लाइव न्यूज़ :

जम्मू-कश्मीर में कांग्रेस के 64 नेताओं ने दिया एक साथ इस्तीफा, गुलाम नबी आजाद की पार्टी में शामिल होंगे

By शिवेंद्र राय | Updated: August 30, 2022 13:32 IST

कांग्रेस के साथ करीब 5 दशक के संबंध खत्म करने वाले गुलाम नबी आजाद के बाद जम्मू और कश्मीर में अब 64 नेताओं ने एक साथ कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। कांग्रेस को झटका देने वालों में पूर्व उपमुख्यमंत्री तारा चंद सहित कई वरिष्ठ नेता शामिल हैं। ये सभी नेता गुलाम नबी आजाद के नेतृत्व वाली नई पार्टी में रविवार को शामिल होंगे।

Open in App
ठळक मुद्देजम्मू-कश्मीर में कांग्रेस के 64 नेताओं ने दिया एक साथ इस्तीफागुलाम नबी आजाद की नई पार्टी में शामिल होंगे सभी नेताजम्मू और कश्मीर में नई सियासी पारी शुरू करने की तैयारी में हैं

श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर में कांग्रेस को बहुत बड़ा झटका लगा है। पूर्व कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद के बाद अब जम्मू-कश्मीर में पार्टी के 64 नेताओं ने एक साथ इस्तीफा दे दिया है। जिन 64 नेताओं ने कांग्रेस से इस्तीफा दिया है उनमें राज्य के पूर्व उपमुख्यमंत्री तारा चंद, पूर्व मंत्री माजिद वानी और मनोहर लाल शर्मा जैसे नेता शामिल हैं। इस्तीफा देने वाले सभी नेता गुलाम नबी आजाद के नेतृत्व वाली नई पार्टी में रविवार को शामिल होंगे। 

 गुलाम नबी आजाद ने जबसे कांग्रेस से इस्तीफा दिया है तबसे जम्मू-कश्मीर कांग्रेस में खलबली मची हुई है। इससे पहले भी राज्य के पूर्व डिप्टी स्पीकर समेत चार कांग्रेस नेताओं ने इस्तीफा दे दिया था। कांग्रेस छोड़ने के बाद से ही आजाद पार्टी और खासकर राहुल गांधी पर हमलावर हैं। जम्मू-कश्मीर में सिर्फ बड़े नेता ही नहीं बल्कि पंचायत सदस्य और कार्यकर्ता भी गुलाम नबी आजाद को अपना समर्थन देने की बात कह चुके हैं। 

जिन 64 नेताओं ने इस्तीफा दिया है उनमें पूर्व उपमुख्यमंत्री तारा चंद , माजिद वानी (पूर्व मंत्री), बलवान सिंह (जम्मू कश्मीर कांग्रेस महासचिव) , घारू चौधरी (पूर्व मंत्री), मनोहर लाल शर्मा,  गुलाम हैदर मालिक , विनोद शर्मा, विनोद मिश्रा, नरिंदर शर्मा, मसूद, परविंदर सिंह, अराधना अंदोत्रा, संतोष महनास, संतोष मनजोत्रा, वरुण मंगोत्रा, रेहाना अंजुम, रसपौल भारद्वाज, तीरथ सिंह, नीरज चौधरी, सरनाम सिंह, राजदेव सिंह, अशोक भगत, अश्विनी शर्मा, बद्री शर्मा, जगतार सिंह, दलजीत सिंह, मदन लाल शर्मा, काली दास, करनैल सिंह, करण सिंह, गोविंद राम शर्मा, राम लाल भगत, केवल कृष्ण, देवेंद्र सिंह बिंदू, कुलभूषण कुमार जैसे नेता शामिल हैं।

राहुल पर हमलावर हैं गुलाम नबी आजाद

कांग्रेस के जी-23 समूह का हिस्सा रहे गुलाम नबी आजाद ने पिछले हफ्ते पार्टी के सभी पदों से अपना इस्तीफा दे दिया था। सेनिया गांधी को लिखे पांच पन्नों के इस्तीफे में आजाद ने पार्टी की कार्य पध्दति पर सवालिया निशान लगाए थे। इसके बाद मीडिया से बातचीत में आजाद ने कहा था कि मैं कांग्रेस के लिए दुआ ही कर सकता हूं लेकिन कांग्रेस मेरी दुआ से ठीक नहीं होगी उसके लिए दवा चाहिए। अभी उसका डॉक्टर कंपाउंडर है। अभी कांग्रेस को स्पेशलिस्ट की जरूरत है। ये सीधे-सीधे राहुल गांधी पर हमला था। 

गुलाम नबी राहुल के बारे में कह चुके हैं कि वह केवल धरने के लिए अच्छे हैं। कांग्रेस के साथ करीब 5 दशक के संबंध खत्म करने वाले आजाद जम्मू और कश्मीर में नई सियासी पारी शुरू करने की तैयारी में हैं। हालांकि आजाद ने भाजपा के साथ तालमेल से इनकार कर दिया है।

टॅग्स :गुलाम नबी आजादकांग्रेसजम्मू कश्मीरराहुल गांधीसोनिया गाँधी
Open in App

संबंधित खबरें

भारतशशि थरूर को व्लादिमीर पुतिन के लिए राष्ट्रपति के भोज में न्योता, राहुल गांधी और खड़गे को नहीं

भारतIndiGo Crisis: इंडिगो के उड़ानों के रद्द होने पर राहुल गांधी ने किया रिएक्ट, बोले- "सरकार के एकाधिकार मॉडल का नतीजा"

भारतSanchar Saathi App: विपक्ष के आरोपों के बीच संचार साथी ऐप डाउनलोड में भारी वृद्धि, संचार मंत्रालय का दावा

भारतDrung Waterfall: महीनों बाद खुला द्रुग वाटरफाल, टंगमर्ग राइडर्स की रोजी-रोटी में मदद मिली

भारतJammu-Kashmir Power Shortage: सर्दी बढ़ने के साथ कश्मीर में गहराया बिजली सकंट, करीब 500 मेगावाट बिजली की कमी से परेशान लोग

भारत अधिक खबरें

भारत‘सिटीजन सर्विस पोर्टल’ की शुरुआत, आम जनता को घर बैठे डिजिटल सुविधाएं, समय, ऊर्जा और धन की बचत

भारतआखिर गरीब पर ही कार्रवाई क्यों?, सरकारी जमीन पर अमीर लोग का कब्जा, बुलडोजर एक्शन को लेकर जीतन राम मांझी नाखुश और सम्राट चौधरी से खफा

भारतलालू प्रसाद यादव के बड़े लाल तेज प्रताप यादव पर ₹356000 बकाया?, निजी आवास का बिजली कनेक्शन पिछले 3 साल से बकाया राशि के बावजूद चालू

भारत2026 विधानसभा चुनाव से पहले बंगाल में हलचल, मुर्शिदाबाद में बाबरी मस्जिद की आधारशिला, हुमायूं कबीर ने धर्मगुरुओं के साथ मिलकर फीता काटा, वीडियो

भारतमहाराष्ट्र महागठबंधन सरकारः चुनाव से चुनाव तक ही बीता पहला साल