बिहार में चमकी के कहर से थोड़ी राहत, बारिश के साथ ही AES के मामले घटे
By भाषा | Published: June 23, 2019 04:38 PM2019-06-23T16:38:37+5:302019-06-23T16:38:37+5:30
बिहार में बारिश की शुरुआत होने के साथ ही रविवार को एक्यूट इन्सैफेलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) के मामलों में कमी देखी गई। इस बीच मुजफ्फरपुर के श्रीकृष्ण मेडिकल कालेज अस्पताल (एसकेएमसीएच) में प्रतिनियुक्त एक चिकित्सक को ड्यूटी से गायब रहने पर निलंबित कर दिया गया है ।
बिहार स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने रविवार को बताया “पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ भीमसेन कुमार की गत 19 जून से एसकेएमसीएच में प्रतिनियुक्ति की गयी थी। वह वहां रिपोर्ट करने में विफल रहे। विभाग ने इसे गंभीरता से लेते हुए उन्हें निलंबित कर दिया है। विभागीय जांच के बाद उनके खिलाफ आगे की कार्रवाई हो सकती है ।”
इस बीच एसकेएमसीएच के अधीक्षक डॉ सुनील कुमार शाही ने बताया कि गर्मी बढ़ने पर एईएस के मामलों में वृद्धि होती है और बारिश होने के साथ ही इसमें कमी होती जाती है । कल बारिश हुई और आज इस रोग से पीड़ित कोई बच्चा इलाज के लिए उनके अस्पताल में भर्ती नहीं कराया गया है । इस रोग से ग्रसित पहले से भर्ती बच्चों के ठीक होने पर उन्हें लगातार अस्पताल से छुट्टी दी जा रही है।
बिहार राज्य स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, प्रदेश के 40 जिलों में से करीब 20 जिलों में इस बार एईएस से करीब 600 बच्चे प्रभावित हुए जिनमें से करीब 140 की मौत हो गई। मुजफ्फरपुर इस रोग से पूर्व की भांति सबसे बुरी तरह प्रभावित रहा। जिले के एसकेएमसीएच में गर्मी के इस मौसम में चमकी बुखार (एईएस) से पीड़ित 430 बच्चे भर्ती हुए जिनमें से करीब 109 की मौत हो गयी। इस जिले के निजी केजरीवाल अस्पताल में 162 बच्चे भर्ती हुए और उनमें से 20 की मौत हो गयी ।