सत्ता गंवाने के बाद इस महीने बिहार दौरे पर जाएंगे भाजपा के शीर्ष नेता, जानें पूरा मामला

By मनाली रस्तोगी | Updated: September 8, 2022 12:30 IST2022-09-08T12:29:23+5:302022-09-08T12:30:13+5:30

हिंदी पट्टी में बिहार एकमात्र ऐसा राज्य है जहां भाजपा अपने दम पर सरकार बनाने या संगठन का विस्तार करने में असमर्थ रही है।

After losing power top BJP leaders to visit Bihar this month | सत्ता गंवाने के बाद इस महीने बिहार दौरे पर जाएंगे भाजपा के शीर्ष नेता, जानें पूरा मामला

सत्ता गंवाने के बाद इस महीने बिहार दौरे पर जाएंगे भाजपा के शीर्ष नेता, जानें पूरा मामला

Highlightsभाजपा के शीर्ष नेताओं का इस महीने बिहार का दौरा करने का कार्यक्रम है।2024 के लोकसभा चुनाव से पहले बिहार भाजपा के लिए फोकस का शीर्ष क्षेत्र बना हुआ है।बिहार हिंदी पट्टी का एकमात्र राज्य है जहां भाजपा अपने दम पर सरकार बनाने या संगठन का विस्तार करने में असमर्थ रही है।

पटना: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के शीर्ष नेताओं का इस महीने बिहार का दौरा करने का कार्यक्रम है। दरअसल, यहां अगस्त में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सरकार बनाने के लिए राष्ट्रीय जनता दल (राजद), कांग्रेस और वाम दलों का दामन थाम लिया था, जिसकी वजह से भाजपा बिहार में सत्ता से बाहर हो गई। मामले से वाकिफ लोगों ने कहा कि 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले बिहार भाजपा के लिए फोकस का शीर्ष क्षेत्र बना हुआ है।

बता दें कि बिहार हिंदी पट्टी का एकमात्र राज्य है जहां भाजपा अपने दम पर सरकार बनाने या संगठन का विस्तार करने में असमर्थ रही है। ये राज्य 40 सांसदों को संसद भेजता है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह 23 सितंबर को बिहार का दौरा करेंगे। यही नहीं, केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के भी बिहार का दौरा करने की उम्मीद है। वो यहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर एक किताब का विमोचन कर सकती हैं। 

बिहार भाजपा अध्यक्ष संजय जायसवाल का कहना है, "ईरानी की यात्रा अलग है। शाह का दौरा भाजपा की नियमित पहुंच का हिस्सा है। सीमांचल में कार्यक्रम बहुत पहले से तय थे...उसके बाद के कार्यक्रमों की भी योजना है। हमारी गतिविधियां कभी नहीं रुकतीं।" उन्होंने शाह की मुस्लिम बहुल सीमांचल की यात्रा और भाजपा के धार्मिक आधार पर राज्य का ध्रुवीकरण करने के कथित प्रयासों के बीच किसी भी संबंध को खारिज कर दिया।

जायसवाल ने कहा कि भाजपा 17 सितंबर से लोगों तक पहुंचने के लिए एक पखवाड़े का कार्यक्रम आयोजित करेगी। बताते चलें कि 17 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जन्मदिन है। वहीं, पिछले साल बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मोदी के जन्मदिन के अवसर पर 30 लाख खुराक देने के लिए एक विशेष कोविड टीकाकरण अभियान की घोषणा की थी। 

नीतीश कुमार के जनता दल (यूनाइटेड) के भाजपा से अलग होने के बाद अमित शाह का सीमांचल का उनका पहला दौरा होगा। वह भाजपा के कोर ग्रुप की बैठक में शामिल होंगे और पूर्णिया और किशनगंज में दो रैलियों को संबोधित करेंगे। भाजपा ने बिहार में 2024 के राष्ट्रीय चुनावों में 35 सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है। भाजपा ने 2019 में जद (यू) और अन्य पार्टियों के साथ गठबंधन में 40 में से 39 सीटें जीती थीं।

नित्यानंद राय, संजय जायसवाल और तारकेश्वर प्रसाद ने सीमांचल का दौरा कर पार्टी को मजबूत करने के लिए बैठकें कीं। वहीं, राय ने कहा, "नीतीश कुमार की विश्वसनीयता खत्म हो गई है। वह चाहे कहीं भी जाएं, उन्हें राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव के खाके का पालन करना होगा। वह अब हमारे लिए एक कारक नहीं है। हम एक कार्यकर्ता-आधारित पार्टी हैं और हम बिहार की प्रगति के लिए काम करते रहेंगे, न कि व्यक्तियों के हितों के अनुरूप। कुमार के लगातार गिरते ग्राफ के बावजूद हमारे मन में उनके लिए अत्यंत सम्मान है, लेकिन, शायद, वह इसके लायक नहीं थे।" 

Web Title: After losing power top BJP leaders to visit Bihar this month

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