दिल्ली उप महापौर चुनाव 2023ः आप ने एमसीडी में मेयर के बाद अब डिप्टी मेयर का चुनाव जीता, कमल बागड़ी को 31 मतों से हराया
By सतीश कुमार सिंह | Published: February 22, 2023 05:00 PM2023-02-22T17:00:17+5:302023-02-22T17:55:17+5:30
दिल्ली चुनाव 2023ः महापौर पद पर चुनाव कराने के तीन असफल प्रयासों के पश्चात उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद यह मतदान हो रहा है।
![AAP's Aaley Mohammad Iqbal elected Deputy Mayor of Delhi Shelly Oberoi defeated Rekha Gupta election | दिल्ली उप महापौर चुनाव 2023ः आप ने एमसीडी में मेयर के बाद अब डिप्टी मेयर का चुनाव जीता, कमल बागड़ी को 31 मतों से हराया AAP's Aaley Mohammad Iqbal elected Deputy Mayor of Delhi Shelly Oberoi defeated Rekha Gupta election | दिल्ली उप महापौर चुनाव 2023ः आप ने एमसीडी में मेयर के बाद अब डिप्टी मेयर का चुनाव जीता, कमल बागड़ी को 31 मतों से हराया](https://d3pc1xvrcw35tl.cloudfront.net/sm/images/420x315/aaley-mohammad-iqbal_202302259513.jpg)
दिल्ली उप महापौर चुनाव 2023ः आप ने एमसीडी में मेयर के बाद अब डिप्टी मेयर का चुनाव जीता, कमल बागड़ी को 31 मतों से हराया
नई दिल्लीः दिल्ली के महापौर चुनाव में आम आदमी पार्टी (आप) ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को बड़ा झटका दिया है। करीब 15 साल बाद आप ने दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) पर कब्जा कर लिया है। मेयर के बाद उप महापौर पर कब्जा कर लिया।
Aam Aadmi Party wins Deputy Mayor election, Aaley Mohammad Iqbal of AAP gets 147 votes. BJP';s Kamal Bagri gets 116 votes.#DelhiMayorElectionpic.twitter.com/GMXUVLupPB
— ANI (@ANI) February 22, 2023
आप के उप महापौर पद के उम्मीदवार आले मोहम्मद इकबाल ने भाजपा को मात दी है। इकबाल ने भारतीय जनता पार्टी के कमल बागड़ी को 31 मतों से पराजित किया। अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी। नगर निगम में हुये चुनाव में इकबाल को 147 वोट मिले जबकि बागड़ी को 116 मत प्राप्त हुये ।
AAP's Aaley Mohammad Iqbal elected as Deputy Mayor of Delhi: Officials
— Press Trust of India (@PTI_News) February 22, 2023
आप की शैली ओबेरॉय ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की रेखा गुप्ता को 34 मतों के अंतर से हरा दिया। एमसीडी अधिकारियों ने बुधवार को यह घोषणा की। ओबेरॉय को 150 मत मिले जबकि गुप्ता को कुल 266 मतों में से 116 मत मिले। नगर निकाय पर भाजपा के 15 साल पुराने शासन को समाप्त कर दिया।
उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद हो रहा मतदान
उप महापौर बनने के बाद आम आदमी पार्टी के आले मोहम्मद इकबाल ने कहा कि बहुत काम करना है, पार्टी की दस गारंटी को पूरा करना हमारी प्राथमिकता है। महापौर पद पर चुनाव कराने के तीन असफल प्रयासों के पश्चात उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद यह मतदान हो रहा है।
मतदान सिविक सेंटर में हुआ। दिल्ली को चौथे प्रयास में महापौर मिला क्योंकि मनोनीत सदस्यों को मतदान का अधिकार दिए जाने को लेकर हो रहे हंगामे के बीच पूर्व में चुनाव ठप हो गया था। पिछले हफ्ते, दिल्ली के उपराज्यपाल वी के सक्सेना ने शीर्ष अदालत के आदेश के बाद महापौर का चुनाव कराने के लिए दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) सदन की बैठक बुलाने के लिए अपनी मंजूरी दे दी थी।
नगर निगम चुनाव हुए दो महीने से अधिक समय हो गया
शीर्ष अदालत ने यह भी कहा कि उपराज्यपाल द्वारा एमसीडी में नामित सदस्य महापौर चुनने के लिए मतदान नहीं कर सकते। दिल्ली नगर निगम (डीएमसी) अधिनियम, 1957 के अनुसार, नगर निगम चुनावों के बाद सदन के पहले सत्र में महापौर और उप महापौर का चुनाव किया जाता है। हालांकि, नगर निगम चुनाव हुए दो महीने से अधिक समय हो गया है।
नगर निगम चुनाव पिछले साल चार दिसंबर को हुए थे। नगर निगम चुनाव के एक महीने बाद छह जनवरी को पहली बार सदन की बैठक बुलाई गई थी। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और आम आदमी पार्टी (आप) के सदस्यों के बीच तीखी बहस के बाद सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी गई थी।
इसके बाद 24 जनवरी और फिर छह फरवरी को बुलाई गई दूसरी और तीसरी बैठक भी इस कवायद को पूरा करने में विफल रही और दोनों बैठकों को महापौर का चुनाव किए बिना स्थगित कर दिया गया। इस संकट ने वार्षिक बजट कार्यवाही को भी प्रभावित किया।
नगर निकाय पर भाजपा के 15 साल पुराने शासन को समाप्त कर
वर्ष 2023-24 के लिए करों की अनुसूची 15 फरवरी को एमसीडी के विशेष अधिकारी द्वारा पारित की गई थी। नियमों के अनुसार करों की अनुसूची को 15 फरवरी को या उससे पहले सदन से पारित कराना होता है। हालांकि, शेष बजट 31 मार्च से पहले सदन द्वारा पारित होने की उम्मीद है, जैसा कि आवश्यक होता है।
शीर्ष अदालत ने यह भी कहा था कि उपराज्यपाल द्वारा एमसीडी में नामित सदस्य महापौर चुनने के लिए मतदान नहीं कर सकते। आप ने चार दिसंबर को हुए एमसीडी चुनाव में 134 वार्डों में जीत हासिल की थी और नगर निकाय पर भाजपा के 15 साल पुराने शासन को समाप्त कर दिया था। भाजपा 104 वार्ड में जीत के साथ दूसरे स्थान पर रही थी। कांग्रेस ने 250 सदस्यीय निगम सदन में नौ सीट जीती थीं।