मांगे पूरी होने के बाद किसानों ने हरियाणा के थानों के बाहर धरना प्रदर्शन रद्द किया

By भाषा | Published: June 7, 2021 10:40 PM2021-06-07T22:40:45+5:302021-06-07T22:40:45+5:30

After the fulfillment of the demands, the farmers canceled the protest outside the police stations of Haryana. | मांगे पूरी होने के बाद किसानों ने हरियाणा के थानों के बाहर धरना प्रदर्शन रद्द किया

मांगे पूरी होने के बाद किसानों ने हरियाणा के थानों के बाहर धरना प्रदर्शन रद्द किया

टोहाना (हरियाणा), सात जून जजपा के एक विधायक देवेंद्र सिंह बबली के खिलाफ प्रदर्शन के मामले में गिरफ्तार एक किसान कार्यकर्ता को जमानत पर रिहा किए जाने के तुरंत बाद सोमवार शाम को प्रदर्शनकारी किसानों ने एक थाने के बाहर अपना धरना समाप्त कर दिया।

इससे पहले, संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने गिरफ्तार किए गए दो किसानों को सोमवार को रिहा किए जाने बाद हरियाणा के सभी पुलिस थानों के बाहर प्रदर्शन करने की योजना रद्द कर दी, लेकिन एक और कार्यकर्ता की गिरफ्तारी के बाद से फतेहाबाद जिले के टोहाना में सदर थाने के बाहर प्रदर्शन जारी रखने का फैसला किया था।

अधिकारियों ने पुष्टि की है कि प्रदर्शन रद्द किए जाने के बाद किसान थाने से चले गए। एसकेएम के वरिष्ठ नेताओं राकेश टिकैत, योगेंद्र यादव और गुरनाम सिंह चढूनी के नेतृत्व में किसान टोहाना में थाने के बाहर प्रदर्शन कर रहे थे। पिछले सप्ताह बबली के आवास का कथित तौर पर घेराव करने के प्रयास के लिए गिरफ्तार किसान रवि आजाद और विकास सिसार को जमानत पर रिहा कर दिया गया जबकि एक अन्य किसान माखन सिंह को शाम में छोड़ दिया गया।

इससे पहले, किसान नेताओं ने मांग की थी कि बबली के खिलाफ प्रदर्शन के मामले में कुछ किसानों के खिलाफ दर्ज मामले वापस लिए जाएं। बहरहाल, टिकैत ने कहा कि गिरफ्तार किए गए किसानों को रिहा कर दिया गया है और इसे उन्होंने किसानों की जीत करार दिया।

यादव ने कहा कि किसानों की सभी मांगें मान ली गयी हैं और तीनों की रिहाई को एसकेएम के लिए बड़ी जीत बताया। केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ संयुक्त किसान मोर्चा के नेतृत्व में किसान आंदोलन कर रहे हैं। यादव ने ट्वीट किया, ‘‘टोहाना में किसान आंदोलन की बड़ी जीत, सभी मांगे पूरी हुईं। विधायक बबली ने माफी मांगी। उनके साथियों ने झूठी शिकायत वापस ली। तीनों किसान नेता रिहा किए गए और मुकदमे वापस लिए जाएंगे। अब वापस मुख्य लड़ाई पर और ज्यादा ऊर्जा व जोश के साथ।’’

टिकैत ने भी कहा कि यह फैसला किया गया है कि किसान भाजपा-जजपा के नेताओं और सरकारी कार्यक्रमों में शिरकत करने वाले विधायकों का विरोध करते हुए उन्हें काले झंडे दिखाएंगे लेकिन उनके निजी आयोजनों में खलल नहीं डालेंगे। भारतीय किसान यूनियन के नेता ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘तीनों काले कृषि कानून वापस लिए जाने तक आंदोलन जारी रहेगा।’’

जेल से बाहर आने के बाद आजाद ने कहा कि कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन अब जनआंदोलन बन गया है। आजाद ने कहा, ‘‘यह किसानों के सम्मान की लड़ाई है और सरकार को कृषि कानूनों को वापस ही लेना होगा।’’

किसानों ने बुधवार रात जननायक जनता पार्टी (जजपा) के विधायक देवेंद्र सिंह बबली के आवास का घेराव करने की कोशिश की, जिसके बाद किसानों के एक समूह के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी। विकास सिसार और रवि आजाद पर भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं और आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के तहत मामला दर्ज किया गया था।

बबली को एक जून को किसानों के एक समूह के विरोध का सामना करना पड़ा था। वहीं, बबली ने आरोप लगाया था कि कुछ प्रदर्शनकारियों ने गलत व्यवहार किया और उनकी कार के शीशे तोड़ दिए। हालांकि, किसानों ने बबली पर सार्वजनिक रूप से अभद्र और धमकी भरी भाषा का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया था।

प्रदर्शनकारी किसानों ने कहा था कि अगर विधायक बबली ने छह जून तक माफी नहीं मांगी तो वे सात जून को राज्य भर के सभी थानों का घेराव करेंगे। विधायक अभद्र भाषा का इस्तेमाल करने के लिए माफी मांग चुके हैं।

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Web Title: After the fulfillment of the demands, the farmers canceled the protest outside the police stations of Haryana.

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