नियंत्रण रेखा पर शांति के बाद, सरहदी गांवों में लौटी शादियों की रौनक

By भाषा | Published: April 13, 2021 05:44 PM2021-04-13T17:44:59+5:302021-04-13T17:44:59+5:30

After peace on the Line of Control, marriages returned to border villages | नियंत्रण रेखा पर शांति के बाद, सरहदी गांवों में लौटी शादियों की रौनक

नियंत्रण रेखा पर शांति के बाद, सरहदी गांवों में लौटी शादियों की रौनक

जम्मू, 13 अप्रैल जम्मू-कश्मीर में स्थित नियंत्रण रेखा पर भारत और पाकिस्तान के संघर्ष विराम समझौते को बरकरार रखने के लिए सहमत होने के बाद केंद्र शासित प्रदेश के सरहदी गांवों में शादियों की रौनक लौटने लगी है।

भारत और पाकिस्तान के सैन्य अभियान के महानिदेशकों (डीजीएमओ) के 24-25 फरवरी की रात से संघर्ष विराम को बरकरार रखने पर सहमत होने से, नियंत्रण रेखा से सटे गांवों के लोगों को सीमा पार से होने वाली गोलाबारी के खतरे से राहत मिली है।

दोनों देशों के बीच नवंबर 2003 में मूल संघर्ष विराम समझौता हुआ था लेकिन 2006 के बाद से इसने अपनी प्रासंगिकता खो दी और बार-बार संघर्ष विराम का उल्लंघन होता रहा। गोलीबारी और गोलाबारी की सबसे ज्यादा 5000 से अधिक घटनाएं 2020 में रिकॉर्ड की गईं।

अधिकारियों ने बताया कि फरवरी से दोनों देशों के संघर्ष विराम समझौते का पालन करने के बाद से लोगों ने खेतीबाड़ी और अन्य गतिविधियां शुरू कर दी हैं।

उन्होंने बताया कि लोगों ने शादी करने के लिए सुरक्षित स्थानों पर जाने के बजाय अपने घरों में ही शादियों का जश्न मनाना शुरू कर दिया है।

उन्होंने बताया कि इन दिनों पुंछ और राजौरी जिलों में सीमा पर बिजली के बल्ब से रोशन शादी वाले घर आम तौर दिख जाते हैं तथा लोग ढोलक की ताल पर नृत्य करते नजर आते हैं। यह ऐसा दृश्य है जो गोलाबारी के डर से दिखना ही बंद हो गया था।

पुंछ के सवियान इलाके में जीरो लाइन से सटे गगरिया गांव के एक दूल्हे परवेज़ अहमद ने कहा, “ हम इस तरह की रौनक लंबे समय के बाद देखकर काफी खुश हैं।”

अहमद उन लोगों में शामिल हैं जिनकी शादी पिछले हफ्ते हुई है। ऐसा लगता है कि पहले के दिनों का खौफ अभी खत्म नहीं हुआ है, क्योंकि उनके दो रिश्तेदार बारात निकालने के दौरान हाथ में सफेद झंडा लेकर चले।

स्थानीय नागरिक मोहम्मद अकबर मीर ने कहा कि पहले हमें सीमा पार से होने वाली भारी गोलीबारी के कारण घरों में ही रहना पड़ता था।

उन्होंने कहा, “ इस बार शादियों धूम-धाम से हो रही हैं … व्यापार जैसी सामान्य गतिविधियां भी शुरू हो गई हैं। पहले तो हमें गांव के ऊपर पहाड़ों पर रखी पाकिस्तानी बंदूकों का डर रहता था। ”

नव विवाहिता तरन्नुम ने कहा कि गोलाबारी और गोलीबारी ने नियंत्रण रेखा से सटे इलाकों में रहने वालों की जिंदगी को बहुत खतरे में डाला हुआ था।

उन्होंने कहा, ‘‘लोग मार रहे थे, घर तबाह हो रहे थे … अब हम खुश हैं, क्योंकि हालिया समझौते से शांति लौटी है।’’

छात्र भी खुश हैं क्योंकि अमन ने बच्चों की सुरक्षा को लेकर माता-पिता की चिंता को कम किया है।

मेंढर के एक स्कूल मेंपढ़ने वाले 12वीं कक्षा के छात्र मोहम्मद फारूक ने बताया कि शांति की वजह से सरहद से सटे इलाकों में स्थित स्कूलों में सामान्य कामकाज शुरू हो सका।

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Web Title: After peace on the Line of Control, marriages returned to border villages

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