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देश के 32 किसान संगठनों की बैठक आज, आंदोलन पर होगा बड़ा फैसला

By रुस्तम राणा | Updated: November 20, 2021 09:23 IST

इस बैठक में किसान आंदोलन की आगे की रणनीतियों पर चर्चा हो सकती है। किसान नेता राकेश टिकैत पीएम के ऐलान के बाद यह पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि आंदोलन तत्काल रूप से बंद नहीं किया जाएगा।

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ठळक मुद्देबनाई जा सकती है किसान आंदोलन के लिए आगे की रणनीतिएमएसपी गारंटी कानून पर होगी किसानों की अगली रणनीति

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कृषि कानूनों की वापसी का ऐलान भले ही कर दिया हो, लेकिन किसान आंदोलन चलेगा या थमेगा इस पर अभी सवाल बना हुआ है। शनिवार को देश के 32 किसान संगठनों की अहम बैठक होगी। इस बैठक में किसान आंदोलन की आगे की रणनीतियों पर चर्चा हो सकती है। किसान नेता राकेश टिकैत पीएम के ऐलान के बाद यह पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि आंदोलन तत्काल रूप से बंद नहीं किया जाएगा। जब तक संसद की प्रक्रिया से ये तीनों कृषि कानून वापस नहीं हो जाते। 

पीएम मोदी ने किसानों से की वापस घर लौटने की अपील

पीएम मोदी ने शुक्रवार को प्रकाश पर्व के मौके पर देश को संबोधित करते हुए तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का ऐलान किया था। उन्होंने क्षमा मांगते हुए आंदोलन कर रहे किसानों से अपने घर और खेतों में लौटने की अपील की है। साथ ही कहा कि आगामी शीतकालीन शत्र में इन कानूनों को वापस लेने की प्रक्रिया को पूर्ण किया जाएगा। 

संयुक्त मोर्च आदोलन को जारी रखेगा

पीएम मोदी के इस ऐलान के बाद जहां कुछ किसान संगठनों ने सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है और अपनी खुशियों को जाहिर किया है तो वहीं संयुक्त किसान मोर्चा ने किसान आंदोलन समाप्त न करने का भी ऐलान कर दिया है। 

इन मुद्दों पर बनाई जा सकती है रणनीति

दरअसल, आज होने वाली इस बैठक में एमएसपी पर कानूनी गारंटी, किसानों पर हुए मुकदमों को वापस लेने की मांग के अलावा अन्य मुद्दों पर रणनीति बनाकर आंदोलन को आगे ले जाने पर विचार किया जा सकता है। किसान संगठनों की यह बैठक सिंघु बॉर्डर में होनी है। 

पिछले एक साल से जारी है किसान आंदोलन

पिछले एक साल से कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन दिल्ली बॉर्डर पर चल रहा है। इस आंदोलन में कई किसानों ने अपनी जान गंवाई है। बता दें कि मोदी सरकार ने इन कानूनों को जून, 2020 में सबसे पहले अध्यादेश के तौर पर लागू किया था। इस अध्यादेश का पंजाब में तभी विरोध शुरू हो गया था।

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