आम आदमी पार्टी के विधायक को कोर्ट से राहत, जेल जाने से बचें, 10,000 रुपये का जुर्माना भरने का आदेश

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: November 21, 2019 02:14 PM2019-11-21T14:14:31+5:302019-11-21T14:14:53+5:30

विशेष अदालत ने निचली अदालत से विधायक को मिली तीन महीने की कैद की सजा को रद्द कर दिया और उन्हें सजा के तौर पर 10,000 रुपये का जुर्माना भरने का आदेश दिया। विशेष न्यायाधीश अजय कुमार कुहाड़ ने एक मजिस्ट्रेट अदालत के 25 जून के आदेश के खिलाफ मनोज कुमार द्वारा दायर एक आवेदन पर आदेश दिया किया।

Aam Aadmi Party MLA relieved from court, avoid going to jail, only to be fined | आम आदमी पार्टी के विधायक को कोर्ट से राहत, जेल जाने से बचें, 10,000 रुपये का जुर्माना भरने का आदेश

अदालत ने कहा कि पूर्वी दिल्ली के एक निर्वाचन क्षेत्र से विधायक को परिवीक्षा का लाभ नहीं देने के मजिस्ट्रेट अदालत के तर्क उचित थे।

Highlightsमजिस्ट्रेट अदालत ने विधायक को तीन महीने की जेल की सजा और 10,000 रुपये का जुर्माना लगाया था।सत्र अदालत ने मतदान केंद्र के पास उपद्रव करने के लिए कोंडली विधायक की दोषसिद्धि को बरकरार रखा।

साल 2013 के दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान एक मतदान केंद्र के पास उपद्रव करने के लिए दोषी ठहराए गए आम आदमी पार्टी के एक विधायक को विशेष अदालत ने बुधवार को राहत दी।

विशेष अदालत ने निचली अदालत से विधायक को मिली तीन महीने की कैद की सजा को रद्द कर दिया और उन्हें सजा के तौर पर 10,000 रुपये का जुर्माना भरने का आदेश दिया। विशेष न्यायाधीश अजय कुमार कुहाड़ ने एक मजिस्ट्रेट अदालत के 25 जून के आदेश के खिलाफ मनोज कुमार द्वारा दायर एक आवेदन पर आदेश दिया किया।

मजिस्ट्रेट अदालत ने विधायक को तीन महीने की जेल की सजा और 10,000 रुपये का जुर्माना लगाया था। सत्र अदालत ने मतदान केंद्र के पास उपद्रव करने के लिए कोंडली विधायक की दोषसिद्धि को बरकरार रखा। अदालत ने कहा कि पूर्वी दिल्ली के एक निर्वाचन क्षेत्र से विधायक को परिवीक्षा का लाभ नहीं देने के मजिस्ट्रेट अदालत के तर्क उचित थे।

न्यायाधीश ने कहा कि अपीलकर्ता (कुमार) विधानसभा चुनाव लड़ रहे थे। इसलिए उनसे उम्मीद की जाती थी कि वह चुनाव प्रक्रिया में बाधा पहुंचाने वाले उपद्रवी आचरण में शामिल नहीं होंगे। अदालत ने लोक सेवक को सार्वजनिक कार्यों के निर्वहन से रोकने के अपराध से उन्हें बरी कर दिया।

अदालत ने यह भी कहा कि कुमार पहले कभी दोषी नहीं ठहराए गए हैं और अपराध की गंभीरता ऐसी नहीं है कि अपीलकर्ता को कैद रखा जाए। न्यायाधीश ने कहा कि लिहाजा मामले के तथ्यों और परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए उन्हें लगता है कि निचली अदालत द्वारा लगाया गया जुर्माना न्याय के लक्ष्य को पूरा करता है। सत्र अदालत ने उन्हें 10,000 रुपये का जुर्माना भरने का आदेश दिया।

Web Title: Aam Aadmi Party MLA relieved from court, avoid going to jail, only to be fined

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