लोकसभा में आ गया स्पीकर ओम बिरला का सवाल, कैबिनेट मिनिस्टर प्रकाश जावड़ेकर असमंजस में
By हरीश गुप्ता | Published: June 28, 2019 06:40 AM2019-06-28T06:40:55+5:302019-06-28T06:40:55+5:30
पर्यावरण, वन व जलवायु परिवर्तन प्रकाश जावड़ेकर उस वक्त असमंजस की स्थिति में आ गए, जब उनकी मेज पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला का सवाल आ गया. यह सवाल सांसद बिरला ने लोकसभा अध्यक्ष बनने से पहले पूछा था. बिड़ला का यह सवाल अनुत्तरित ही रह गया. 17वीं लोकसभा 17 जून से शुरू हुई थी और नियमित प्रश्नकाल 21 जून से शुरू होना था.
बिड़ला ने 17 जून को संसद सदस्य के तौर पर शपथ लेने के बाद ही सवाल पूछ लिया था. जिस वक्त तक यह जवाब देना था, ओम बिरला लोकसभा अध्यक्ष बन चुके थे. जावड़ेकर ने संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी से पूछा कि वह लिखित जवाब संसद के पटल पर रख दें या फिर सीधे माननीय अध्यक्ष महोदय को भेज दें.
संसदीय कामकाज के तौर-तरीकों के मुताबिक अगर किसी सदस्य का सवाल सूचीबद्ध हो तो उसका जवाब संसद के पटल पर रखना ही होता है अंत में फैसला किया गया कि यह अतारांकित प्रश्न हालांकि सूचीबद्ध किया गया था, लेकिन उसका जवाब संसद में न रखा जाए. बेहद सक्रिय सदस्य उल्लेखनीय तौर पर ओम बिड़ला अपने पहले कार्यकाल में भी लोकसभा के बेहद सक्रिय सदस्य रहे थे. उन्होंने बजट, राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव सहित विशेष उल्लेख वाली 163 बहस में हिस्सा लिया था. उन्होंने 2014-19 के पहले संसदीय कार्यकाल में 631 अतारांकित प्रश्न पूछे थे. उपस्थिति के मामले में भी वह काफी आगे थे.
यह था बिड़ला का सवाल
(ए). क्या भारत की घरेलू जलवायु नीति पुरानी हो चुकी है और यह आधारभूत मूल्यों से अनजान बेमेल संस्थागत ढांचे पर निर्भर है?
(बी). अगर हां, तो सरकार ने इस स्थिति से निपटने के लिए क्या कदम उठाए?
(सी) क्या भारत को तेजी से बदलते जलवायु परिवर्तन के बढ़ते संकट से निपटने के लिए नई सोच के साथ नये समग्र दस्तावेज की जरूरत है?
(डी) यदि हां, तो विस्तृत जानकारी, और (ई) क्या सरकार जलवायु परिवर्तन के परिप्रेक्ष्य में वर्तमान नीति के पुनरीक्षण, उसमें जरूरत के लिहाज से परिवर्तन का इरादा रखती है, यदि हां तो उसकी विस्तृत जानकारी.