पाकिस्तान में इंडियन डिप्लोमेट का कुक बन गया ISI का जासूस, गिरफ्तारी के बाद हुए ये खुलासे
By पल्लवी कुमारी | Published: May 24, 2018 10:01 AM2018-05-24T10:01:48+5:302018-05-24T10:01:48+5:30
भारतीय सुरक्षा एजेंसी के मुताबिक रमेश पर आरोप है कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई से पैसे के बदले कई गोपनीय जानकारियां साझा कीं।
लखनऊ, 24 मई: पाकिस्तान में एक भारतीय राजनयिक के घर में काम करने वाले रसोईयां को उत्तराखंड के पिथौरागढ़ से मंगलवार की रात को गिरफ्तार किया गया था। पिछले दो सालों से वह पाकिस्तान में भारतीय राजनयिक के घर काम कर रहा था। गिरफ्तार किए गए शख्स का नाम रमेश सिंह (35 वर्ष) है।
पैसे के लिए की गोपनीय जानकारियां साझा
गिरफ्तारी के बाद भारतीय सुरक्षा एजेंसी ने इस बात का खुलासा किया कि आरोपी रमेश सिंह एक कथित तौर पर आईएसआई का एजेंट है। भारतीय सुरक्षा एजेंसी के मुताबिक रमेश पर आरोप है कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई से पैसे के बदले कई गोपनीय जानकारियां साझा कीं।
माइक्रोफोन लगाकर करता था जासूसी
यूपी एटीएस, मिलिट्री इंटेलिजेंस और उत्तराखंड पुलिस ने जॉइंट ऑपरेशन के तहत
रमेश को पिथौरागढ़ के गराली गांव के उसके घर से गिरफ्तार किया। उत्तराखंड पुलिस के मुताबिक पाकिस्तान में भारतीय रक्षा विभाग से संबद्ध एक राजनयिक के घर में रमेश माइक्रोफोन लगाकर जासूसी करता था। जासूसी करके इसकी सारी जानकारियां वह गोपनीय तरीके से आईएसआई को देता था।
रमेश का बड़ा भाई भी इंडियन आर्मी में
पुलिस ने यह भी खुलासा किया है कि रमेश का बड़ा भाई भी इंडियन आर्मी में काम करता है। गिरफ्तारी के बाद आरोपी रमेश को पिथौरागढ़ कोर्ट में पेश किया गया। जहां से उसे ट्रांजिट रिमांड पर लखनऊ लाया गया है। यूपी एटीएस के आईजी ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि उत्तराखंड के डीजीपी ने कुछ महीने पहले इस ऑपरेशन के लिए यूपी पुलिस की मदद मांगी थी। इसके बाद इस जॉइंट ऑपरेशन के लिए इंटेलिजेंस से भी मदद मांगी गई।
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कुक के पहले खेती करता था आरोपी रमेश
सूत्रों की मानें तो पाकिस्तान में भारतीय राजनयिक के घर में कुक का काम करने के पहले रमेश सिंह खेती करता था। रमेश के एक रिश्तेदार ने उसे कुक की नौकरी का ऑफर दिया था। जिसके बाद 2015 से लेकर सितंबर 2017 तक रमेश भारतीय रक्षा राजनयिक के आवास पर कुक का काम करता था। इस बीच वह आईएसआई के संपर्क में आया।
डायरी और कुछ गोपनीय दस्तावेज भी आईएसआई को दी
यूपी पुलिस के मुताबिक सितंबर 2017 के बाद रमेश भारत लौट आया था और यहां आकर उसने किसी का आठ लाख का कर्ज भी चुकाया। सूत्रों के मुताबिक रमेश ने आईएसआई को मौखिक सूचना के अलावा डायरी और कुछ गोपनीय दस्तावेज भी दी है। फिलहाल पुलिस इस बात का पता लगा रही है कि रमेश ने आईएसआई से कितनी रकम ली थी।
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