आधार विधेयकः ओवैसी ने कहा कि इस्लाम में हलाला नहीं है लेकिन सरकार में हलाला है
By भाषा | Published: July 4, 2019 07:07 PM2019-07-04T19:07:55+5:302019-07-04T19:07:55+5:30
ओवैसी ने कहा कि ‘‘उच्चतम न्यायालय ने कहा है कि निजी इकाइयां सरकारी आंकड़े प्राप्त नहीं कर सकतीं। इसलिए सरकार और निजी इकाइयों के बीच शादी खत्म हो गयी। इसलिए यह हलाला का क्लासिक उदाहरण है।’’
एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने बृहस्पतिवार को लोकसभा में आधार संशोधन विधेयक पर चर्चा के दौरान इस विधेयक को ‘हलाला का क्लासिक उदाहरण’ बताते हुए कहा कि विधेयक असंवैधानिक है।
ओवैसी ने कहा कि ‘‘उच्चतम न्यायालय ने कहा है कि निजी इकाइयां सरकारी आंकड़े प्राप्त नहीं कर सकतीं। इसलिए सरकार और निजी इकाइयों के बीच शादी खत्म हो गयी। इसलिए यह हलाला का क्लासिक उदाहरण है।’’
इस पर पीठासीन सभापति मीनाक्षी लेखी ने कहा, ‘‘मुझे उम्मीद है कि आप इसके (हलाला के) खिलाफ हैं।’’ इस पर ओवैसी ने कहा कि इस्लाम में हलाला नहीं है लेकिन सरकार में हलाला है। उन्होंने कहा कि ‘‘यह सरकार निजता की रक्षा के बजाय निजी उद्योगों की धुन पर व्यावसायिक लाभ के लिए काम कर रही है।’’
उन्होंने कहा कि यह विधेयक असंवैधानिक है। यह यहां पारित हो जाएगा लेकिन उच्चतम न्यायालय में इसे चुनौती मिलेगी। ओवैसी ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि ‘‘आप यहां एक अपराध करने जा रहे हैं जिसे भावी पीढ़ियां भुगतेंगी।’’