ग्लासगो, आठ नवंबर (एपी) कॉप26 जलवायु वार्ता में एक हफ्ते की बातचीत के बाद, कई पेचीदा मुद्दे अब भी अनसुलझे हैं और चीजों को आगे बढ़ाने के लिए विभिन्न देशों के कैबिनेट मंत्रियों की टीमों को भेजा जा रहा है।
पहले सप्ताह की प्रगति पर संयुक्त राष्ट्र दलों के सम्मेलन, या कॉप26 को सूचित करते हुए, सीओपी अध्यक्ष आलोक शर्मा को खुद को सही करते हुए कहना पड़ा कि "कई" के बजाय "कुछ" मुद्दों को सुलझा लिया गया।
कई विकासशील देश निराशा हैं। उन्होंने प्रगति को "निराशाजनक" कहा, यह कहते हुए कि बहुत अधिक घोषणाएं की गईं लेकिन इस बात पर चिंता जताई कि उनपर काम कम मात्रा में किया गया।
संयुक्त राष्ट्र के तीन मुख्य लक्ष्यों पर अभी तक कोई समझौता नहीं किया गया है - पेरिस जलवायु समझौते के 1.5 डिग्री सेल्सियस के वैश्विक तापमान वृद्धि लक्ष्य को जीवित रखने के लिए 2030 तक उत्सर्जन को आधा करने का संकल्प; अमीर देशों से गरीबों को वित्तीय मदद के रूप में सालाना 100 अरब अमरीकी डॉलर की आवश्यकता; और यह विचार कि उस पैसे का आधा हिस्सा ग्लोबल वार्मिंग के सबसे बुरे प्रभावों को कम करने के लिए जाएगा। कई अन्य मुद्दे जिनमें कार्बन व्यापार और पारदर्शिता शामिल है, उन्हें अब तक नहीं सुलझाया गया है।
इसके अलावा देशों के उत्सर्जन-कटौती लक्ष्यों पर लगातार अद्यतन स्थिति के मुद्दे पर वार्ताकारों ने भविष्य के वार्ताकारों के लिए चुनने के लिए नौ अलग-अलग समय के विकल्प दिए हैं।
शर्मा ने प्रत्येक मुद्दे पर प्रत्येक विषय पर बातचीत की देखरेख करने के लिए दो मंत्रियों की टीमों का नाम लिया- एक अमीर देश से, एक गरीब से जोकि अतीत में इस्तेमाल की जाने वाली तकनीक है।
बोलिविया के डिएगो पाचेको ने कहा, “विकसित देशों द्वारा वादों को तोड़ना और प्रतिबद्धताओं को पूरा न करने का इतिहास रहा है।”
उत्सर्जन कटौती प्रयासों को कमजोर करने का अक्सर आरोप झेलने वाले सऊदी अरब ने शर्मा से शुक्रवार शाम छह बजे तक सम्मेलन समाप्त करने को कहा भले ही वार्ता किसी भी स्तर पर हो।
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