NRC लिस्ट जारी होने के बाद बोले असदुद्दीन ओवैसी, बीजेपी गैर मुस्लिमों को दे सकती है नागरिकता
By स्वाति सिंह | Updated: August 31, 2019 14:39 IST2019-08-31T14:39:41+5:302019-08-31T14:39:41+5:30
असम में बहुप्रतीक्षित राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) की अंतिम सूची शनिवार को ऑनलाइन जारी कर दी गई। इसमें करीब 19.07 लाख आवेदकों को बाहर रखा गया है।

असदुद्दीन ओवैसी ने कहा मुझे शक है कि बीजेपी नागरिकता संशोधन बिल के जरिए बीजेपी ऐसा बिल ला सकती है
एनआरसी लिस्ट जारी होने के बाद एआईएमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने शनिवार को कहा कि बीजेपी को सबक सीखना चाहिए। उन्होंने कहा 'उन्हें हिंदुओं और मुसलमानों के संदर्भ में पूरे देश में एनआरसी के लिए पूछना बंद कर देना चाहिए। असम में जो हुआ है उससे उन्हें सीखना चाहिए। अवैध प्रवासियों के तथाकथित मिथक का भंडाफोड़ हुआ है।'
ओवैसी ने आगे कहा 'असम में कई लोगों ने मुझे बताया है कि माता-पिता के नाम शामिल हैं, लेकिन उनके बच्चों के नाम शामिल नहीं हैं। उदाहरण के लिए मोहम्मद सनाउल्लाह ने सेना में काम किया। उनका मामला हाई कोर्ट में लंबित है। मुझे उम्मीद है कि उन्हें न्याय मिलेगा।
उन्होंने कहा मुझे शक है कि बीजेपी नागरिकता संशोधन बिल के जरिए बीजेपी ऐसा बिल ला सकती है, जिससे सभी गैर मुस्लिमों को नागरिकता दे सकती है, जो समानता के अधिकार का उल्लंघन होगा।
बता दें कि असम में बहुप्रतीक्षित राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) की अंतिम सूची शनिवार को ऑनलाइन जारी कर दी गई। इसमें करीब 19.07 लाख आवेदकों को बाहर रखा गया है। एनआरसी के राज्य समन्वयक कार्यालय ने एक बयान में कहा कि 3,30,27,661 लोगों ने एनआरसी में शामिल होने के लिए आवेदन दिया था। इनमे से 3,11,21,004 लोगों को शामिल किया गया है और 19,06,657 लोगों को बाहर कर दिया गया है।
शामिल किए गए और बाहर किए गए नामों को लोग एनआरसी की वेबसाइट nrcassam.nic.in पर देख सकते हैं। बयान में कहा गया कि सुबह 10 बजे अंतिम सूची प्रकाशित की गई। शामिल किए गए लोगों की पूरक सूची एनआरसी सेवा केंद्रों (एनएसके), उपायुक्त के कार्यालयों और क्षेत्राधिकारियों के कार्यालयों में उपलब्ध है, जिसे लोग कामकाज के घंटों के दौरान देख सकते हैं।
इस सूची से असंतुष्ट लोग 120 दिन के भीतर विदेशी न्यायाधिकरण का रुख कर सकते हैं। असम सरकार ने पहले कहा था जिन लोगों को एनआरसी सूची में शामिल नहीं किया गया उन्हें किसी भी स्थिति में हिरासत में नहीं लिया जाएगा, जब तक विदेशी न्यायाधिकरण (एफटी) उन्हें विदेशी ना घोषित कर दे। एनआरसी मसौदे के हिस्से के तौर पर 31 दिसम्बर 2017 आधी रात को 1.9 करोड़ लोगों के नाम इसमें शामिल किए गए थे।