बिहार में शराबबंदी कानून के बाद अदालतों में मुकदमों की बाढ़, सरकार ने गठित की है विशेष कोर्ट

By एस पी सिन्हा | Updated: December 31, 2021 17:49 IST2021-12-31T17:48:14+5:302021-12-31T17:49:44+5:30

शराबबंदी कानून के उल्लंघन से जुड़े मुकदमों के लिए 74 विशेष कोर्ट में सबसे अधिक चार विशेष कोर्ट पटना में बनाए गए हैं. इससे केसों की जल्द सुनवाई का मार्ग प्रशस्त होने की उम्मीद है.

After liquor prohibition law in Bihar, number of cases rises govt constituted special court | बिहार में शराबबंदी कानून के बाद अदालतों में मुकदमों की बाढ़, सरकार ने गठित की है विशेष कोर्ट

बिहार में शराबबंदी कानून के बाद अदालतों में मुकदमों की बाढ़, सरकार ने गठित की है विशेष कोर्ट

पटना: बिहार में शराब बंदी कानून लागू होने के बाद से अदालतों में मुकदमों की बाढ़ आई हुई है. आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक शराबबंदी कानून लागू होने के बाद 25 दिसंबर 2021 तक राज्य में इससे जुडे 3.41 लाख से अधिक मामले दर्ज किये गये हैं. इनमें करीब 2.03 लाख मामलों में ही कोर्ट ने संज्ञान लिया है. करीब 1.38 लाख मामलों पर अब तक संज्ञान नहीं ला जा सका है.

ऐसे में अब शराबबंदी से जुड़े मुकदमों के जल्द निपटारे के लिए सरकार ने राज्य में 74 विशेष कोर्ट गठित कर दिए हैं. इससे शराबबंदी से जुड़े लंबित मामलों के जल्द निपटारे की उम्मीद जगी है. फिलहाल सामान्य न्यायालयों में ही इसकी सुनवाई होने से सिर्फ जमानत से जुड़े मामलों की सुनवाई ही संभव हो पा रही थी. 

बिहार के किन जिलों में कितने केस

इससे केसों का संज्ञान, ट्रायल, सजा व रिहाई से जुडी प्रक्रिया लंबित थी. बताया जाता है कि चंपारण में सबसे अधिक मामले दर्ज है. पूर्वी चंपारण में सर्वाधिक 14 हजार से अधिक मामले दर्ज हुए हैं. सबसे अधिक 128 लोगों को सजा भी यहीं दिलाई गई है. 

इसके अलावा पश्चिमी चंपारण में 11 हजार से अधिक, औरंगाबाद व सीवान में आठ हजार से अधिक, जबकि रोहतास, नालंदा, भागलपुर व पूर्णिया में सात हजार से अधिक मामले दर्ज किये गये हैं.

उसी तरह से संज्ञान के लंबित मामलों में अधिकतर पटना के हैं. पूरे राज्य में संज्ञान के लिए लंबित 1.38 लाख केस में सर्वाधिक 38.5 हजार मामले पटना के हैं. पटना में पुलिस के 33268, जबकि उत्पाद विभाग के 5240 केसों में संज्ञान नहीं हुआ है.

इसको देखते हुए 74 विशेष कोर्ट में सबसे अधिक चार विशेष कोर्ट पटना में बने हैं. इन कोर्ट के गठन से अब अनुमंडल स्तर पर इन केसों की जल्द-से-जल्द सुनवाई का मार्ग प्रशस्त होगा. पटना के साथ ही मुजफ्फरपुर में 10 हजार से अधिक, सारण में आठ हजार से अधिक, जबकि गया में 6800 से अधिक मामले संज्ञान की प्रतीक्षा में हैं. गया में तीन न्यायिक पदाधिकारियों की नियुक्ति हुई है.

Web Title: After liquor prohibition law in Bihar, number of cases rises govt constituted special court

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