Aero India: थल सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने कहा कि सेना अपने लड़ाकू हवाई विंग के लिए लगभग 95 प्रचंड लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर (एलसीएच) और 110 हल्के उपयोगी हेलीकॉप्टर (एलयूएच) खरीदने की योजना बना रही है।
जनरल पांडे ने बताया कि सेना ऊंचाई वाले क्षेत्रों में तैनाती के लिए स्वदेश निर्मित एलसीएच को शामिल करने पर विचार कर रही है क्योंकि हेलीकॉप्टर की पर्वतीय क्षेत्रों में बेहतर गतिशीलता है। सेना चीता और चेतक हेलीकॉप्टर के अपने पुराने बेड़े को बदलने के लिए एलयूएच और एलसीएच खरीदने पर विचार कर रही है।
उन्होंने कहा कि एलसीएच प्रचंड में एकीकृत की जाने वाली हथियार प्रणालियों में से एक हेलिना मिसाइल होगी और उनका परीक्षण सफल रहा है। बेंगलुरु के बाहरी इलाके में येलहंका वायु सेना परिसर में पत्रकार वार्ता के दौरान उन्होंने कहा, ‘‘हम विमान पर हेलिना मिसाइल के एकीकरण का पता लगा रहे हैं।’’
सरकार द्वारा संचालित एयरोस्पेस कंपनी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) द्वारा विकसित, 5.8-टन दोहरे इंजन वाला हेलीकॉप्टर ऊंचाई वाले क्षेत्रों में दुश्मन के टैंक, बंकर, ड्रोन और अन्य संपत्ति को नष्ट करने में सक्षम है।
हेलीकॉप्टर में दुश्मनों की रडार प्रणाली से बच निकलने की विशेषताएं, मजबूत कवच सुरक्षा और रात में हमला करने की क्षमता है और यह दुनिया के सबसे ऊंचे युद्ध क्षेत्र सियाचिन में भी संचालन करने में पूरी तरह सक्षम है। थल सेना प्रमुख ने कहा कि एलसीएच अपनी गतिशीलता के मामले में बहुत उन्नत है।
रक्षा खरीद परिषद (डीएसी) ने पहले ही 40 हेलिना लांचर और मिसाइल की खरीद को मंजूरी दे दी है। जनरल पांडे ने कहा, ‘‘विमान पर इसका एकीकरण कुछ ऐसा है जो हमें लगता है कि टैंक रोधी निर्देशित मिसाइल की क्षमता को अधिकतम करने के लिए हमारे लिए महत्वपूर्ण है।’’
थल सेना प्रमुख ने कहा कि शुरुआती पांच एलसीएच में से बल को पहले ही तीन मिल चुके हैं। एलयूएच पर, जनरल पांडे ने कहा, सेना को शुरू में हेलीकॉप्टर के छह सीमित श्रृंखला संस्करण मिल रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘इसके बाद, हम 110 एलयूएच पर विचार कर रहे हैं।’’
उन्होंने कहा कि सेना शुरुआती छह हेलीकॉप्टर के प्रदर्शन के आधार पर खरीद योजना को आगे बढ़ाएगी। उन्होंने कहा, ‘‘इस श्रेणी में हमारी कुल जरूरत करीब 250 हेलीकॉप्टर की है।’’ जनरल पांडे ने कहा कि सेना को अगले साल के शुरुआत में अमेरिका से कुल छह अपाचे हेलीकॉप्टर में से पहली खेप मिलने की उम्मीद है।
शेष 2023 के अंत तक आपूर्ति किए जाने की संभावना है। जनरल पांडे ने कहा कि ड्रोन जैमर सहित ड्रोन-रोधी तकनीकों पर भी ध्यान केंद्रित किया गया है। उन्होंने कहा, "हम ड्रोन का मुकाबला करने के लिए कई तरह के उपकरणों पर गौर कर रहे हैं।’’