5 साल में पीएम मोदी द्वारा किए गए 43 दावे निकले झूठे: रिपोर्ट

By निखिल वर्मा | Published: April 19, 2019 02:44 PM2019-04-19T14:44:23+5:302019-04-19T15:33:08+5:30

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कई दावे गलत या भ्रामक निकले हैं। 2014 में जब भाजपा सत्ता में आई थी, तब 97% गांवों में पहले से बिजली थी। कई गांवों और घरों में बिजली पहुंचाने की बात कही गई है जबकि वहां बिजली नहीं पहुंची है।

43 pm Modi Claims That Are Not True, Over 5 Years | 5 साल में पीएम मोदी द्वारा किए गए 43 दावे निकले झूठे: रिपोर्ट

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 26 मई 2014 को पीएम के रूप में शपथ ली थी।

Highlightsप्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा भी कई ऐसे ट्वीट किए गए जो सच नहीं है।बीजेपी ने सभी गांवों में बिजली पहुंचा देने का दावा किया था जो गलत है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा पिछले पांच साल में 43 ऐसे दावे किए गए हैं जो सच नहीं हैं। न्यूज वेबसाइट FactChecker के अनुसार इनमें वर्तमान और पिछली सरकारों के दौरान आर्थिक विकास जैसे मुद्दों पर दावे शामिल हैं।

दावों में रोजगार सृजन, वित्तीय समावेशन, सामाजिक सुरक्षा, कैश ट्रांसफर के साथ ही मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी योजना स्वच्छ भारत मिशन और जन धन योजना भी शामिल है। साथ ही वर्तमान सरकार के प्रमुख कार्यक्रम जैसे स्वच्छ भारत मिशन और जन धन योजना के दावे भी शामिल है।

 FactChecker के टीम के अनुसार उसने कृषि और किसानों के कल्याण, अपराध, अर्थव्यवस्था और विकास, रोजगार और श्रमिकों के लाभ, स्वास्थ्य, इंटरनेट कनेक्टिविटी, बिजली, प्रतिनिधित्व, सड़क और राजमार्ग निर्माण, स्वच्छता और अन्य सरकारी योजनाओं जैसी श्रेणियों में दावों को वर्गीकृत किया है।

FactChecker ने प्रधानमंत्री मोदी के भाषणों, ट्विटर पर प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ), नरेंद्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी सहित कई स्रोतों से ऐसे दावों को शामिल किया है। दावों को 26 मई 2014 से शामिल किया गया जिस दिन नरेंद्र मोदी ने पीएम के रूप में शपथ ली थी। 

पीएम मोदी के कुछ दावों का सच जानिए:  

दावा: ढाई साल में एफडीआई के जरिए निवेश बढ़कर 130 बिलियन डॉलर पहुंचा-पीएम मोदी
 
लिंक: https://twitter.com/PMOIndia/status/808943456391266304

तारीख- 13 दिसंबर, 2016

सच: मई 2014 से नवंबर 2016 के बीच प्रत्यक्ष विदेशी निवेश 101.2 बिलियन डॉलर रहा, ये पीएम के दावे से 21.8% कम है।

स्पष्टीकरण: वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के अनुसार, मई 2014 और नवंबर 2016 के बीच कुल एफडीआई में 101.72 बिलियन डॉलर की राशि आई।

दावा: 1.5 करोड़ रुपये तक के टर्नओवर वाली कंपनियों के लिए जीएसटी की कंपोजिशन स्कीम के तहत 1% की दर भी दुनिया में सबसे कम- पीएम मोदी

लिंक: https://twitter.com/BJP4India/status/961148961317941249

तारीख: 7 फरवरी, 2018 

सच: दावा गलत, कई देशों में यह दर एक फीसदी से कम हैं।
 
स्पष्टीकरण: इंडोनेशिया, कांगो, जिबूती,आइवरी कोस्ट (घाटे वाली कंपनियों), निकारागुआ और रोमानिया सहित कई देशों में छोटे उद्यमों पर 1% का न्यूनतम टैक्स लगता है। कई देश शून्य कॉर्पोरेट टैक्स दर भी प्रदान करते हैं, जिसमें कई कैरिबियाई द्वीप जैसे बहमास, बरमूडा और ब्रिटिश वर्जिन द्वीप समूह शामिल हैं।

