नई दिल्ली: भारत व चीन सीमा से सटे कई जगहों पर अब भी दोनों देशों की सेनाओं के बीच तनाव जारी है। इस बीच भारत के लिए एक अच्छी खबर यह है कि आज फ्रांस से भारत के लिए 5 राफेल लड़ाकू विमान ने उड़ान भरा है। 29 जुलाई को हरियाणा के अंबाला में भारतीय वायु सेना के बेड़े में ये सभी पांचों लड़ाकू विमान शामिल हो जाएगा।
विमान को भारतीय वायु सेना के टैंकर विमानों द्वारा भारत के लिए रवाना होने से पहले संयुक्त अरब अमीरात में एक एयरबेस के रास्ते पर फिर से उतारा जाएगा।
इन विमानों को भारतीय वायुसेना के पायलट उड़ा रहे हैं और ये रीफ्यूलिंग के लिए संयुक्त अरब अमीरात के अल धाफरा एयरबेस पर रुकेंगे।
36 विमानों के समझौते की यह पहली खेप है-
पांचों राफेल विमान 7364 किलोमीटर की हवाई दूरी तय करके बुधवार को अंबाला एयरबेस पहुंचेंगे। माना जा रहा है कि अगले हफ्ते इन पांचों विमानों की तैनाती चीन सीमा विवाद के मद्देनजर की जाएगी।
ये पांच विमान भारत और फ्रांस के बीच हुई 36 विमानों के समझौते की पहली खेप है। अबतक वायुसेना के 12 लड़ाकू पायलटों ने फ्रांस में राफेल लड़ाकू जेट पर अपना प्रशिक्षण पूरा कर लिया है। कुछ और अपने प्रशिक्षण के उन्नत चरण में हैं।
इन विमानों में हवा में ईंधन भरने वाले 2 रिफ्यूलर भी आएंगे-
बता दें कि राफेल भारतीय वायु सेना के 17 वें स्क्वाड्रन ‘गोल्डन एरोज' का हिस्सा बनेगा जो राफेल विमान से सुसज्जित पहला स्क्वाड्रन है। फ्रांस से यूएई के यात्रा के दौरान राफेल विमान के साथ हवा में ईंधन भरने वाले 2 रिफ्यूलर भी आएंगे। भारतीय वायु सेना के पायलट जिन्होंने राफेल विमान के उड़ान की ट्रेनिंग ली है वही विमान उड़ाकर लेकर भारत आएंगे।