नौवें चरण में ब्रू जनजाति के 221 परिवार मिजोरम लौटे,अधिकारियों ने दी जानकारी

By भाषा | Published: November 15, 2019 04:46 PM2019-11-15T16:46:20+5:302019-11-15T16:46:20+5:30

त्रिपुराः छह शिविरों में रह रहे ब्रू जनजाति लोगों की शीर्ष संस्था मिजोरम ब्रू विस्थापित लोक मंच (एमबीडीपीएफ) ने दावा किया कि 29 अक्टूबर से अबतक बच्चों सहित छह लोगों की मौत भूख की वजह हुई है।

892 Brus repatriated to Mizoram in ninth round says Officials | नौवें चरण में ब्रू जनजाति के 221 परिवार मिजोरम लौटे,अधिकारियों ने दी जानकारी

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Highlightsउत्तरी त्रिपुरा के छह राहत शिविरों में रह रहे ब्रू जनजाति के 221 विस्थापित परिवारों के 892 लोग नौवें चरण में तीन अक्टूबर को मिजोरम लौट आए। मिजोरम गृह विभाग के अधिकारियों ने शुक्रवार को जानकारी दी

उत्तरी त्रिपुरा के छह राहत शिविरों में रह रहे ब्रू जनजाति के 221 विस्थापित परिवारों के 892 लोग नौवें चरण में तीन अक्टूबर को मिजोरम लौट आए। मिजोरम गृह विभाग के अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि 892 लोगों में 351 नाबालिग और बाकी वयस्क हैं। विस्थापित ब्रू जनजाति के लोगों की वापसी की प्रक्रिया 30 नवंबर तक पूरा करने का लक्ष्य है।

अधिकारियों ने बताया कि मिजोरम वापस लौटे ब्रू जनजाति के 134 परिवारों को मामित जिले, 68 परिवारों को लुंगलेई और 19 परिवारों को कोलासिब जिले में बसाया गया है। उल्लेखनीय है कि ब्रू या रियांग जनजाति देश की 21 अनुसूचित जनजातियों में से एक है जिन्हें 1997 में जातीय संघर्ष के बाद मिजोरम से पलायन करना पड़ा था।

छह शिविरों में रह रहे ब्रू जनजाति लोगों की शीर्ष संस्था मिजोरम ब्रू विस्थापित लोक मंच (एमबीडीपीएफ) ने दावा किया कि 29 अक्टूबर से अबतक बच्चों सहित छह लोगों की मौत भूख की वजह हुई है क्योंकि शिविरों में रह रहे लगभग 35,000 लोगों की राशन की आपूर्ति रोक दी गई थी।

हालांकि, त्रिपुरा सरकार का कहना है कि शिविर में चार लोगों की मौत हुई है और उनके कारणों की जांच की जा रही है। एमबीडीपीएफ ने बताया कि उच्चतम न्यायालय के एक वकील ने इस हफ्ते की शुरुआत में विस्थापित ब्रू जाति के लोगों की राशन की आपूर्ति और नकद मदद रोकने के खिलाफ त्रिपुरा के पुलिस महानिदेशक अखिल कुमार शुक्ला, उत्तर त्रिपुरा के जिलाधिकारी रावेल एच कुमार सहित छह अधिकारियों को नोटिस भेजा था।

गृह मंत्रालय ने तीन अक्टूबर को ब्रू जनजाति की वापसी का नौवां चरण शुरू होने के बाद मुफ्त राशन और नकदी सहायता रोक दी थी। राशन और नकद मदद बहाल करने की मांग को लेकर विस्थापित लोगों ने उत्तरी त्रिपुरा के प्रमुख बाजार कंचनपुर की सड़क को बाधित कर दिया था।

त्रिपुरा के उप मुख्यमंत्री जिश्नु देब वर्मा के आश्वासन के बाद उन्होंने जाम खोला। ब्रू नेता ने कहा, ‘‘शिविरों से लोगों की वापसी का नौवां चरण शुरू होने के साथ दैनिक राशन और नकद मदद रोकना यह सुनिश्चित करने का हथकंडा है कि हम लोग मिजोरम लौट जाएं।’’

एमबीडीपीएफ के उपाध्यक्ष आर लालडांगलियाना ने कहा कि संगठन लोगों के मिजोरम लौटने के खिलाफ नहीं है। उन्होंने कहा , ‘‘हम मांग करते हैं जो मिजोरम लौटना चाहते हैं उन्हें लौटना चाहिए और जो त्रिपुरा में रहना चाहते हैं उन्हें यह अधिकार दिया जाना चाहिए।’’

गौरतलब है कि प्रत्येक ब्रू वयस्क को सरकार रोजाना 600 ग्राम चावल और साढ़े तीन रुपये की मदद देती थी, वहीं नाबालिग को ढाई रुपये नकद तथा 300 ग्राम चावल रोजाना मिलते थे। 

Web Title: 892 Brus repatriated to Mizoram in ninth round says Officials

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