बिहार में 66 फीसदी कोरोना मरीज श्रमिक वर्ग से, राज्य में संक्रमित की संख्या हुई 112759, जानें किस जिले में कितने मामले आए सामने
By एस पी सिन्हा | Published: August 19, 2020 07:10 PM2020-08-19T19:10:07+5:302020-08-19T19:10:07+5:30
बिहार राज्य में पिछले 24 घंटे के भीतर 10 लोगों की मौत हुई है. इसके साथ ही राज्य में कोरोना से मरने वालों की संख्या बढकर 568 हो गई है.
पटना: बिहार में जारी कोरोना के संक्रमण को रोकने में कामयाबी मिलने का दावा सरकार के द्वारा भले ही की जा रही है. लेकिन अभी भी राज्य में प्रतिदिन हजारों की संख्या में नए मामले सामने आ रहे हैं. सबसे ज्यादा खराब हालत पटना की है.
स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी ताजा अपडेट के मुताबिक राज्य के विभिन्न जिलों से 3257 नए मामले सामने आये हैं. इसके साथ ही राज्य में कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़कर 1,12, 759 हो गई है. बिहार में फिलहाल 31460 कोरोना के एक्टिव मरीज है.
राज्य में पिछले 24 घंटे के भीतर 10 लोगों की मौत हुई है. इसके साथ ही राज्य में कोरोना से मरने वालों की संख्या बढकर 568 हो गई है.
बिहार में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों में 66 फीसदी श्रमिक वर्ग से
बिहार में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों में 66 फीसदी श्रमिक वर्ग से हैं. स्वास्थ्य विभाग ने राज्य के कोरोना संक्रमितों का पेशे के अनुसार ब्यौरा तैयार किया है.
इसमें राज्य में सर्वाधिक श्रमिक वर्ग से आने वाले संक्रमितों को चिन्हित किया गया है. मार्च के अंतिम सप्ताह से कोरोना की जांच शुरू होने के बाद मई में सबसे अधिक मेहनतकश प्रवासी श्रमिक बिहार आये थे, जिनमें कोरोना के लक्षण अधिक पाए गए थे.
राज्य में पिछले 24 घंटे के अंदर बिहार में कुल 1,12,781 टेस्ट सैंपल की जांच की गई है. इसके साथ राज्य में जांच का कुल आंकडा 1899970 जा पहुंचा है. बिहार में अब तक 80740 मरीज कोरोना से ठीक हो चुके हैं. रिकवरी रेशियो 73.48 फ़ीसदी है, जबकि अभी भी 28,576 एक्टिव केस मौजूद हैं.
जाहिर कोरोना जांच की रफ़्तार बहुत बढ गई है. लेकिन उस अनुपात में संक्रमण कम नहीं हुआ है. वैसे दुसरे राज्यों से तुलना करें तो स्थिति बहुत ख़राब भी नहीं कही जा सकती क्योंकि सबसे ज्यादा प्रवासी लॉकडाउन में बिहार ही आये हैं.
बिहार में कृषि श्रमिक मात्र एक फीसदी ही कोरोना संक्रमित पाए गए हैं-
स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के अनुसार सामान्य श्रमिक वर्ग के अतिरिक्त जो सिर्फ कृषि श्रमिक हैं, वे मात्र एक फीसदी ही कोरोना संक्रमित पाए गए हैं. जबकि सब्जी-फल विक्रेता एक फीसदी, ड्राइवर एक फीसदी, इलेक्ट्रिशियन एक फीसदी ही संक्रमित पाए गए हैं.
विभाग की रिपोर्ट के अनुसार संक्रमितों में सात फीसदी छात्र हैं. जबकि घर में संक्रमित व्यक्तियों के संपर्क में आने के कारण सामान्यतया घर में ही रहने वाली सामान्य गृहणी भी संक्रमित हुई है.
संक्रमितों में छह फीसदी गृहणी हैं. राज्य में कोरोना संक्रमण से मुकाबले में सबसे आगे रहने वाले स्वास्थ्य कर्मियों को भी संक्रमण का शिकार होना पडा है. स्वास्थ्य विभाग के अध्ययन के अनुसार राज्य के कुल संक्रमितों में छह फीसदी स्वास्थ्य कर्मी भी कोरोना संक्रमित हुए हैं.
इनमें सभी प्रकार के स्वास्थ्यकर्मियों को शामिल किया गया है. कोरोना संक्रमण के विस्तार के कारण जहां पुलिसकर्मी लॉक डाउन के दौरान सबसे आगे थे और लोगों को घर से बाहर निकलने से रोक रहे थे. दूसरी ओर, आवश्यक वस्तुओं के कारोबार से जुडे व्यवसायी भी सक्रिय थे.
इस दौरान अन्य पेशा के लोगों की तुलना में ये मात्र दो-दो फीसदी ही संक्रमित पाए गए हैं. रिपोर्ट के अनुसार सरकारी नौकरी करने वाले एक फीसदी तो प्राइवेट जॉब करने वाले तीन फीसदी संक्रमित पाए गए हैं.
जानें किस जिला में कितने कोरोना मरीज सामने आए-
स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि पटना से सबसे ज्यादा 422 नए मरीज सामने आये हैं. जबकि बेगूसराय में 103, पूर्वी चंपारण में 181, मधुबनी में 115, मुजफ्फरपुर में 173, पूर्णिया में 104, रोहतास में 118, सहरसा में 108, सीतामढी में 113, अररिया में 74, अरवल में 40, औरंगाबाद में 49, बांका में 27, भागलपुर में 70, भोजपुर में 58, बक्सर में 39, दरभंगा में 55, गया में 78, गोपालगंज में 36, जमुई में 22, जहानाबाद में 54, कैमूर में 23, कटिहार में 86, खगडिया में 42, किशनगंज में 54, लखीसराय में 53, मधेपुरा में 53, मुंगेर में 46, नालंदा में 74, नवादा में 26, समस्तीपुर में 36, सारण में 98, शेखपुरा में 37, शिवहर में 10, सीवान में 60, सुपौल में 46, वैशाली में 37 और पश्चिमी चंपारण में 59 नए संक्रमित मरीज मिले हैं.