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4000 किलो बारूद महज 9 सेकेंड में सुपरटेक टावर्स को मिला देगा खाक में, कर देगा जमींदोज, नोएडा वालों को जरूर जानना चाहिए पूरा रोडमैप

By आशीष कुमार पाण्डेय | Updated: March 16, 2022 16:24 IST

नोएडा में बने अवैध सुपरटेक ट्विन टावरों को गिराने के मामले में अधिकरियों ने बताया कि लगभग 100 मीटर ऊंचे इन टावरों को चार टन विस्फोटकों की सहायता से महज 9 सेकेंड में जमींदोज कर दिया जाएगा। इसके लिए 22 मई की दोपहर 2.30 बजे विस्फोट होने पर सेक्टर 93ए में टावरों के करीब रहने वाले 1,500 परिवारों को लगभग पांच घंटों के लिए घरों से बाहर कर दिया जाएगा।

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ठळक मुद्देविस्फोट से पहले सुपरटेक के 31 मंजिला सियान टावर को गिराया जाएगा, यह 97 मीटर ऊंचा हैदूसरे विस्फोट में 100 मीटर ऊंचे एपेक्स टावर की 32 मंजिला इमारत को जमींदोज किया जाएगासुपरटेक के दोनों टावरों को गिराने के लिए करीब एक घंटे के लिए एक्सप्रेस -वे भी बंद करेगा

नोएडा: सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर आगामी 22 मई को नोएडा में बने अवैध सुपरटेक ट्विन टावरों को गिराया जाएगा। इस मामले में जानकारी देते हुए अधिकरियों ने बताया कि लगभग 100 मीटर ऊंचे इन टावरों को चार टन विस्फोटकों की सहायता से महज 9 सेकेंड में जमींदोज कर दिया जाएगा।

इसके साथ ही सुरक्षा के लिहाज से सेक्टर 93ए में दोनों टावरों के पास रहने वाले करीब 1,500 परिवारों को 22 मई की दोपहर 2.30 बजे विस्फोट होने पर लगभग पांच घंटे तक के लिए घरों से बाहर कर दिया जाएगा।

दोनों टावरों को द्वस्त करने वाली एडिफिस इंजीनियरिंग कंपनी ने बताया कि चूंकि दोनों टावर नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे के बेहद नजदीक हैं। इसलिए करीब एक घंटे के लिए एक्सप्रेस -वे पर ट्रैफिक को भी बंद कर दिया जाएगा और उस दिन ऐहतियातन बड़ी संख्या में सुरक्षाकर्मियों को भी तैनात किया जाएगा।

मालूम हो कि सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल 31 अगस्त को सुपरटेक के 100 मीटर ऊंचे एपेक्स और 97 मीटर ऊंचे सियान को ध्वस्त करने का आदेश दिया था क्योंकि दोनों इमारतों के निर्माण में कानूनी मानदंडों का उल्लंघन किया गया था। इसके साथ ही कोर्ट ने इस निर्माण परियोजना की मंजूरी के लिए नोएडा प्राधिकरण को भी फटकार भी लगाई थी।

एडिफिस इंजीनियरिंग कंपनी के पार्टनर उत्कर्ष मेहता ने मीडिया से जानकारी साथा करते हुए बताया कि 31 मंजिला 97 मीटर ऊंची सियान को पहले गिराया जाएगा और बाद में 100 मीटर ऊंचे एपेक्स के 32 मंजिला टावर को जमींदोज किया जाएगा। 

उत्कर्ष मेहता ने टावरों के गिराने के संबंध में बताया, "दोनों टावरों को विस्फोटकों की सहायता से कई चरणों में फ्लोर बाई प्लोर अंदर की ओर गिराया जाएगा। फ्लोर पर पहले दस स्तरों में प्राथमिक ब्लास्ट किया जाएगा और फिर सात सेकेंडरी ब्लास्ट भी होंगे। प्राथमिक ब्लास्ट फ्लोर के सभी कॉलम में विस्फोट करेंगे। सेकेंडरी ब्लास्ट में फ्लोर के कॉलम में 40 फीसदी विस्फोट किया जाएगा।

एडिफिस इंजीनियरिंग कंपनी इससे पहले भी साल 2019 में दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में 108 मीटर ऊंचे बैंक ऑफ लिस्बन को धराशायी कर चुकी है। अधिकारियों के अनुसार, बैंक ऑफ लिस्बन और आसपास की इमारत के बीच की दूरी लगभग सात मीटर थी, जबकि नोएडा में यह दूरी लगभग नौ मीटर है।

मेहता ने बताया, "दोनों टावरों को गिराने के लिए 2,500 किलोग्राम से 4,000 किलोग्राम के बीच विस्फोटक की आवश्यकता होगी। विस्फोटकों के उपयोग से होने वाले खतरे के मद्देनजर सुरक्षा उपायों को मजबूत बनाने के लिए मार्च के अंतिम सप्ताह या अप्रैल के पहले सप्ताह में एक परीक्षण विस्फोट की भी योजना बनाई गई है, जबकि असली विस्फोट में दोनों टावरों को उड़ाने में महज नौ सेकंड लगेंगे।"

विस्फोट करने के लिए कंपनी पहले से तैयारी कर रही है। इलेक्ट्रीक फिटिंग, प्लंबिंग आइटम, दरवाजे और खिड़कियां जैसी चीजों को विस्फोट से पहले ही हटाया जा रहा है और मलबे को कम करने के लिए दीवारों को भी पहले से ही गिराया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि विस्फोट दोनों टावरों के पड़ोस में स्थित एमराल्ड कोर्ट परिसर से दूर किया जाएगा। जहां पह आज के समय में लगभग 600 परिवार रहते हैं।

नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों के अनुसार विशेषज्ञ एमराल्ड कोर्ट और आसपास की इमारतों की जांच करेंगे ताकि विस्फोट के बाद नुकसान का आकलन पहले से किया जा सके।

मेहता ने कहा कि एमराल्ड कोर्ट  सहित आसपास के लोगों को भरोसा दिया गया है कि विस्फोट से उनकी इमारतों को कोई नुकसान नहीं होगा और अगर कोई नुकसान होता भी है तो वह पूरी तरह से बीमा कवर में रहेगा।

वैसे एडिफिस इंजीनियरिंग कंपनी के विशेषज्ञों ने आसपास के रहने वालों को सलाह दी है कि वो विस्फोट से कम से कम तीन घंटे पहले अपने घरों से बाहर निकल जाएं और विस्फोट होने के करीब दो घंटे बाद ही घर में प्रवेश करें।

सेक्टर 93ए में जहां ये विस्फोट होने वाला है, इसके आसपास एमराल्ड कोर्ट, एटीएस ग्रीन्स विलेज और पार्श्वनाथ प्रेस्टीज के साथ एक पार्क और टावरों के सामने की सड़क के साथ-साथ नोएडा एक्सप्रेसवे का हिस्सा भी प्रभावित क्षेत्र में शामिल है।

यही कारण है कि एक्सप्रेस-वे पर विस्फोट के दौरान एक घंटे के लिए यातायात पूरी तरह से रोक दिया जाएगा और सेक्टर 93ए के आसपास पुलिस समेत सुरक्षाकर्मियों को भी तैनाती की जाएगी।

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