अफगानिस्तान पर तालिबान का कब्जा, बाहर निकलने को बेचैन हैं हिंदू और सिख परिवार, डर सता रहा

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: August 18, 2021 07:00 PM2021-08-18T19:00:14+5:302021-08-18T19:01:34+5:30

काबुल पर तालिबान का कब्जा होने से कुछ ही देर पहले राष्ट्रपति अशरफ गनी के देश छोड़कर भागने के कारण अफगानिस्तान का भविष्य अधर में लटकता हुआ दिख रहा है

afghanistan news Afghan Sikhs Hindus Taliban occupation restless families fearing for their lives | अफगानिस्तान पर तालिबान का कब्जा, बाहर निकलने को बेचैन हैं हिंदू और सिख परिवार, डर सता रहा

दोनों देश अतीत में वहां जाकर बसे अफगानों की पहले से काफी मदद कर रहे हैं।

Highlightsतालिबान नेताओं ने सिखों और हिन्दुओं की सुरक्षा का आश्वासन दिया है। जलालाबाद में 2018 में आत्मघाती हमले के बाद भारत गए 10 सिखों सहित 19 लोग वहीं फंसे हुए हैं।कनाडा या अमेरिका अफगान सिख और हिन्दुओं की मदद को आगे आते हैं तो हम वहां जाना पसंद करेंगे।

अमृतसरः अफगानिस्तान पर तालिबान का नियंत्रण होने के बाद वहां रह रहे हिंदू और सिख परिवारों को अपनी जान का डर सता रहा है और वे वहां से निकलना चाहते हैं।

काबुल में रहने वाले एक सिख उद्यमी ने यह बात कही। उन्होंने कहा कि हालांकि कुछ तालिबान नेताओं ने सिखों और हिन्दुओं की सुरक्षा का आश्वासन दिया है। काबुल पर तालिबान का कब्जा होने से कुछ ही देर पहले राष्ट्रपति अशरफ गनी के देश छोड़कर भागने के कारण अफगानिस्तान का भविष्य अधर में लटकता हुआ दिख रहा है।

अफगान उद्यमी गुरदीप सिंह (बदला हुआ नाम) ने कहा कि अफगानिस्तान की राजधानी काबुल पर तालिबान का पूर्ण नियंत्रण हो गया है। उन्होंने कहा कि पिछले अनुभवों को ध्यान में रखते हुए अफगान सिख भारत के बजाय अमेरिका या कनाडा में शरण लेना पसंद करेंगे। उन्होंने कहा कि जलालाबाद में 2018 में आत्मघाती हमले के बाद भारत गए 10 सिखों सहित 19 लोग वहीं फंसे हुए हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘वे लोग वहां अपना व्यापार भी नहीं जमा सकते।’’ सिंह ने कहा कि अब वे ना तो अफगान हैं और ना ही भारतीय। सिंह ने कहा, ‘‘अगर कनाडा या अमेरिका अफगान सिख और हिन्दुओं की मदद को आगे आते हैं तो हम वहां जाना पसंद करेंगे। ये दोनों देश अतीत में वहां जाकर बसे अफगानों की पहले से काफी मदद कर रहे हैं।’’ अफगानिस्तान में मौजूदा हालात पर उन्होंने कहा कि काबुल पर तालिबान का पूर्ण नियंत्रण हो गया है।

काबुल के निकट गुरुद्वारा में शरण लेने वालों सिखों को वापस लाया जाएगा: पुरी

केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने मंगलवार को कहा कि अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद राजधानी काबुल के निकट स्थित एक गुरुद्वारे में शरण लिए सिखों से भारतीय अधिकारी संपर्क में हैं और उन्हें जल्द से जल्द स्वदेश वापस लाया जाएगा। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद हंसराज हंस ने इस मुद्दे पर पुरी से मदद मांगी थी। इसके बाद पुरी ने विदेश मंत्री एस जयशंकर से संपर्क साधा।

पुरी ने पीटीआई-भाषा से बातचीत में कहा, ‘‘जो अफगानिस्तान में हैं, उनसे और सिख नेताओं से हम संपर्क में हैं। उन्हें जल्द से जल्द सुरक्षित वापस लाया जाएगा।’’ उत्तर पश्चिम दिल्ली से लोकसभा सांसद हंस मूल रूप से पंजाब के हैं। उन्होंने कहा कि काबुल के निकट स्थित गुरुद्वारे में 250 के करीब भारतीय मूल के सिख शरण लिए हुए हैं।

उन्होंने बताया, ‘‘मैंने केंद्रीय मंत्री पुरी से मुलाकात की और उनसे मदद की गुहार लगाई। इसके बाद उन्होंने विदेश मंत्री से बात की और आश्वासन दिया कि अफगानिस्तान में फंसे भारतीय मूल के सिखों को नागरिक विमान सेवा बहाल होते ही वापस लाया जाएगा।’’ उन्होंने कहा कि भारतीय अधिकारी उनके संपर्क में हैं और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हरसंभव कदम उठा रहे हैं। 

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