10 साल बाद एक बार फिर से लगेगी अटल टनल पर सोनिया गांधी के नाम की पट्टिका!
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: December 14, 2022 07:14 PM2022-12-14T19:14:08+5:302022-12-14T19:14:21+5:30
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अधिकारियों को आदेश जारी कर पांच दिनों के भीतर अटल टनल रोहतांग की शिलान्यास पट्टिका को फिर से स्थापित करने का निर्देश दिया।
शिमलाः हिमाचल में सत्ता परिवर्तन के साथ बीजेपी सरकार द्वारा लिए गए फैसलों को भी बदला जा रहा है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सत्ता की कमान संभालते ही कांग्रेस विधायक दल की बैठक कर अटल टनल पर सोनिया गांधी के नाम की पट्टिका दोबारा लगाने का आदेश जारी कर दिया है।
बीजेपी सड़कों पर उतर कर करेगी विरोध प्रदर्शन
इस फैसले को भाजपा प्रदेश सचिव एवं मंडी संसदीय क्षेत्र के सह प्रभारी बिहारी लाल शर्मा तुगलकी फरमान बताया। उन्होंने कहा कि 'कांग्रेस की सरकार बनते ही तुगलकी सरकार के तुगलकी फरमान जारी होने शुरू हो चुके हैं। मुख्यमंत्री बनने के बाद सुखविंदर सिंह सुक्खू द्वारा की जा रही राजनीति जनविरोधी है।
उन्होंने कहा कि 'अगर अटल टनल रोहतांग से अटल बिहारी वाजपेयी जी की पट्टीका हटाई गई तो भारतीय जनता पार्टी सड़कों पर उतरकर इसका पुरजोर विरोध करेगी। सत्ता में आते ही कांग्रेस जिस तरह के फैसले ले रही हे, वह पार्टी की तानाशाही कार्यशैली को दर्शा रहा है। ऐसा रवैया बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।'
अटल टनल का नाम नहीं बदल रहे
वहीं दूसरी तरफ सीएम सुक्खू ने बीजेपी द्वारा लगाए गए आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि वो अटल टनल का नाम नहीं बदल रहे, उन्होंने कहा कि 'हम अटल टनल का नाम नहीं बदल रहे। बीजेपी ने यहां से सोनिया गांधी की शिलान्यास पट्टिका हटाई थी। हम बस वो पट्टिका फिर से लगवाएंगे।'
उन्होंने कहा कि इसकी आधारशिला कांग्रेस के समय यूपीए की चेयरपर्सन सोनिया गांधी ने रखी थी और अब इसका उद्घाटन पीएम मोदी की ओर से किया गया तो सोनिया गांधी की पट्टिका को वहां से हटा दिया गया। जिसे अब कांग्रेस दोबारा लगाएगी। बीजेपी के समय लगी उद्घाटन पट्टिकाओं के साथ कांग्रेस किसी भी तरह की छेड़छाड़ नहीं करेगी। इसके लिए बीजेपी नेता सुनिश्चित रहें।
आपको बता दें कि 28 जून, 2010 को अटल टनल की आधारशिला रखी गई थी। इस दौरान यूपीए की तत्कालीन अध्यक्ष सोनिया गांधी और देश के रक्षा मंत्री ए.के. एंटनी ने इसका शिलान्यास किया था। उस वक्त इस टनल का नाम रोहतांग टनल था। 4 अक्टूबर, 2020 को अटल टनल के उद्घाटन के वक्त यह शिलान्यास पट्टिका वहां से गायब हो गई।
इसके बाद से ही विपक्ष में रहते हुए कांग्रेस लगातार पट्टिका को दोबारा लगाए जाने की मांग उठा रही थी। हालांकि यह पट्टिका अब तक नहीं लग सकी। हिमाचल प्रदेश की सत्ता की कमान संभालते ही कांग्रेस ने मामला संबंधित प्राधिकारी के पास उठाने का का फैसला लिया है।