पटना में विपक्षी एकता की बैठक से पहले AAP ने कांग्रेस दिया अल्टीमेटम
By रुस्तम राणा | Published: June 22, 2023 07:22 PM2023-06-22T19:22:51+5:302023-06-22T19:27:25+5:30
आम आदमी पार्टी ने कहा है कि अगर कांग्रेस केंद्र सरकार के उस विवादास्पद अध्यादेश के खिलाफ उसके अभियान का समर्थन नहीं करती है, जिसका उद्देश्य दिल्ली की प्रशासनिक सेवाओं को नया स्वरूप देना है, तो वह कल होने वाली प्रमुख विपक्षी बैठक में शामिल नहीं होंगी।
नई दिल्ली:लोकसभा चुनाव 2024 में मोदी के खिलाफ विपक्ष की एकता को लेकर 23 जून को पटना में विपक्षी दलों की बैठक होने जा रही है। लेकिन इस अहम बैठक से पहले आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस को अल्टीमेटम दिया है।
केजरीवाल की पार्टी ने कहा है कि अगर कांग्रेस केंद्र सरकार के उस विवादास्पद अध्यादेश के खिलाफ उसके अभियान का समर्थन नहीं करती है, जिसका उद्देश्य दिल्ली की प्रशासनिक सेवाओं को नया स्वरूप देना है, तो वह कल होने वाली प्रमुख विपक्षी बैठक में शामिल नहीं होंगी।
आप सूत्रों ने कहा, "कांग्रेस को दिल्ली अध्यादेश के मुद्दे पर हमारा समर्थन करना चाहिए। अगर वह ऐसा नहीं करती है तो हम विपक्ष की बैठक का बहिष्कार करेंगे और भविष्य में विपक्षी बैठकों से दूर रहेंगे।" हालांकि आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल पटना पहुंच गए हैं। गुरुवार को उन्होंने पटना में पटना साहिब में माथा टेका।
उधर, कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने आप के द्वारा दिए अल्टीमेटम पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अरविंद केजरीवाल ने अपना फिर से एक नाटकीय बयान दिया है कि कांग्रेस अगर अपना अध्यादेश के मुद्दे पर रुख साफ नहीं करेगी तो वो पटना में कल होने वाली विपक्ष की बैठक में शामिल नहीं होंगे।
उन्होंने आगे कहा कि केजरीवाल जी आपको कोई मिस नहीं करेगा..आप वहां जाए या न जाए। हम लोग तो पहले से ही जानते थे कि विपक्ष की बैठक में न शामिल होने के लिए आप तो बहाने ढूंढ रहे थे। आपको बता दूं कि ये देश की चिंता करने वालों की बैठक है... सौदाबाजों की बैठक नहीं है।
#WATCH अरविंद केजरीवाल ने अपना फिर से एक नाटकीय बयान दिया है कि कांग्रेस अगर अपना अध्यादेश के मुद्दे पर रुख साफ नहीं करेगी तो वो पटना में कल होने वाली विपक्ष की बैठक में शामिल नहीं होंगे। केजरीवाल जी आपको कोई मिस नहीं करेगा..आप वहां जाए या न जाए। हम लोग तो पहले से ही जानते थे कि… pic.twitter.com/EIG7vIX361
— ANI_HindiNews (@AHindinews) June 22, 2023
पिछले महीने केंद्र में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा पेश किया गया अध्यादेश, दिल्ली के नौकरशाहों पर नियंत्रण स्थापित करने का प्रयास करता है। आप ने इस कदम की आलोचना करते हुए तर्क दिया है कि यह दिल्ली में पुलिस, सार्वजनिक व्यवस्था और भूमि को छोड़कर सेवाओं का नियंत्रण निर्वाचित सरकार को देने के सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले को कमजोर करता है।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को उम्मीद जताई कि कांग्रेस शुक्रवार को विपक्ष की बैठक में अध्यादेश पर अपना रुख साफ करेगी।