1 जून से रोजाना चलेंगी 200 नॉन-AC ट्रेन, जल्द कर सकेंगे बुकिंग
By स्वाति सिंह | Published: May 19, 2020 09:37 PM2020-05-19T21:37:17+5:302020-05-19T21:46:23+5:30
श्रमिक स्पेशल ट्रेनों में प्रवासी मजदूरों की यात्रा को लेकर केंद्र और राज्यों के बीच विवाद के बाद रेलवे ने मंगलवार को कहा कि ऐसी ट्रेनों के परिचालन के लिए गंतव्य राज्यों की सहमति की जरूरत नहीं है।
नई दिल्ली: भारतीय रेलवे एक जून से 200 और ट्रेनें चलाने जा रहा है। दरअसल, मंगलवार को रेल मंत्री पीयूष गोयल ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर जानकारी देते हुए लिखा, 'श्रमिकों के लिये बड़ी राहत, आज के दिन लगभग 200 श्रमिक स्पेशल ट्रेन चल सकेंगी, और आगे चलकर ये संख्या बड़े पैमाने पर बढ़ पायेगी।'
उन्होंने लिखा, 'इसके अतिरिक्त भारतीय रेल 1 जून से टाइम टेबल के अनुसार प्रतिदिन 200 नॉन एसी ट्रेन चलायेगा जिसकी ऑनलाइन बुकिंग शीघ्र ही शुरु होगी।' पीयूष गोयल ने आगे लिखा, 'राज्य सरकारों से आग्रह है कि श्रमिकों की सहायता करे तथा उन्हें नजदीकी मेनलाइन स्टेशन के पास रजिस्टर कर, लिस्ट रेलवे को दे, जिससे रेलवे श्रमिक स्पेशल ट्रेन चलाये। श्रमिकों से आग्रह है कि वो अपने स्थान पर रहें, बहुत जल्द भारतीय रेल उन्हें गंतव्य तक पहुंचा देगा।'
श्रमिक स्पेशल ट्रेनों में प्रवासी मजदूरों की यात्रा को लेकर केंद्र और राज्यों के बीच विवाद के बाद रेलवे ने मंगलवार को कहा कि ऐसी ट्रेनों के परिचालन के लिए गंतव्य राज्यों की सहमति की जरूरत नहीं है। केंद्र सरकार ने प्रवासी श्रमिकों को उनके गृह राज्यों में पहुंचाने के लिए इन ट्रेनों को चलाने के वास्ते रेलवे के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी की जिसमें कहा गया कि गृह मंत्रालय से चर्चा के बाद रेल मंत्रालय श्रमिक स्पेशल ट्रेन चलाने के लिए मंजूरी देगा। एसओपी जारी होने के कुछ घंटे बाद रेलवे के प्रवक्ता राजेश दत्त बाजपेई ने कहा, ‘‘श्रमिक विशेष ट्रेनों को चलाने के लिए उन राज्यों की सहमति की आवश्यकता नहीं है जहां यात्रा समाप्त होनी है।’’
इसके अतिरिक्त भारतीय रेल 1 जून से टाइम टेबल के अनुसार प्रतिदिन 200 नॉन एसी ट्रेन चलायेगा जिसकी ऑनलाइन बुकिंग शीघ्र ही शुरु होगी।
— Piyush Goyal (@PiyushGoyal) May 19, 2020
श्रमिक विशेष रेलगाड़ियों को चलाने के लिए गंतव्य राज्यों से सहमति की जरूरत नहीं : रेलवे
रेल मंत्रालय ने दो मई को जारी दिशा-निर्देशों में कहा था कि श्रमिक स्पेशल ट्रेन चलाने के लिए रवानगी स्थल वाले राज्य को गंतव्य राज्य से अनुमति लेनी होगी और इसकी एक प्रति ट्रेन के प्रस्थान करने से पहले रेलवे को भेजनी होगी। नयी एसओपी के बाद अब गंतव्य राज्य से अनुमति लेने की आवश्यकता नहीं होगी।
श्रमिकों के लिये बड़ी राहत, आज के दिन लगभग 200 श्रमिक स्पेशल ट्रेन चल सकेंगी, और आगे चलकर ये संख्या बड़े पैमाने पर बढ़ पायेगी।
— Piyush Goyal (@PiyushGoyal) May 19, 2020
केंद्र ने कहा था कि पश्चिम बंगाल, झारखंड, राजस्थान और छत्तीसगढ़ राज्य इन ट्रेनों के लिए मंजूरी नहीं दे रहे हैं जिससे लाखों प्रवासी मजदूर अपने घरों की ओर पैदल जाने को मजबूर हैं। हालांकि, राज्यों ने इन आरोपों को खारिज किया है। श्रमिक स्पेशल ट्रेन चलाने के लिए अब सिर्फ रवानगी स्थल वाले राज्यों से ही मंजूरी की आवश्यकता होगी जिससे प्रवासी मजदूरों को ट्रेन से यात्रा करने में आसानी होगी। अधिकारियों ने कहा कि रेलवे को अगले सप्ताह में ऐसी 300 ट्रेन चलाए जाने और शेष प्रवासी श्रमिकों को उनके घर पहुंचाए जाने की उम्मीद है।
राज्य सरकारों से आग्रह है कि श्रमिकों की सहायता करे तथा उन्हें नजदीकी मेनलाइन स्टेशन के पास रजिस्टर कर, लिस्ट रेलवे को दे, जिससे रेलवे श्रमिक स्पेशल ट्रेन चलाये।
— Piyush Goyal (@PiyushGoyal) May 19, 2020
श्रमिकों से आग्रह है कि वो अपने स्थान पर रहें, बहुत जल्द भारतीय रेल उन्हें गंतव्य तक पहुंचा देगा।