प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र उल्लंघन पर दिल्ली में एक से 17 नवंबर के बीच 3446 चालान हुए

By भाषा | Updated: November 20, 2021 16:01 IST2021-11-20T16:01:49+5:302021-11-20T16:01:49+5:30

3446 challans were made in Delhi between November 1 and 17 for violation of pollution control certificate | प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र उल्लंघन पर दिल्ली में एक से 17 नवंबर के बीच 3446 चालान हुए

प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र उल्लंघन पर दिल्ली में एक से 17 नवंबर के बीच 3446 चालान हुए

नयी दिल्ली, 20 नवंबर शहर में बिगड़ती वायु गुणवत्ता के बीच, दिल्ली परिवहन विभाग ने वैध पीयूसी (प्रदूषण नियंत्रण) प्रमाण पत्र के बिना वाहन मालिकों को दंडित करने के लिए प्रवर्तन अभियान तेज कर दिया है और एक से 17 नवंबर के बीच 3.5 करोड़ रुपये से अधिक के लगभग 3,500 चालान जारी किए गए हैं।

आधिकारिक आंकड़े बताते हैं कि अक्टूबर में विभाग की प्रवर्तन शाखा के दस्तों ने 8,25,681 वाहनों की जांच की और 9.5 करोड़ रुपये से अधिक के 9,522 चालान जारी किए। इसके अलावा इसी महीने में आठ लाख से अधिक प्रदूषण नियंत्रण (पीयूसी) प्रमाण पत्र जारी भी किए गए।

मोटर वाहन अधिनियम 1993 के अनुसार, वैध पीयूसी प्रमाण पत्र नहीं रहने पर वाहन मालिकों का धारा 190 (2) के तहत चालान किया जा सकता है, जिसके लिए छह महीने तक की कैद या 10,000 रुपये तक का जुर्माना या दोनों हो सकते हैं। इसके साथ ही चालक तीन महीने के लिए अपना ड्राइविंग लाइसेंस भी गंवा सकता है।

परिवहन विभाग के आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, अक्टूबर के मध्य तक शहर में बिना वैध पीयूसी प्रमाण पत्र के लगभग 17.71 लाख वाहन चल रहे थे। दिल्ली में कुल 1.34 करोड़ पंजीकृत वाहन हैं।

जिन वाहनों के लिये पीयूसी प्रमाण पत्र नहीं था उनमें अधिकतर दोपहिया (लभगग 13 लाख) थे, जबकि 4.20 लाख चार पहिया वाहन परिवहन विभाग के डेटाबेस के अनुसार वैध प्रमाण पत्र के बिना पाए गए।

आंकड़े दर्शाते हैं कि प्रवर्तन दस्तों ने 17 नवंबर तक वाहनों के वैध पीयूसी का पालन न करने के लिए 3,446 चालान जारी किए। नवंबर में इस अवधि के दौरान 3.34 लाख से अधिक पीयूसी प्रमाण पत्र भी जारी किए गए।

परिवहन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “हमने ईंधन स्टेशनों और चिन्हित चौराहों जैसे सुविधाजनक स्थानों पर 50 से अधिक टीमों को तैनात किया है। पीयूसी अनुपालन बढ़ाने के लिए टीमों द्वारा प्रवर्तन और जागरूकता दोनों कार्य किए जा रहे हैं।”

शहर में करीब 1,000 अधिकृत पीयूसी जांच केंद्र हैं, जिन्होंने सितंबर में 5.44 लाख प्रमाण पत्र जारी किए थे। परिवहन विभाग द्वारा प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों के खिलाफ अभियान शुरू करने के बाद से यह संख्या काफी बढ़ गई है।

अधिकारियों ने कहा कि अगस्त में रोजाना करीब 10,000 पीयूसी प्रमाणपत्र जारी किए गए और सितंबर में खराब वायु गुणवत्ता के बाद से इनकी संख्या बढ़ने लगी।

परिवहन विभाग के डेटाबेस के अनुसार, सितंबर के मध्य से पीयूसी प्रमाण पत्र जारी करने का दैनिक औसत बढ़कर लगभग 20,000 हो गया। परिवहन विभाग द्वारा शुरू किए गए अभियान ने अक्टूबर के दूसरे सप्ताह से संख्या को बढ़ाकर लगभग 38,000 प्रति दिन कर दिया। यह वर्तमान में प्रतिदिन 30,000 से अधिक की है।

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Web Title: 3446 challans were made in Delhi between November 1 and 17 for violation of pollution control certificate

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