प्रताप भानू मेहता के इस्तीफे को लेकर अकादमिक विद्वानों ने अशोका विश्वविद्यालय को खुला पत्र लिखा

By भाषा | Updated: March 20, 2021 16:51 IST2021-03-20T16:51:11+5:302021-03-20T16:51:11+5:30

Academic scholars write open letter to Ashoka University regarding Pratap Bhanu Mehta's resignation | प्रताप भानू मेहता के इस्तीफे को लेकर अकादमिक विद्वानों ने अशोका विश्वविद्यालय को खुला पत्र लिखा

प्रताप भानू मेहता के इस्तीफे को लेकर अकादमिक विद्वानों ने अशोका विश्वविद्यालय को खुला पत्र लिखा

नयी दिल्ली, 20 मार्च दुनियाभर के प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों के 150 से अधिक अकादमिक विद्वानों ने अशोका विश्वविद्यालय में प्रोफेसर पद से राजनीतिक टिप्पणीकार प्रताप भानू मेहता के इस्तीफे दिये जाने पर चिंता जतायी है। उन्होंने इस संबंध में विश्वविद्यालय को खुला पत्र लिखा है, जिसमें मेहता के इस्तीफे की वजह राजनीतिक दबाव बताया है।

हरियाणा के सोनीपत में स्थित अशोका विश्वविद्यालय मेहता के इस्तीफे के बाद इस सप्ताह की शुरुआत में विवाद का केन्द्र बन गया था। मेहता ने दो साल पहले विश्वविद्यालय के कुलपति के पद से और हाल ही में प्रोफेसर के ओहदे से इस्तीफा दे दिया।

उन्होंने इस्तीफा देते हुए कहा था कि विश्वविद्यालय के संस्थापकों ने ''बिल्कुल स्पष्ट'' रूप से कहा है कि संस्थान के साथ उनका संबंध 'पॉलिटिकल लायबिलिटी'' था।

दो दिन पहले पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यम ने भी मेहता के प्रति एकजुटता दिखाते हुए विश्वविद्यालय के प्रोफेसर पद से इस्तीफा दे दिया था।

वहीं, विश्वविद्यालय के छात्र, भूतपूर्व छात्र और संकाय सदस्य भी इस मामले लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। उनकी मांग है कि प्रशासन जवाब दे कि क्या मेहता को इसलिये निकाला गया क्योंकि वह जन बुद्धिजीवी और सरकार के आलोचक रहे हैं।

रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने शनिवार को सोशल मीडिया का रुख करते हुए कहा कि मेहता और सुब्रमण्यम के इस्तीफे ''स्वतंत्र अभिव्यक्ति के लिये करारे झटके हैं और संस्थापकों ने विश्वविद्यालय की आत्मा के साथ सौदा कर दिया।''

अकादमिक विद्वानों ने अपने खुले पत्र में लिखा है, '' राजनीतिक दबाव के चलते अशोका विश्वविद्यालय से प्रताप भानू मेहता के इस्तीफा के बारे में जानकर हमें दुख हुआ। भारत की मौजूदा सरकार के जाने-माने आलोचक तथा अकादमिक स्वतंत्रता के रक्षक मेहता को उनके लेखों के चलते निशाना बनाया गया। ऐसा प्रतीत होता है कि अशोका विश्वविद्यालय के न्यासियों ने उनका बचाव करने के बजाय उनपर इस्तीफा देने का दबाव डाला।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Web Title: Academic scholars write open letter to Ashoka University regarding Pratap Bhanu Mehta's resignation

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे