1984 सिख विरोधी दंगा मामला : न्यायालय ने सज्जन कुमार की जमानत याचिका खारिज की

By भाषा | Published: September 3, 2021 02:30 PM2021-09-03T14:30:02+5:302021-09-03T14:30:02+5:30

1984 anti-Sikh riots case: Court rejects Sajjan Kumar's bail plea | 1984 सिख विरोधी दंगा मामला : न्यायालय ने सज्जन कुमार की जमानत याचिका खारिज की

1984 सिख विरोधी दंगा मामला : न्यायालय ने सज्जन कुमार की जमानत याचिका खारिज की

उच्चतम न्यायालय ने 1984 के सिख विरोधी दंगा मामलों में जेल की सजा काट रहे कांग्रेस के पूर्व नेता सज्जन कुमार को स्वास्थ्य के आधार पर जमानत देने से शुक्रवार को इनकार करते हुए कहा कि मेडिकल रिकॉर्ड्स के अनुसार उसकी हालत स्थिर है और उसमें सुधार हो रहा है।कुमार के वकील ने दलील दी थी कि पूर्व सांसद को एक निजी अस्पताल में अपने खर्च पर इलाज कराने की अनुमति दी जाए। इस पर उच्चतम न्यायालय ने कहा कि उसका ‘‘सुपर वीआईपी मरीज’’ के तौर पर इलाज नहीं किया जा सकता। न्यायमूर्ति संजय किशन कौल ओर न्यायमूर्ति एम एम सुंदरेश की पीठ ने कुमार की पैरवी करने वाले वकील से कहा, ‘‘आपको लगता है कि वह देश में अकेले मरीज हैं जिनका इलाज किया जाना है। वह मरीजों में से एक हैं।’’ पीठ ने कहा कि कुमार ‘‘जघन्य अपराध’’ के आरोपी हैं। उसने कहा, ‘‘आप चाहते हैं कि उनका एक तरह के सुपर वीआईपी मरीज की तरह इलाज किया जाए। यही हो रहा है।’’ सुनवाई की शुरुआत में कुमार के वकील ने मेडिकल रिकॉर्ड्स का हवाला दिया और कहा कि यहां एक सरकारी अस्पताल के डॉक्टरों ने उसकी जांच की और रिपोर्ट कहती है कि उसकी हालत में सुधार है और अस्पताल में कुछ और दिन तक उसकी देखभाल की आवश्यकता है। वकील ने कहा कि डॉक्टरों ने समस्या का पता चलने के बारे में कोई निष्कर्ष नहीं दिया है और कुमार का करीब 18 किलोग्राम वजन कम हो गया है। उन्होंने कहा कि 75 वर्षीय कुमार का पहले एक निजी अस्पताल के डॉक्टर ने इलाज किया था और हिरासत में रहते हुए अपने खर्च पर उसका वहां इलाज हो सकता है। पीठ ने कहा, ‘‘नहीं, माफ कीजिए। उसकी यहां देखभाल की जा रही है।’’ उसने कहा कि उसके सामने ऐसी तस्वीर पेश की गयी कि कुछ बहुत गलत है लेकिन मेडिकल रिपोर्टों के अनुसार ये उम्र से जुड़ी बीमारियां हैं। कुमार के वकील ने कहा कि पूर्व सांसद की नियमित जमानत याचिका उच्चतम न्यायालय के समक्ष लंबित है। शीर्ष न्यायालय ने 24 अगस्त को सीबीआई को कुमार की चिकित्सा स्थिति की पुष्टि करने और एक हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया था। पिछले साल सितंबर में उच्चतम न्यायालय ने स्वास्थ्य आधार पर कुमार की अंतरिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी। दिल्ली उच्च न्यायालय ने 17 दिसंबर 2018 को इस मामले में कुमार तथा अन्य को दोषी ठहराया था जिसके बाद 75 वर्षीय कुमार उम्रकैद की सजा काट रहा है। उच्च न्यायालय ने नवंबर 1984 को दक्षिणपश्चिम दिल्ली की पालम कॉलोनी में राजनगर पार्ट-1 इलाके में पांच सिखों की हत्याओं और राजनगर पार्ट-2 में एक गुरुद्वारे को जलाने से संबंधित मामलों में 2013 में निचली अदालत द्वारा कुमार को बरी करने का फैसला पलट दिया था। गौरतलब है कि 31 अक्टूबर 1984 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की उनके दो सिख अंगरक्षकों द्वारा हत्या करने के बाद दंगे भड़के थे।

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Web Title: 1984 anti-Sikh riots case: Court rejects Sajjan Kumar's bail plea

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