रिहाई के बाद मुनव्वर फारुकी ने कहा, ‘मुझे उस बात के चलते खरोंच आई जो मैंने की तक नहीं थी’

By भाषा | Published: February 14, 2021 12:34 PM2021-02-14T12:34:19+5:302021-02-14T12:34:19+5:30

After the release, Munawar Farooqui said, 'I got scratched because of what I didn't even know' | रिहाई के बाद मुनव्वर फारुकी ने कहा, ‘मुझे उस बात के चलते खरोंच आई जो मैंने की तक नहीं थी’

रिहाई के बाद मुनव्वर फारुकी ने कहा, ‘मुझे उस बात के चलते खरोंच आई जो मैंने की तक नहीं थी’

इंदौर (मध्यप्रदेश), 14 फरवरी कला और मनोरंजन के क्षेत्रों को लोगों को आपस में जोड़ने का जरिया बताते हुए हास्य कलाकार मुनव्वर फारुकी ने कहा है कि वह हमेशा दर्शकों को हंसाकर उन्हें खुश करना चाहते हैं और उनका यह इरादा कभी नहीं रहा कि उनके चुटकुलों से किसी भी व्यक्ति का दिल दुखे।

धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के आरोप में गिरफ्तारी के बाद न्यायिक हिरासत के तहत यहां केंद्रीय जेल में 35 दिन गुजारने वाले 32 वर्षीय फारुकी ने यह भी कहा कि इंटरनेट पर “लड़ाई-झगड़े की भेड़चाल” और “सियासत” के चलते उन्हें उस बात की वजह से “खरोंच” आई जो उन्होंने की तक नहीं थी।

हास्य कलाकार ने अपने यूट्यूब खाते पर शनिवार देर रात जारी वीडियो में ये बातें कहीं। यह उच्चतम न्यायालय से मिली अंतरिम जमानत पर उनकी जेल से रिहाई के बाद इस खाते पर डाला गया पहला वीडियो है। उन्हें बेहद नाटकीय घटनाक्रम के दौरान छह फरवरी की देर रात मीडिया की निगाहों से बचाते हुए जेल से रिहा किया गया था।

इंदौर और प्रयागराज में दर्ज आपराधिक मामलों में हिंदुओं की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के एक जैसे आरोपों का सामना कर रहे फारुकी ने हालांकि 10 मिनट 32 सेकंड के यूट्यूब वीडियो में इन प्रकरणों का सीधा जिक्र नहीं किया। लेकिन खुलकर अपना पक्ष रखा।

उन्होंने ‘वेलेंटाइन-डे’ से ठीक पहले जारी वीडियो में कहा, “मैं किसी की भावनाओं को ठेस कैसे पहुंचा सकता हूं? मैं किसी का दिल कैसे दुखा सकता हूं? मैं तो किसी को धक्का तक लगने पर चार बार सॉरी बोल देता हूं।”

फारुकी के खिलाफ दर्ज मामलों में भारतीय दंड विधान की धारा 295-ए (किसी वर्ग की धार्मिक भावनाओं को आहत करने के इरादे से जान-बूझकर किए गए विद्वेषपूर्ण कार्य) शामिल है। उन्होंने कहा, “मेरा यह इरादा हो ही नहीं सकता कि मेरे किसी भी चुटकुले से किसी भी व्यक्ति का दिल दुखे।”

फारुकी ने जोर देकर कहा कि इंटरनेट पर फिजूल की बातों को लेकर अंतहीन बहस-मुबाहिसों, गाली-गलौज और नफरत फैलाने का सिलसिला बंद होना चाहिए। हास्य कलाकार ने पूछा, “हम क्यों भूल चुके हैं कि इंटरनेट मनोरंजन और सूचनाओं के लिए है?”

अधिकारियों के मुताबिक इंदौर की भाजपा विधायक मालिनी लक्ष्मण सिंह गौड़ के बेटे एकलव्य सिंह गौड़ ने शहर के एक कैफे में एक जनवरी की शाम आयोजित हास्य कार्यक्रम को लेकर फारुकी और अन्य लोगों के खिलाफ तुकोगंज पुलिस थाने में इसी तारीख की रात मामला दर्ज कराया था। विधायक पुत्र का आरोप है कि इस कार्यक्रम में हिंदू देवी-देवताओं, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और गोधरा कांड को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणियां की गई थीं।

हालांकि, फारुकी के वकील दावा करते रहे हैं कि इन कथित टिप्पणियों को लेकर उनके मुवक्किल पर प्राथमिकी में लगाए गए आरोपों का इंदौर के कार्यक्रम से कोई लेना-देना नहीं है और उनकी पुरानी प्रस्तुतियों के विवादों को लेकर उनके खिलाफ राजनीतिक दबाव में स्थानीय स्तर पर मामला गढ़ा गया है।

फारुकी ने यूट्यूब पर डाले गए वीडियो में इंदौर के विवादास्पद हास्य कार्यक्रम का सीधा जिक्र किए बगैर कहा, “क्या हम इंटरनेट पर बस लड़ते रहेंगे? यह जो भेड़चाल है, यह जो सियासत है, उसका कोई भी शिकार हो सकता है। मैं इसका शिकार नहीं हुआ, मुझ पर तो सिर्फ खरोंच आई और वह भी उस चीज की वजह से जो मैंने की तक नहीं थी।”

हास्य कलाकार ने कहा, “किसी की सियासत और किसी की भेड़चाल के चक्कर में किसी की जिंदगी बर्बाद हो सकती है।”

उन्होंने यह भी कहा कि हर कलाकार लोगों के मनोरंजन के लिए काफी मेहनत करता है तथा “कला और मनोरंजन ने लोगों को हमेशा एक किया है।”

फारुकी ने कहा, “कुछ लोग इंटरनेट पर नफरत फैला रहे हैं। लेकिन हम नफरत फैलाने वालों को स्टार (मशहूर हस्ती) क्यों बनाएं? आप तय करें कि आप इंटरनेट पर प्यार बांटना चाहते हैं या नफरत?”

उन्होंने ‘मुनव्वर फारुकी लीविंग कॉमेडी’ (मुनव्वर फारुकी हास्य-व्यंग्य करना छोड़ रहे हैं) के शीर्षक से यूट्यूब पर वीडियो जारी किया। लेकिन इसके अंत में उन्होंने अपने प्रशंसकों से क्षमा मांगते हुए कहा कि शीर्षक का हिज्जा गलत लिखा गया था और इसका सही हिज्जा है- ‘मुनव्वर फारुकी लिविंग कॉमेडी’ (मुनव्वर फारुकी हास्य-व्यंग्य को जी रहे हैं)।

फारुकी ने कहा, “मैं कॉमेडी की वजह से जिंदा हूं और कॉमेडी नहीं छोड़ सकता। जो लोग मुझसे नफरत कर रहे हैं, मैं उनका भी दिल जीत लूंगा। बस इसके लिए मुझे थोड़ी मेहनत करनी पड़ेगी। हर कलाकार को यह चुनौती नहीं मिलती। मुझे यह चुनौती मिली है और मैं सबका दिल जीतकर दिखाऊंगा।”

फारुकी ने किसी नामालूम शायर के हवाले से अपनी बात खत्म करते हुए कहा, “मेरा ख्वाब जगेगा मेरी नींद भरी आंखों में, आंख लगे कभी तो थाम लेना हाथ मेरा, ताज चढ़ेगा सर, महल बनेगा, कभी लिखना रुके तो काट देना दोनों हाथ मेरे।

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Web Title: After the release, Munawar Farooqui said, 'I got scratched because of what I didn't even know'

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