मौत बन सकता है उल्टा लटका यह चमगादड़, निपाह वायरस से इन 8 आसान तरीकों से बचें

By उस्मान | Published: May 22, 2018 04:26 PM2018-05-22T16:26:30+5:302018-05-22T16:26:30+5:30

इसका असर मई और दिसंबर के महीने में सबसे ज्यादा होता है। निपाह वायरस के रोगी 24-48 घंटों के भीतर कोमा में जा सकता है।

8 effective measures to save yourself from Nipah Virus | मौत बन सकता है उल्टा लटका यह चमगादड़, निपाह वायरस से इन 8 आसान तरीकों से बचें

Ways to protect yourself from Nipah Virus

केरल सरकार के अनुसार, खतरनाक निपाह वायरस से राज्य में 10 लोगों की मौत हो गई है और दो लोगों की हालत गंभीर बनी हुई है। इनमें से 8 लोगों की मौत कोझीकोड में हुई हैं। इस बीच एक नर्स की भी मौत हुई है जो इलाज के दौरान निपाह वायरस से पीड़ित के संपर्क में आ गई थी। निपाह वायरस भारत में पहली बार साल 2001 में पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी में पाया गया था। इसके बाद दूसरी बार यह साल 2007 में नदिया जिले में सामने आया। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन ने इसे दुनिया की 10 सबसे घातक बीमारियों में शामिल किया है। डबल्यूएचओ के अनुसार अगर समय रहते इसका इलाज नहीं खोजा गया तो यह माहामारी का रूप ले सकती है। इस वायरस से मौत की दर 70 फीसदी है। इसका असर मई और दिसंबर के महीने में सबसे ज्यादा होता है। निपाह वायरस के रोगी 24-48 घंटों के भीतर कोमा में जा सकता है। इससे रोगी की मौत भी होने का खतरा बना रहता है।  

फिजिशियन एंड इंटरवेशनल कार्डियोलॉजिस्ट डॉक्टर केके अग्रवाल के अनुसार, निपाह वायरस से होने वाला इन्फेक्शन जानवरों से इंसानों में फैलता है। यह वायरस जानवरों और इंसानों में गंभीर किस्म की बीमारी पैदा करता है। इस वायरस का प्रारंभिक स्रोत फल चूसने वाले चमगादड़ हैं। इस जानलेवा वायरस का कोई इलाज नहीं है। यह मनुष्यों और जानवरों दोनों के लिए जानलेवा बन सकता है। वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाईजेशन (WHO) की रिपोर्ट के अनुसार निपा वायरस का उपहार टेरोपस जीनस नामक एक खास नसल के चमगादड़ से मिला है। इस वायरस से बचने के लिए आपको इन बातों का ध्यान रखना चाहिए। 

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1) जमीन पर पड़े फल ना खायें

यह वायरस संक्रमित चमगादड़, सूअर या इस वायरस से पीड़ित के साथ सीधे संबंध में आने से फैलता है। डॉक्टर सलाह देते हैं कि जमीन पर पड़े हुए फलों का सेवन नहीं करना चाहिए। संभव है वो फल चमगादड़ ने खाएं हों, उनका सेवन करने से आप इस वायरस की चपेट में आ सकते हैं।

2) इससे पीड़ित व्यक्ति के पास ना जाएं

इससे बचने के लिए आपको सूअरों, चमगादड़ और इससे पीड़ित व्यक्ति के पास जाने से बचना चाहिए। 

3) मास्क और ग्लव्स पहनें

डॉक्टरों को इससे बचने के लिए संक्रमित व्यक्ति के इलाज के दौरान मास्क और ग्लव्स पहनने चाहिए। 

4) केरल से आने वाले व्यक्ति का टेस्ट कराएं

अगर आपको कोई रिश्तेदार या दोस्त इस समय केरल के कोझिकोड़ गया हुआ है और वो वापस आ रहा है, तो सबसे पहले आपको उसकी जांच करानी चाहिए। यह संभव है कि अगर वो इंफेक्टेड होगा तो आप भी इसकी चपेट में आ सकते हैं।

5) सूअर के पास जाने से बचें

अगर आप सूअर पालते हैं, तो आपको उनके पास जाने से बचना चाहिए और अन्य लोगों को भी उनके पास जाने से रोकना चाहिए। 

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6) केरल में खजूर न खायें

डॉक्टर्स की सलाह मानें तो केरल में जाकर गलती से भी खजूर का सेवन ना करें। खुले में मिल रहा हो या पैकेट में खजूर का किसी भी रूप में सेवन आपके लिए घातक हो सकता है। इसकी वजह यही है कि हो सकता है आप जो खजूर खाएं उसमें भी चमगादड़ ने अपना मुंह लगाया हो। 

7) मृत व्यक्ति को गले लगाने से बचें

निपाह बुखार से मरने वाले किसी भी व्यक्ति के मृत शरीर को ले जाते समय चेहरे को ढंकना महत्वपूर्ण है। मृत व्यक्ति को गले लगाने से बचें और उसके अंतिम संस्कार से पहले शरीर को स्नान करते समय सावधानी बरतें । 

8) शौचालय की चीजों को रखें साफ

आमतौर पर शौचालय में इस्तेमाल होने वाली चीजें, जैसे बाल्टी और मग को खास तौर पर साफ रखें।

(फोटो- पिक्साबे) 

English summary :
Nipah Virus, the deadly infectious disease spreads from specific species of bats. This deadly disease has cost many lives in Kerala. Lokmat News Hindi brings you the 8 effective ways to prevent yourself from this deadly disease Nipah Virus also known as NIV.


Web Title: 8 effective measures to save yourself from Nipah Virus

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