पटरी पर भारत-नेपाल के रिश्ते, 85 साल बाद दोनों देशों के बीच एकबार फिर से दौड़ने लगी ट्रेन
By एस पी सिन्हा | Published: April 2, 2022 04:38 PM2022-04-02T16:38:12+5:302022-04-02T16:38:12+5:30
कुर्था स्टेशन नेपाल के धनुषा जिले में है जो जनकपुर जोन में आता है। यानी अब सीता के जन्म स्थली तक रेलवे की सेवा शुरू हो गई है।
पटना: 85 साल बाद भारत और नेपाल के बीच एकबार फिर से ट्रेन सेवा शुरू हो गई है। यह ट्रेन बिहार के जयनगर से नेपाल के कुर्था तक ब्रॉड गेज लाइन पर चलेगी। कुर्था स्टेशन नेपाल के धनुषा जिले में है जो जनकपुर जोन में आता है। यानी अब सीता के जन्म स्थली तक रेलवे की सेवा शुरू हो गई है। 85 साल पहले जयनगर से बिजलपुरा के बीच रेल सेवा शुरू हुई थी। तब देश आजाद भी नहीं हुआ था। नेरोगेज पर रेंगने वाली कोयला, लकड़ी से चलने वाली ट्रेन पटरी पर रेंगा करती थी।
इस परियोजना के उद्घाटन के साथ ही इंडो नेपाल रेल परियोजना के तहत जयनगर-कुर्था रेलखंड पर शनिवार से ट्रेनों का परिचानल शुरू हो गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व नेपाल के प्रधानमंत्री शेरबहादुर देउबा संयुक्त रूप से नयी दिल्ली से आज इसका शुभारंभ किया। दोनों ने एकसाथ बजर दबाया और इधर ट्रेन रवाना की गई। 85 साल पहले नेरोगेज पर रेंगने वाली ट्रेन से बेटियां नेपाल और भारत के बीच बसे गांवों में अपने मायके से ससुराल तो ससुराल से मायके आया जाया करती थीं। यही सबसे सुगम रास्ता माना जाता था।
अब देश आजाद है। भारत सरकार रेल युग की नई कहानी लिखी जा चुकी है। ट्रेन के परिचालन से दोनों देशों के रिश्तों को नयी रफ्तार मिलेगी। उद्घाटन समारोह का सीधा प्रसारण किया गया। भारत नेपाल के मधुर रिश्तों का गवाह करोड़ों लोग हुए। आज उद्घाटन के दिन ट्रेन रिजर्व रही। विशेष लोगों को ही ट्रेन से यात्रा की इजाजत मिली। बताया जाता है कि आम लोगों को यात्रा की सुविधा तीन अप्रैल से मिलेगी। उसी दिन से टिकट कटेगा। अब 140 किमी की रफ्तार से पटरी पर दोनों देशों के बीच ट्रेन दौड़ेगी।