विधायक मेहराज मलिक पर एक्शन, पीएसए के तहत गिरफ्तारी के बाद डोडा में तनाव, सुरक्षाबल तैनात, इंटरनेट बंद

By सुरेश एस डुग्गर | Updated: September 9, 2025 12:02 IST2025-09-09T12:00:55+5:302025-09-09T12:02:32+5:30

डोडा के उपायुक्त ने आप विधायक और आप प्रदेशाध्यक्ष मेहराज मलिक को पीएसए के तहत गिरफ्तार करने का डोजियर तैयार किया था।

AAP lone JK MLA Mehraj Malik booked under Public Safety Act triggers row Action taken tension in Doda PSA,security forces deployed internet shut down | विधायक मेहराज मलिक पर एक्शन, पीएसए के तहत गिरफ्तारी के बाद डोडा में तनाव, सुरक्षाबल तैनात, इंटरनेट बंद

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Highlightsउप राज्यपाल प्रशासन की कार्रवाई की भर्त्सना, मुख्यमंत्री और स्पीकार भी विरोध में उतरे।कथित धांधलियों को छुपाने के लिए यह सब कर रहे हैं।मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भी निंदा करते हुए इस अलोकतांत्रिक बताया है।

जम्मूः प्रदेश के इतिहास में पहली बार किसी निवर्तमान विधायक को जन सुरक्षा अधिनियम के तहत गिरफ्तार कर जेल में ठूंसने की उप राज्यपाल प्रशासन की कार्रवाई की भर्त्सना और निंदा के बाद डोडा जिले में तनाव को देखते हुए अतिरिक्त सुरक्षाबल तैनात कर दिए गए हैं। एतिहातन इंटरनेट भी बंद कर दिया गया है। इस बीच मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भी इन गिरफ्तारी पर विरोध प्रकट करते हुए कहा है कि यह अलोकतांत्रिक है। जबकि जम्मू कश्मीर विधानसभा के अध्यक्ष का स्पष्टीकरण था कि इस गिरफ्तारी से पहले उनकी अनुमति नहीं ली गई थी। मिलने वाले समाचारों के अनुसार, डोडा जिले में खासकर उस गांव में जबरदस्त तनाव बना हुआ है जहां के विधायक मेहराज मलिक रहने वाले हैं।

बताया जाता है कि डोडा के उपायुक्त ने आप विधायक और आप प्रदेशाध्यक्ष मेहराज मलिक को पीएसए के तहत गिरफ्तार करने का डोजियर तैयार किया था। हालांकि डोडा में उनके समर्थकों का कहना था कि उपायुक्त मेहराज मलिक से व्यक्तिगत खुन्नस निकाल रहे हैं और वे विकास कार्याें में हुई कथित धांधलियों को छुपाने के लिए यह सब कर रहे हैं।

वैसे इस कवायद की चौतरफा निंदा हो रही है। कई नेताओं और पार्टियों ने इसकी निंदा करते हुए इस अलोकतांत्रिक करार देते हुए कहा है कि यह एक नई परिपाटी तय हो गई है और एक आईएएस अफसर अब किसी भी चुने हुए प्रतिनिधि को इस तरह से जेल में डाल सकता है। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भी इसकी निंदा करते हुए इस अलोकतांत्रिक बताया है।

जबकि जम्मू कश्मीर विधानसभा के अध्यक्ष अब्दुल रहीम राथर ने स्पष्ट किया कि सरकार ने डोडा विधायक मेहराज मलिक की गिरफ्तारी के संबंध में उनसे कोई अनुमति नहीं मांगी थी। राथर ने बताया कि विधानसभा के नियम 260 के तहत, स्पीकर की भूमिका किसी भी विधायक की गिरफ्तारी की सूचना देने तक ही सीमित है।

राथर ने कहा कि मेहराज के मामले में, मुझे भी सूचित किया गया था और मैंने विधायकों को भी इसकी जानकारी दी थी। उन्होंने कहा कि हिरासत के लिए उनके कार्यालय से न तो परामर्श किया गया और न ही उन्हें अनुमति देने की आवश्यकता थी। उन्होंने कहा कि मुझसे कोई अनुमति नहीं मांगी गई। उनकी गिरफ्तारी में मेरी कोई भूमिका नहीं है।

आदेश जिला आयुक्त द्वारा जारी किया गया है। मेरी एकमात्र जिम्मेदारी सदस्यों को मामले से अवगत कराना है। स्पीकर ने आगे रेखांकित किया कि गिरफ्तारी की वैधता का निर्णय न्यायपालिका के पास है। उन्होंने कहा कि बाकी, अदालत को तय करना है कि क्या कुछ गलत हुआ है। मेहराज मलिक की गिरफ्तारी पर राजनीतिक हलकों में तीखी प्रतिक्रियाएं हुई हैं।

कई दलों ने इस कदम की निंदा की है और उनकी हिरासत के आधार पर सवाल उठाए हैं। आलोचकों का तर्क है कि यह कार्रवाई निर्वाचित प्रतिनिधियों के अधिकारों का हनन करके एक खतरनाक मिसाल कायम करती है। अब इस मामले को अदालत में ले जाने की उम्मीद है, जहां मलिक की कानूनी टीम उनके खिलाफ आरोपों का मुकाबला करेगी।

Web Title: AAP lone JK MLA Mehraj Malik booked under Public Safety Act triggers row Action taken tension in Doda PSA,security forces deployed internet shut down

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