बिहार में थम नहीं रहा मौतों का सिलसिला, चमकी बुखार-लू लगने से अब तक 419 की मौत
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: June 20, 2019 10:01 AM2019-06-20T10:01:12+5:302019-06-20T10:06:07+5:30
विशेषज्ञों और जानकारों की मानें तो यह शासन-सत्ता की नाकामी छिपाने का महज बहाना है क्योंकि लीची खाने से बीमारी होने का कोई उदाहरण सामने नहीं आया है। खास तौर पर जिन बच्चों की मौत हुई है, उनमें कोई वायरस नहीं पाया गया है बल्कि शुगर और सोडियम की कमी पाई गई है।
बिहार में चमकी बुखार और गर्मी का प्रकोप जारी है। अब तक चमकी बुखार से 144 और गर्मी-लू से 275 लोगों की मौत हुई है। समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार गुरुवार तक मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार से 117 बच्चों की मौत हो चुकी है। एसकेएमसीएच में 98 और केजरीवाल अस्पताल 19 मासूमों की मौत हुई है।
Bihar: Death toll due to Acute Encephalitis Syndrome (AES) rises to 117 in Muzaffarpur. 98 deaths at SKMCH & 19 deaths at Kejriwal hospital. pic.twitter.com/rCH9JxpDKb
— ANI (@ANI) June 20, 2019
गर्मी से बच्चों की मौत
विशेषज्ञों और जानकारों की मानें तो यह शासन-सत्ता की नाकामी छिपाने का महज बहाना है क्योंकि लीची खाने से बीमारी होने का कोई उदाहरण सामने नहीं आया है। खास तौर पर जिन बच्चों की मौत हुई है, उनमें कोई वायरस नहीं पाया गया है बल्कि शुगर और सोडियम की कमी पाई गई है। मुजफ्फरपुर एसकेएमसीएच के शिशु रोग विशेषज्ञ और हेड ऑफ डिपार्टमेंट डॉ गोपाल शंकर सहनी के अनुसार इस बीमारी का कारण लीची नहीं, बल्कि हीट और ह्यूमिडिटी बड़ा कारण है। इलाके में गर्मी जब 40 डिग्री के पार होती है और ह्यूमिडिटी 60 पार होती है और यह स्थिति कई दिनों तक लगातार बनी रहती है तो बच्चे बीमार होने लगते हैं।
लू लगने से मरने वालों का आंकड़ा 275 के पार
बिहार में एक ओर जहां एईएस का कहर जारी है, वहीं भीषण गर्मी और लू के कहर से भी लोग असमय कालकलवित हो जा रहे हैं। इसकी वजह से बिहार के विभिन्न जिलों में अबतक 275 से अधिक लोगों की मौत हो गई है. हालांकि, आपदा प्रबंधन विभाग के अनुसार लू से अभी तक 90 लोगों की मौत हुई है। आग उगलते आसमान व कातिल बनी हवाओं को देखते हुए कई जिलों में एहतियातन निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है. पूरे राज्य में स्कूल व कोचिंग संस्थान 22 जून तक बंद कर दिए गए हैं।
बिहार में सर्वाधिक प्रभावित मगध और शाहाबाद क्षेत्र में लू का असर कम तो हुआ, पर खत्म नहीं हुआ है। इस क्षेत्र में शनिवार से आजतक दो सौ से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। अस्पतालों में तीन सौ भी ज्यादा मरीज भर्ती हैं। भयावह स्थिति की वजह से दिन में 11 बजे से चार बजे तक निषेधाज्ञा लगाकर बाजार बंद करने के आदेश दिए गए हैं।