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प्याज की बढ़ती कीमतों में जल्द आएगी कमी, पहली खेप कल तक मुंबई पहुंचने की उम्मीद

By एसके गुप्ता | Updated: December 13, 2019 09:18 IST

खाद्य तेल की कमी के सवाल पर दादाराव ने कहा था कि इस साल सोयाबीन का उत्पादन पर्याप्त नहीं होने के कारण देश में खाद्य तेलों की मांग और आपूर्ति का अंतर बढ़ गया। उन्होंने कहा कि 2019-20 में सोयाबीन का महाराष्ट्र में उत्पादन 42.08 लाख टन होने का अनुमान है, जबकि 2018-19 में इसकी मात्रा 45.48 लाख टन थी। मंत्री ने कहा कि मांग की तुलना में आपूर्ति नहीं होने की स्थिति में उत्पादन में बढ़ोतरी और आयात करना ही विकल्प है।

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ठळक मुद्देखाद्य आपूर्ति राज्यमंत्री दानवे रावसाहेब दादाराव ने राज्यसभा में बताया था कि प्याज की पहली खेप 20 जनवरी तक पहुंचने की उम्मीद है।वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि फिलहाल लोगों को 30 रूपए किलो प्याज खरीदने के लिए 30 दिनों तक प्रतिक्षा करना होगा। 

प्याज पर सरकार की कवायद के बाद विदेशी प्याज की पहली खेप शनिवार को पास मिस्त्र से मुंबई के जवाहर लाल नेहरू पोर्ट पर पहुंचेगी और वहां से मंडियों में सोमवार को बिक्री के लिए पहुंच जाएगी। प्याज की आसमान छूती कीमतों के बीच यह राहत देने वाली खबर है।  प्याज की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए सरकार ने आज 15000 टन प्याज आयात के लिए 5000 टन की तीन निविदाएं की है। उपभोक्ता मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि फिलहाल लोगों को 30 रूपए किलो प्याज खरीदने के लिए 30 दिनों तक प्रतिक्षा करना होगा। 

आपको बता दें कि देश में प्याज की अतिरिक्त मांग को पूरा करने के लिए सरकारी व्यापार उपक्रम एमएमटीसी प्याज का आयात कर रही है। खाद्य आपूर्ति राज्यमंत्री दानवे रावसाहेब दादाराव ने राज्यसभा में बताया था कि प्याज की पहली खेप 20 जनवरी तक पहुंचने की उम्मीद है। उन्होंने प्याज की कीमतों में इजाफे की बात को स्वीकार करते हुए कहा, ''बफर स्टॉक के जरिये प्याज की आपूर्ति करने के बाद एमएमटीसी तमाम देशों से प्याज का आयात कर रहा है।

खाद्य तेल की कमी के सवाल पर दादाराव ने कहा कि इस साल सोयाबीन का उत्पादन पर्याप्त नहीं होने के कारण देश में खाद्य तेलों की मांग और आपूर्ति का अंतर बढ़ गया। उन्होंने कहा कि 2019-20 में सोयाबीन का महाराष्ट्र में उत्पादन 42.08 लाख टन होने का अनुमान है, जबकि 2018-19 में इसकी मात्रा 45.48 लाख टन थी। मंत्री ने कहा कि मांग की तुलना में आपूर्ति नहीं होने की स्थिति में उत्पादन में बढ़ोतरी और आयात करना ही विकल्प है। 

उन्होंने बताया कि देश में खाद्य तेलों की कुल मांग की 60 प्रतिशत आयात से और शेष 40 प्रतिशत घरेलू उत्पादन से पूर्ति होती है। 

टॅग्स :महाराष्ट्रप्याज प्राइसइंडिया
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