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उपराष्ट्रपति चुनाव: तृणमूल के पीछे हटने के बाद आसान हुई धनखड़ की राह, जानिए क्या कहते हैं आंकड़े

By शिवेंद्र राय | Updated: July 22, 2022 10:19 IST

उपराष्ट्रपति चुनाव को लेकर ममता बनर्जी ने बड़ा फैसला किया है। तृणमूल का कहना है कि विपक्ष ने उम्मीदवार घोषित करने से पहले टीएमसी से कोई सलाह नहीं की इसलिए वह चुनाव से दूर रहेगी। ऐसे में राजग उम्मीदवार जगदीप धनखड़ के लिए राह काफी आसान हो गई है। आंकड़े उनके पक्ष में ज्यादा मजबूत हैं।

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ठळक मुद्देतृणमूल कांग्रेस ने उपराष्ट्रपति चुनाव में हिस्सा नहीं लेने का निर्णय किया हैआसान हुई जगदीप धनखड़ की राहआंकड़ो के हिसाब से काफी आगे हैं राजग उम्मीदवार

नई दिल्ली: उपराष्ट्रपति चुनाव से पहले विपक्ष को बड़ा झटका लगा है। तृणमूल कांग्रेस ने उपराष्ट्रपति चुनाव में हिस्सा नहीं लेने का निर्णय किया है। ममता बनर्जी की उगुवाई वाली तृणमूल कांग्रेंस उपराष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष की उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा को वोट नहीं देगी। तृणमूल ने यह फैसला ये कहते हुए लिया है कि उम्मीदवार के चयन में उनसे कोई राय नहीं ली गई। हालांकि तृणमूल कांग्रेस ने यह साफ कर दिया कि वह राजग उम्मीदार जगदीप धनखड़ का समर्थन भी नहीं कर कही है। 

इस संबंध में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपनी पार्टी के 32 लोकसभा और राज्यसभा सांसदों के साथ अपने कालीघाट स्थित आवास पर बैठक की। बैठक के बाद तृणमूल नेता अभिषेक बनर्जी ने पार्टी के आधिकारिक निर्णय की जानकारी दी। अभिषेक ने कहा कि जगदीप धनखड़ के समर्थन का तो सवाल ही नहीं उठता। लेकिन हम मार्गरेट अल्वा का समर्थन इसलिए नहीं कर रहे हैं क्योंकि उनको उम्मीदवार घोषित करने से पहले तृणमूल कांग्रेस जैसी पार्टी जिसके पास 35 लोकसभा और राज्यसभा सांसद हैं, से कोई सलाह मशवरा नहीं किया गया।

तृणमूल कांग्रेस के इस फैसले को विपक्षी एकता के लिए झटका माना जा रहा है। तृणमूल के उपराष्ट्रपति चुनावों से पीछे हटने के कारण राजग उम्मीदवार जगदीप धनखड़ की राह ज्यादा आसान हो गई है। उपराष्ट्रपति चुनावों में केवल संसद के दोनों सदनों के सदस्य ही मतदान करते हैं। इसमें मनोनित सदस्य भी हिस्सा लेते हैं। अगर संसद के सदस्यों की संख्या हिसाब से राजग उम्मीदवार को आसानी से 450 वोट मिलते दिख रहे हैं। तृणमूल के बाहर होने के बाद जीत के लिए आवश्यक मतों की संख्या भी कम हो जाएगी।

क्या कहते हैं आंकड़े

फिलहाल लोकसभा में 543 सांसद हैं। राज्य सभा में अभी 237 सांसद हैं। राज्यसभा में अभी 3 नामित सदस्यों की सीट खाली है। अगर 6 अगस्त को होने वाले चुनाव से पहले ये सीटें नहीं भरती हैं तो कुल 780 सदस्य वोट करेंगे। अगर 780 वोट पड़ते हैं तो उम्मीदवार को जीत के लिए प्रथम वरीयता के 391 वोट चाहिए होंगे। लोकसभा में भाजपा के 303 सदस्य हैं, जबकि राज्यसभा में 91 हैं। अगर नामित सदस्यों को भी मिला दिया जाए तो भाजपा अपने दम पर 400 के करीब पहुंच जाएगी। भाजपा को कई अन्य दलों का समर्थन भी मिस सकता है और तृणमूल के पीछे हटने से जीत के लिए जरूरी मतों की संख्या भी कम हो गई है। ऐसे में जगदीप धनखड़ का अगला उपराष्ट्रपि बनना तय माना जा रहा है।

टॅग्स :Trinamool Congressमार्गरेट अल्वाभारत के उपराष्ट्रपतिvice president of indiaMamta Banerjee
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