राजस्व कम आने के बाद पीएम मोदी ने की अपने स्टॉफ की छंटनी, सभी मंत्रियों को भी किया आगाह
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: January 2, 2020 09:09 AM2020-01-02T09:09:27+5:302020-01-02T09:10:27+5:30
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खर्च में कटौती की शुरुआत स्वयं से की है. उन्होंने अपना निजी स्टाफ 50 फीसदी कम कर दिया है. इसके अलावा प्रधानमंत्री कार्यालय के कर्मचारियां की संख्या में 15 फीसदी की कटौती की है.
इस वित्त वर्ष में उम्मीद से कम राजस्व मिलने के बाद केंद्र सरकार ने खर्चों में कटौती की नीति अपनाने की शुरुआत की है. त्याचाच इसके तहत सरकारी खर्च में कटौती की जा रही है और इस तिमाही में खर्च की सीमा 33 फीसदी से घटाकर 25 फीसदी पर लाई गई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खर्च में कटौती की शुरुआत स्वयं से की है. उन्होंने अपना निजी स्टाफ 50 फीसदी कम कर दिया है. इसके अलावा प्रधानमंत्री कार्यालय के कर्मचारियां की संख्या में 15 फीसदी की कटौती की है. उन्होंने सभी मंत्रियों को खर्च में 20 फीसदी की कटौती करने के भी निर्देश दिए है. प्रधानमंत्री के निजी स्टॉफ के कर्मचारियों की संख्या अब 25 रह गई है. मोदी ने निर्देश दिए कि अन्य मंत्री भी अपने कर्मचारियों में कटौती करें.
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने खर्च में कटौती करने के निर्देश सभी मंत्रालयों को दिए हैं इसलिए उन्हें अपनी योजना व परियोजनाओं पर खर्च कम करने होंगे अथवा कुछ परियोजनाओं को फिलहाल रोकना होगा. इसका असर विकास कार्यों पर होगा. आगामी तीन महीने में खर्च की सीमा 25 फीसदी पर लाने से सभी को 8 फीसदी कटौती करनी होगी. आम तौर पर पहले तीन महीने में ज्यादा कुछ खर्च नहीं होता और प्रत्येक मंत्रालय और विभागों की निधि बाकी रहती है. जबकि आखिरी तिमाही में खर्च करने पर सभी विभागों का जोर होता है.
अब तक की सीमाओं में यह था कि आखिरी चरण में फिजूलखर्ची को रोकने के लिए वे बजट में संबंधित विभागों के लिए किए गए प्रावधानों का अधिकतम 33 फीसदी दिया जाए. 3 महीनों में खर्च में कमी वित्त मंत्रालय ने निर्देश दिए थे कि खर्च की सीमा को 25 फीसदी करने के दौरान वित्त वर्ष के आखिरी महीने में महज 10 फीसदी ही खर्च करें. इसके पहले महीने में 15 फीसदी खर्च करने की अनुमति थी. वित्त मंत्रालय ने सभी मंत्रालयों तथा विभागों को निर्देश दिए हैं कि जनवरी और फरवरी के दौरान खर्च की सीमा को 18 फीसदी से घटाकर अब 15 फीसदी पर लाया जाए.