एक्सक्लूसिव: विजेंद्र को विधानसभा सीटों का नाम भी नहीं पता, BJP के गुंडाराज को खत्म करेगी AAP-राघव चड्ढा
By निखिल वर्मा | Published: May 6, 2019 09:23 AM2019-05-06T09:23:21+5:302019-05-06T09:23:21+5:30
राघव चड्ढा अपने क्षेत्र में कड़ी मेहनत कर रहे हैं। चुनाव प्रचार के दौरान राघव ने दिल्ली के छतरपुर में लोकमत से विशेष बातचीत है। उन्होंने कहा कि मुकाबला बीजेपी के गुंडाराज है। पढ़िए इंटरव्यू के चुनिंदा अंश
लोकसभा चुनाव 2019 में दक्षिणी दिल्ली संसदीय सीट पर आप के राघव चड्ढा, बीजेपी के रमेश विधूड़ी और कांग्रेस के विजेंद्र सिंह मुकाबले में है। पिछले चुनाव में दूसरे नंबर रही आम आदमी पार्टी इस बार जीतने के लिए पूरा जोर लगा रही है। आप ने सिर्फ 30 साल के राघव चड्ढा पर दांव लगाया है।
राघव अपने क्षेत्र में कड़ी मेहनत कर रहे हैं। चुनाव प्रचार के दौरान राघव ने दिल्ली के छतरपुर में लोकमत से विशेष बातचीत है। उन्होंने कहा कि मुकाबला बीजेपी के गुंडाराज से है। पढ़िए इंटरव्यू के चुनिंदा अंश
प्रश्न: चुनाव प्रचार कैसा चल रहा है?
पिछले एक साल में क्षेत्र में घूम रहा हूं और मुझे जनता का प्यार, समर्थन और आर्शीवाद मिल रहा है। जहां जा रहा हूं, वहां लोग कह रहे हैं कि इस बार पढ़े-लिखे ईमानदार लोगों को देश की राजनीति में आगे ले जाएंगे। हमारे क्षेत्र दक्षिणी दिल्ली में काफी समय से गुंडाराज चल रहा है। बाहुबली लोगों को डरा धमकाकर वोट ले रहे हैं। आम आदमी पार्टी खौफ की राजनीति खत्म करेगी।
प्रश्न: कांग्रेस से गठबंधन क्यों नहीं हुआ?
हमारा ये मानना था कि गैर-भाजपा वोट ना बंटे। भाजपा विरोधी वोट एक जगह पड़े जिससे बीजेपी को हराया जा सके। लेकिन कांग्रेस पार्टी के विचार अलग हैं। कांग्रेस बीजेपी की मदद कर रही है। यूपी में महागठबंधन के खिलाफ लड़कर कांग्रेस बीजेपी को फायदा पहुंचाएगी। बंगाल में भी ममता बनर्जी से अलग होकर लड़ने वाली कांग्रेस विरोधी दलों को नुकसान पहुंचाएगी।
पिछले कुछ दिनों में यह साफ हो गया कि दिल्ली में कांग्रेस पार्टी अप्रासांगिक है। मुझे नहीं लगता कि कांग्रेस को कुछ हजार वोट भी मिलेंगे। मेरे क्षेत्र में तो कांग्रेस को 1000 वोट भी नहीं मिलेंगे।
प्रश्न: जब कांग्रेस इतनी ही कमजोर है तो आपका शीर्ष नेतृत्व गठबंधन के पीछे क्यों पड़ा था?
हमारा मकसद था कि गैर-भाजपा वोट ना बंटे। एक लोकसभा क्षेत्र में 20-22 लाख वोटर्स हैं, अगर कांग्रेस को एक हजार वोट भी पड़ता है तो हमारा ही नुकसान है।
प्रश्न: दक्षिणी दिल्ली में आप का मुकाबला किससे है, विजेंद्र सिंह या रमेश विधूड़ी?
विजेंद्र जी तो दूर-दूर तक नजर नहीं आते। उनको अपने 10 विधानसभा क्षेत्रों के नाम भी नहीं पता। दक्षिणी दिल्ली से चुनाव लड़ रहे हैं जहां कोई अस्तिव ही नहीं है। मुकाबला पूरी तरह बीजेपी प्रत्याशी रमेश विधूड़ी से है। ये चुनाव मैं नहीं लड़ रहा, दक्षिणी दिल्ली की जनता लड़ रही है। चुनाव दक्षिणी दिल्ली की जनता बनाम रमेश विधूड़ी के बीच है। इसमें जनता की जीत होगी।
प्रश्न: ये सीट बीजेपी का गढ़ है, पिछली बार भी आप हार गई? सुषमा स्वराज-मदन लाल खुराना जैसे दिग्गज नेता यहां से जीतते रहे हैं?
नहीं, आपकी जानकारी सही नहीं है। सुषमा जी जब लड़ती थीं तो दक्षिणी दिल्ली का क्षेत्र अलग था। जिस दिल्ली में लड़ रहा हूं, उसे बाहरी दिल्ली कहा जाता था। दक्षिणी दिल्ली संसदीय सीट पर अरविंद केजरीवाल सरकार ने काफी काम किया है। पानी की बुनियादी सुविधाएं घर-घर पहुंचाई गई है। पिछले 70 सालों में बीजेपी-कांग्रेस यहां बुनियादी सुविधाएं देने में नाकाम रहीं। अरविंद केजरीवाल जी ने चार साल में बहुत सारे काम किए हैं, इस बार सारे वोट झाड़ू के नाम पर पड़ेंगे।