सीजेआई ने जिला अदालतों में खाली पड़े 22 फीसदी पदों को तत्काल भरने पर दिया जोर, कहा- नींव मजबूत होना जरूरी
By विशाल कुमार | Published: May 14, 2022 02:53 PM2022-05-14T14:53:48+5:302022-05-14T14:55:08+5:30
सीजेआई ने कहा कि देशभर में न्यायिक बुनियादी ढांचे की स्थिति संतोषजनक नहीं है, अदालतें किराए के आवास से संचालित होती हैं और दयनीय परिस्थितियों में हैं। उन्होंने कहा कि जिला न्यायपालिका, न्यायपालिका की नींव है और नींव मजबूत होने पर ही पूरी व्यवस्था फल-फूल सकती है।
श्रीनगर: जम्मू कश्मीर हाईकोर्ट में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) एनवी रमना ने शनिवार को जिला न्यायपालिका में लंबित रिक्तियों के बारे में बात की और रिक्तियों को भरने के लिए तत्काल कदम उठाने की आवश्यकता पर जोर दिया।
लाइव लॉ की रिपोर्ट के अनुसार, सीजेआई ने कहा कि जिला न्यायपालिका में 22 फीसदी पद अभी भी खाली पड़े हैं। इस कमी को पूरा करने के लिए तत्काल कदम उठाने की जरूरत है।
सीजेआई एक कार्यक्रम में बोल रहे थे जहां उन्हें श्रीनगर में नए हाईकोर्ट भवन परिसर की आधारशिला रखने के लिए आमंत्रित किया गया था। उन्होंने कहा कि जिला न्यायपालिका, न्यायपालिका की नींव है और नींव मजबूत होने पर ही पूरी व्यवस्था फल-फूल सकती है।
सीजेआई ने कहा कि देशभर में न्यायिक बुनियादी ढांचे की स्थिति संतोषजनक नहीं है, अदालतें किराए के आवास से संचालित होती हैं और दयनीय परिस्थितियों में हैं।
उनके अनुसार, अदालतों को केंद्र सरकार द्वारा 100 फीसदी फंडिंग का लाभ उठाना चाहिए और रिक्तियों को भरने के लिए समन्वित तरीके से काम करना चाहिए।
सीजेआई ने कहा कि भारतीय न्यायपालिका न्यायालयों को समावेशी और सुलभ बनाने में बहुत पीछे है और अगर इस मुद्दे पर तत्काल ध्यान नहीं दिया गया, तो न्याय तक पहुंच का संवैधानिक आदर्श विफल हो जाएगा।