दावा: सोचिए, आखिर क्यों, आजादी के बाद के 67 वर्षों तक केवल 70 प्रतिशत ग्रामीण परिवारों तक ही बिजली की सुविधा पहुंची थी और अब कैसे बीते चार वर्षों में 95 प्रतिशत ग्रामीण परिवारों तक बिजली पहुंच गई है: पीएम मोदी
 
लिंक: https://twitter.com/PMOIndia/status/1070918150177251329

तारीख: 6 दिसंबर, 2018

फैक्ट: दावा गलत,  2014 में जब भाजपा सत्ता में आई थी, तब 97% गांवों में पहले से बिजली थी। कई गांवों और घरों में बिजली पहुंचाने की बात कही गई है जबकि वहां बिजली नहीं पहुंची है।

स्पष्टीकरण: जब भाजपा 2014 में सत्ता में आई थी, तब 97% गांवों में पहले से बिजली थी। केवल 18,452 ग्रिड यानि 3 फीसदी विद्युतिकरण बचा था। कांग्रेस के नेतृत्व वाले संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन ने 2005 और 2014 के बीच अपने दो लगातार कार्यकालों में 108,280 गांवों को जोड़ा था। यूपीए सरकार के कार्यकाल में 18 फीसदी गांवों में बिजली पहुंचाई गई थी।

घर के विद्युतीकरण पर नज़र रखने वाले SAUBHAGYA डैशबोर्ड से पता चलता है कि 95% ग्रामीण घरों में कनेक्टिविटी है, कई गांवों और घरों में बिजली नहीं मिली है। अप्रैल 2018 में बीजेपी द्वारा घोषणा की गई कि भारत के सभी गांवों में बिजली पहुंचा दी गई है। हालांकि इन 18,374 गांवों में केवल 8 प्रतिशत गाँवों में 100 प्रतिशत घरों तक कनेक्शन पहुंचा है।

दावा: इन चार वर्षों में सिर्फ शौचालय ही नहीं बने, बल्कि 90% से अधिक शौचालयों का नियमित उपयोग भी हो रहा है- पीएम मोदी

लिंक: https://twitter.com/PMOIndia/status/1047016706944770048

तारीख: 2 अक्टूबर, 2018

फैक्ट: दावा गलत। एक अध्ययन के अनुसार लगभग एक चौथाई या 23% लोग जो एक शौचालय के मालिक हैं, खुले में शौच करना जारी रखते हैं। गुजरात और उत्तर प्रदेश में जांच में धोखाधड़ी के आंकड़े, अनुपयोगी शौचालय और खुले में शौच की उच्च दर पाई गई।

स्पष्टीकरण:  9 जनवरी, 2019 को इंडियास्पेंड की रिपोर्ट के अनुसार 23 फीसदी लोग, जिनके पास एक शौचालय है, लेकिन खुले में शौच करना जारी रखते हैं। 

दावा: पिछली सरकार के 6 साल में 8 बार ऐसे मौके आए जब विकास दर 5.7 प्रतिशत या उससे नीचे गिरी। देश की अर्थव्यवस्था ने ऐसे क्वार्टर्स भी देखे हैं, जब विकास दर 0.2 प्रतिशत, 1.5 प्रतिशत तक गिरी

लिंक: https://twitter.com/PMOIndia/status/915564918996267008

तारीख: 4 अक्टबूर, 2017 

तथ्य: भ्रामक। विकास दर में गिरावट के बारे में दावा सच है,  हालांकि पिछली सरकार में 2005-06 से अर्थव्यवस्था आठ बार से ज्यादा दोहरे अंकों में पहुंची है।

स्पष्टीकरण: पिछली सरकार के छह वर्षों में विकास दर 5.7% से कम होने पर आठ से अधिक उदाहरण थे और विकास क्रमशः 2008-09 की तीसरी और चौथी तिमाही में घटकर 1.5% और 0.2% रह गया।

हालांकि, सरकारी आंकड़ों के अनुसार, 2005-06 के बाद से अर्थव्यवस्था आठ अंकों से अधिक दोहरे अंकों में बढ़ी है। 2015 में मोदी सरकार ने आधार वर्ष को 2011-12 में बदलने के लिए विवादास्पद कदम उठाया, जिससे पिछली सरकार के विकास अनुमानों में संशोधन हुआ।
 
सोर्स: https://data.gov.in/resources/quarterly-growth-rates-gdp-released-first-quarter-financial-year-2005-06-second-quarter

 


 

Web Title: 43 pm Modi Claims That Are Not True, Over 5 Years