कर्नाटक हिजाब विवाद: हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देंगे वरिष्ठ अधिवक्ता एएम धर, कही ये बात
By मनाली रस्तोगी | Published: March 15, 2022 02:19 PM2022-03-15T14:19:02+5:302022-03-15T14:22:14+5:30
हिजाब मामले में याचिकाकर्ताओं में से एक वरिष्ठ अधिवक्ता एएम धर हिजाब पर प्रतिबंध को बरकरार रखने के कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देंगे। उन्होंने कोर्ट के फैसले को गलत बताया है।
बेंगलुरु: कर्नाटक हाईकोर्ट ने शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब पर प्रतिबंध को चुनौती देने वाली विभिन्न याचिकाओं को मंगलवार को खारिज कर दिया है। ऐसे में हिजाब मामले में याचिकाकर्ताओं में से एक वरिष्ठ अधिवक्ता एएम धर ने कोर्ट के इस फैसले को गलत बताया। उनका कहना है कि हिजाब पहनना इस्लाम में एक अनिवार्य प्रथा है। हिजाब पर कर्नाटक हाईकोर्ट का फैसला गलत फैसला है। हम इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देंगे। हम उम्मीद करते हैं कि सुप्रीम कोर्ट में न्याय होगा।
Wearing Hijab is an essential practice in Islam. Karnataka HC's verdict on Hijab is a bad judgment. We'll challenge the judgment before Supreme Court. We hope that justice will prevail in the Supreme Court, says senior Advocate AM Dhar one of petitioner(s) in the Hijab Row case pic.twitter.com/KVQUK8m2st
— ANI (@ANI) March 15, 2022
बता दें कि कर्नाटक हाईकोर्ट ने इन याचिकाओं को खारिज करते हुए कहा था कि हिजाब पहनना इस्लाम धर्म में आवश्यक धार्मिक प्रथा का हिस्सा नहीं है। तीन न्यायाधीशों की पीठ ने कहा कि स्कूल की वर्दी का नियम एक उचित पाबंदी है और संवैधानिक रूप से स्वीकृत है, जिस पर छात्राएं आपत्ति नहीं उठा सकती। वहीं, कर्नाटक के प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षा मंत्री बी सी नागेश ने आदेश का स्वागत करते हुए इसे "ऐतिहासिक" बताया। वहीं, कोर्ट के इस फैसले से पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती भी खुश नहीं हैं।
मैं समझती हूं कि एक तरफ तो हम बहुत बड़े दावे करते हैं औरतों के अधिकारों की कि उनको सशक्त बनाना है और दूसरी तरफ हम उनको ये भी हक नहीं देते हैं कि वो क्या पहने और क्या नहीं और अगर वो अपनी मर्जी के मुताबिक कपड़े पहनती हैं तो उन्हें परेशान किया जाता है: PDP अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती
— ANI_HindiNews (@AHindinews) March 15, 2022
सड़कों पर किस तरह से मवाली उनके पीछे पड़ जाते हैं और वहां की सरकारें तमाशबीन बन जाती हैं। मैं समझती हूं कि ये बहुत गलत है हर इंसान, औरत और बच्ची को हक होना चाहिए कि वो क्या कपड़े पहने और क्या नहीं। इसका फैसला अदालतों के पास नहीं होना चाहिए: PDP अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती, श्रीनगर
— ANI_HindiNews (@AHindinews) March 15, 2022
मुफ्ती का कहना है कि हिजाब पर जो फैसला कोर्ट ने कायम रखा है वो बहुत ही निराश करने वाला फैसला है। एक लड़की और एक महिला को ये भी अधिकार नहीं है कि वो क्या पहने और क्या नहीं पहने। उन्होंने ये भी कहा कि मैं समझती हूं कि एक तरफ तो हम बहुत बड़े दावे करते हैं औरतों के अधिकारों की कि उनको सशक्त बनाना है और दूसरी तरफ हम उनको ये भी हक नहीं देते हैं कि वो क्या पहने और क्या नहीं और अगर वो अपनी मर्जी के मुताबिक कपड़े पहनती हैं तो उन्हें परेशान किया जाता है।
इस फैसले से नकारात्मक असर होगा और जगह-जगह मुस्लिम महिलाओं को निशाना बनाया जाएगा। संविधान में विवेक की स्वतंत्रता के तहत हमें इज़ाजत है कि अपना हिजाब भी पहनू और शिक्षा भी हासिल करूं: AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी
— ANI_HindiNews (@AHindinews) March 15, 2022
अपनी बात को जारी रखते हुए पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने कहा कि सड़कों पर किस तरह से मवाली उनके पीछे पड़ जाते हैं और वहां की सरकारें तमाशबीन बन जाती हैं। मैं समझती हूं कि ये बहुत गलत है हर इंसान, औरत और बच्ची को हक होना चाहिए कि वो क्या कपड़े पहने और क्या नहीं। इसका फैसला अदालतों के पास नहीं होना चाहिए। इसके अलावा AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी भी कोर्ट के फैसले से नाखुश हैं।