बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में सीबीआई अदालत 4 जून को दर्ज करेगी भाजपा नेताओं समेत 32 आरोपियों के बयान
By सुमित राय | Published: May 28, 2020 05:15 PM2020-05-28T17:15:04+5:302020-05-28T18:00:22+5:30
बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में सीबीआई अदालत चार जून को भाजपा नेताओं और अन्य आरोपियों के बयान दर्ज करेगी।
अयोध्या में हुए बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में लखनऊ में सीबीआई की विशेष अदालत में गुरुवार को सुनवाई हुई और कोर्ट में अभियोजन पक्ष की गवाही पूरी हुई। इसके बाद कोर्ट ने 32 आरोपियों को गवाही के लिए तलब किया, लेकिन सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष की ओर से समय मांगा गया।
कोर्ट में आरोपियों के वकील ने कहा कि लॉकडाउन की वजह से सभी लोगों से संपर्क नहीं हो पाया है इसलिए स्थगन आदेश दिया जाए जिसपर कोर्ट की तरफ से 4 जून की नई तारीख दी गई। कोर्ट ने सभी अभियुक्तों को बयान दर्ज कराने के लिए इस तिथि को अदालत में हाजिर होने के निर्देश दिए हैं।
इस मामले में पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी, उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह, भाजपा के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती, विनय कटियार, साध्वी ऋतम्भरा, साक्षी महाराज, राम विलास वेदांती और बृज भूषण शरण सिंह समेत 32 लोग अभियुक्त हैं। सीबीआई अदालत अब चार जून को उनके बयान दर्ज करेगी।
सीबीआई के वकील ललित सिंह और आरके यादव ने बताया कि आडवाणी, जोशी और उमा भारती को अगले आदेश तक अदालत में हाजिर होने से छूट मिली थी। अन्य अभियुक्तों ने भी गुरुवार को लॉकडाउन और अन्य दिक्कतों का हवाला देते हुए हाजिरी माफी की गुजारिश की। लेकिन अदालत ने बचाव पक्ष के वकील को निर्देश दिया कि 4 जून को हर हाल में अभियुक्तों को अदालत में हाजिर किया जाए।
इससे पहले, मामले की सुनवाई कर रहे विशेष न्यायाधीश एसके यादव की अदालत में सीबीआई ने अपने साक्ष्य प्रस्तुतिकरण का काम गत छह मार्च को पूरा कर लिया था। उसके बाद अदालत ने सभी 32 अभियुक्तों के बयान दर्ज करने का फैसला किया।
Lucknow: A Special court to record statements of 32 accused including BJP leaders Lal Krishna Advani, Murli Manohar Joshi and Uma Bharti in Babri Masjid demolition case. The trail to commence on June 4.
— ANI UP (@ANINewsUP) May 28, 2020
क्या है पूरा मामला
गौरतलब है कि छह दिसंबर 1992 को अयोध्या में बाबरी मस्जिद को उन्मादी भीड़ ने ढहा दिया था। इस मामले में अनेक मुकदमे दर्ज कराये गये थे। मामला सीबीआई को सौंपे जाने पर उसने जांच के बाद 49 अभियुक्तों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया था, जिनमें से 17 की अभी तक मौत हो चुकी है।
इस मामले में लाल कृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और उमा भारती के साथ ही राजस्थान के पूर्व राज्यपाल कल्याण सिंह, पूर्व सांसद विनय कटियर और साध्वी ऋतंबरा के खिलाफ विवादित ढांचा गिराने की साजिश में शामिल होने का आरोप सुप्रीम कोर्ट ने 19 अप्रैल, 2017 के आदेश में बहाल कर दिया था। इस मामले के आरोपियों में से विहिप नेता अशोक सिंघल, विष्णु हरि डालमिया की मुकदमे की सुनवाई के दौरान मृत्यु हो जाने की वजह से उनके खिलाफ कार्यवाही खत्म कर दी गई।
बता दें कि इस मामले में 8 मई 2020 को सुप्रीम कोर्ट ने एक आदेश जारी कर हर हाल में 31 अगस्त 2020 तक सुनवाई पूरी करने का आदेश दिया था। कोर्ट ने सुनवाई पूरी करने के लिए विशेष अदालत का कार्यकाल तीन महीने बढ़ा दिया था और कहा कि इस मामले में 31 अगस्त तक फैसला सुनाया जाना चाहिए। कोर्ट ने कहा था कि सीबीआई अदालत को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई करनी चाहिए। साक्ष्य दर्ज करने के लिए वीडियो कन्फ्रेंसिंग की सुविधा भी है और उसका प्रयोग होना चाहिए।