में इसके पहले कभी सांप्रदायिक तनाव नहीं हुआ था लेकिन गणतंत्र दिवस को पाकिस्तान का समर्थन करने वाले कुछ उपद्रवियों ने तिरंगा का अपमान करने की कोशिश की जिसके बाद माहौल खराब हुआ।
बीजेपी सांसद साध्वी निरंजन ज्योति- राष्ट्रविरोधी तत्व तिरंगा यात्रा बर्दाश्त नहीं कर सकते हैं। इसी वजह से ऐसी घटना हुई। यूपी सरकार ऐसी घटनाओं के खिलाफ कड़े ऐक्शन ले रही है। ऐसे संवेदनशील मुद्दों का राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए।
यूपी मंत्री सूर्यप्रताप साही- कासगंज की साम्प्रदायिक हिंसा एक छोटी घटना है। सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि यह छोटी घटना है जिसमें दो लोगों के साथ हादसा हुआ है। इस घटना को इतना तूल नहीं दिया जाना चाहिए। सरकार इस पर कार्रवाई कर रही है।