आंध्र प्रदेश में वर्षाजनित घटनाओं में 25 लोगों की मौत, 17 लोग लापता
By भाषा | Updated: November 20, 2021 21:55 IST2021-11-20T21:55:11+5:302021-11-20T21:55:11+5:30

आंध्र प्रदेश में वर्षाजनित घटनाओं में 25 लोगों की मौत, 17 लोग लापता
अमरावती (आंध्र प्रदेश), 20 नवंबर बंगाल की खाड़ी में कम दबाव का क्षेत्र बनने से भारी बारिश के कारण शुक्रवार से आंध्र प्रदेश के विभिन्न जिलों में राज्य आपदा मोचन बल के एक सदस्य सहित 25 लोगों की मौत हो गई, जबकि 17 लोग अब भी लापता हैं। राज्य सरकार ने शनिवार को यह जानकारी दी।
सरकार ने एक विज्ञप्ति में कहा कि भारतीय वायु सेना, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ), पुलिस और दमकल के कर्मियों ने अनंतपुरामु, कडप्पा और चित्तूर जिलों में आई भीषण बाढ़ से एक पुलिस निरीक्षक सहित कम से कम 64 लोगों को बचाया।
एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की 17 टीम रायलसीमा क्षेत्र के तीन बाढ़ प्रभावित जिलों के साथ-साथ दक्षिण तटीय आंध्र में एसपीएस नेल्लोर में बचाव और राहत कार्यों में लगी हुई हैं।
मुख्यमंत्री वाई. एस. जगनमोहन रेड्डी ने कडप्पा, अनंतपुरामु और चित्तूर जिलों में क्षति का आकलन करने के लिए हवाई सर्वेक्षण किया। उन्होंने कडप्पा और चित्तूर के जिलाधिकारियों से बात की और नुकसान की जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को बाढ़ का पानी उतरते ही फसल के नुकसान का आंकलन करने को कहा है। सरकार ने बाढ़ में मरने वाले प्रत्येक व्यक्ति के परिजन को पांच लाख रुपये का मुआवजा देने की घोषणा की है।
शनिवार को बारिश कुछ धीमी हुई, लेकिन लोगों को ज्यादा राहत नहीं मिली क्योंकि कई बस्तियां अचानक आई बाढ़ के कारण पानी में डूबी रहीं। तिरुपति शहर में स्थिति अभी भी गंभीर बनी हुई है। शहर के कई इलाकों में पानी भर गया है। तिरुमला पहाड़ियों पर स्थिति कुछ बेहतर है, हालांकि बारिश की वजह से तीर्थयात्रियों को असुविधा का सामना करना पड़ा।
तिरुमला तिरुपति देवस्थानम ने वाहनों के आवागमन के लिए मुख्य सड़क को फिर से खोल दिया, हालांकि तीर्थयात्रियों के लिए पहाड़ियों पर जाने के वास्ते दो सीढ़ियां बंद रहीं। ऑनलाइन टिकट बुक करने वाले श्रद्धालुओं को भगवान वेंकटेश्वर के दर्शन की अनुमति दी जा रही है।
मुख्यमंत्री के गृह जिले कडप्पा के राजमपेट निर्वाचन क्षेत्र के कई गांवों में जल प्रलय के निशान दिख रहे हैं। चेयेरु नदी के किनारे के तीन गांवों से 30 से अधिक लोग बह गए। कडप्पा में अब तक 13 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है।
अनंतपुरामु जिले के कादिरी शहर में मूसलाधार बारिश के बीच एक निर्माणाधीन मकान ढहने से तीन बच्चों समेत कम से कम सात लोगों की मौत हो गई। मलबे से सात लोग सुरक्षित निकाल लिए गए।
नेहरू युवा केंद्र संगठन के उपाध्यक्ष विष्णुवर्धन रेड्डी ने लोगों की मौत पर दुख व्यक्त किया और घटना के लिए अवैध निर्माण को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने इसके लिए जिम्मेदार कादिरी नगर निगम के अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।
सरकार के अनुसार, चित्तूर जिले में बारिश से संबंधित घटनाओं में चार लोगों की मौत हो गई। एसपीएस नेल्लोर जिला में एसडीआरएफ का एक कर्मी डूब गया। चार जिलों में कुल 243 राहत शिविर खोले गए हैं जहां बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से निकाले गए 20,923 लोगों को रखा गया है।
दक्षिण मध्य रेलवे (एससीआर) के महाप्रबंधक गजानन माल्या ने नंदलुरु-राजमपेट खंड का निरीक्षण किया, जहां चेयेरू में बाढ़ के प्रभाव में रेलवे ट्रैक बह गया था। एससीआर ने एक विज्ञप्ति में कहा कि ट्रैक की मरम्मत का काम किया जा रहा है। इस बीच, विजयवाड़ा मंडल के नेल्लोर-पादुगुपाडु खंड में रेलवे लाइन पर पानी भर जाने के कारण शनिवार और रविवार को कम से कम 10 एक्सप्रेस ट्रेनों को रद्द कर दिया गया है। राज्य सरकार ने कहा कि पांच करोड़ रुपये से अधिक मूल्य के 1,549 मकान क्षतिग्रस्त हो गए, जबकि अन्य 488 मकान जलमग्न हो गए।
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