2,500 करोड़ का चिटफंड घोटाला: आईपीएस अधिकारी राजीव कुमार को अग्रिम जमानत देने के खिलाफ सीबीआई पहुंची शीर्ष अदालत
By भाषा | Updated: October 4, 2019 20:24 IST2019-10-04T20:23:17+5:302019-10-04T20:24:11+5:30
जांच एजेन्सी ने इस याचिका में कलकत्ता उच्च न्यायालय के एक अक्टूबर के आदेश को चुनौती दी है। उच्च न्यायालय ने कोलकाता के पूर्व पुलिस आयुक्त राजीव कुमार को अग्रिम जमानत देते हुये अपने आदेश में कहा था कि यह हिरासत में लेकर पूछताछ करने योग्य मामला नहीं है।

आरोप है कि शारदा समूह ने जनता को उसके यहां निवेश करने पर बेहतर दर पर धन वापसी का आश्वासन दिया था।
केन्द्रीय जांच ब्यूरो ने करोड़ों रुपए के शारदा चिट फंड घोटाले के सिलसिले में पश्चिम बंगाल काडर के आईपीएस अधिकारी राजीव कुमार को अग्रिम जमानत देने के फैसले के खिलाफ शुक्रवार को उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर की।
जांच एजेन्सी ने इस याचिका में कलकत्ता उच्च न्यायालय के एक अक्टूबर के आदेश को चुनौती दी है। उच्च न्यायालय ने कोलकाता के पूर्व पुलिस आयुक्त राजीव कुमार को अग्रिम जमानत देते हुये अपने आदेश में कहा था कि यह हिरासत में लेकर पूछताछ करने योग्य मामला नहीं है।
उच्च न्यायालय के आदेश के बाद तीन अक्टूबर को राजीव कुमार ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में समर्पण कर दिया जिसने उन्हें 50-50 हजार रुपए की दो जमानत देने पर रिहा कर दिया। शारदा समूह पर जनता को करीब 2,500 करोड़ रुपए का चूना लगाने का आरोप है।
CBI Sources: Central Bureau of Investigation (CBI) has filed an SLP (special leave petition) in Supreme Court today against the Calcutta High Court's order of giving anticipatory bail to former Kolkata Police Commissioner Rajeev Kumar. (File pic) pic.twitter.com/QdESTI1Aob
— ANI (@ANI) October 4, 2019
आरोप है कि शारदा समूह ने जनता को उसके यहां निवेश करने पर बेहतर दर पर धन वापसी का आश्वासन दिया था। पश्चिम बंगाल सरकार ने जब इस घोटाले की जांच के लिये विशेष जांच दल गठित किया तो राजीव कुमार ही इसके मुखिया थे। लेकिन बाद में शीर्ष अदालत ने 2014 में चिट फंड के अन्य मामलों के साथ ही इस घोटाले को भी सीबीआई को सौंप दिया था।
राजीव कुमार के विधाननगर पुलिस आयुक्त के कार्यकाल के दौरान 2013 में शारदा चिट फंड घोटाला सामने आया था। इससे पहले, शीर्ष अदालत ने पांच फरवरी को राजीव कुमार को सीबीआई के समक्ष पेश होने और जांच में पूरी तरह सहयोग करने का निर्देश दिया था। लेकिन न्यायालय ने स्पष्ट किया था कि राजीव कुमार से पूछताछ के दौरान उन्हें गिरफ्तार नहीं किया जायेगा।
इसके बाद सीबीआई ने शिलांग में राजीव कुमार से पूछताछ की थी। इसके बाद सितंबर महीने में जांच एजेन्सी ने एक बार फिर राजीव कुमार को समन भेजा था। लेकिन राजीव कुमार उसके समक्ष पेश नहीं हुये। बाद में कलकत्ता उच्च न्यायालय ने उन्हें अग्रिम जमानत दे दी थी।