नई दिल्ली: भारत व चीनी सेना के बीच पूर्वी लद्दाख में विवाद अब काफी अधिक बढ़ गया है। एलएसी पर जारी विवाद के बीच सोमवार रात हुए हिंसक झड़प में चीनी सेना ने धुर्तता से भारतीय जवानों पर जानलेवा हमला कर दिया। इस हमले में भारत के 20 जवान शहीद हो गए हैं।
इस घटना पर मंगलवार शाम को भारतीय सेना ने प्रेस को बताया कि चीनी सेना के जवानों को भारतीय जवानों ने मुंहतोड़ जवाब दिया है। भारतीय सेना ने अपने अधिकारिक बयान में कहा है कि भारतीय वीरों ने इस संघर्ष में ड्रैगन को धूल चटाते हुए बड़ी संख्या में उसके सैनिक मार गिराए। इस बीच भारतीय सेना ने कहा है कि है कि हम भारत की अखंडता और संप्रभुता की रक्षा को प्रतिबद्ध हैं।
भारतीय सेना ने कहा झड़प वाले स्थान से दोनों देशों के सेना हट गए हैं-
इस बीच सेना ने बयान जारी करके कहा है कि भारतीय और चीनी सैनिक 15-16 जून की रात हुई झड़प वाले स्थान से हट गए हैं। सेना ने बयान में कहा कि जान गंवाने वाले 20 में से 17 सैनिक गतिरोध वाले स्थान पर, शून्य से नीचे तापमान में ड्यूटी के दौरान गंभीर रूप से घायल हो गए थे। सेना ने रात करीब 10 बजे एक जारी बयान में कहा, ''भारतीय सेना क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता की रक्षा के लिए दृढ़ता के साथ प्रतिबद्ध है।''
लद्दाख में चीन के साथ झड़प पर आया विदेश मंत्रालय का बयान
मंगलवार को भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि सीमा विवाद को सुलझाने के लिए सैन्य और राजनयिक स्तर पर बातचीत जारी है। उन्होंने कहा, '6 जून को सीनियरों कमांडरों की अच्छी बैठक हुई। इसके बाद ग्राउंड कमांडरों के बीच कई बैठकें हुई'। श्रीवास्तव ने आगे कहा कि हमें उम्मीद थी कि सबकुछ अच्छे से होगा।
चीनी पक्ष गलावन वैली में LAC का सम्मान करते हुए पीछे चला गया, लेकिन चीन के द्वारा स्थिति बदलने की एकतरफा कोशिश करने पर 15 जून को एक हिंसक झड़प हो गई। इसमें दोनों पक्षों के लोगों की मौत हुई है, इससे बचा जा सकता था।
वहीं, उन्होंने यह भी कहा कि सीमा प्रबंधन को लेकर भारत का जिम्मेदार रवैया है। भारत सारे काम LAC में अपनी सीमा के अंदर ही करता है, चीन से भी ऐसी उम्मीद हम रखते हैं।'