गोवा के 16 वर्षीय किशोर प्रियव्रत ने संस्कृत शास्त्र की परीक्षा में नया कीर्तिमान रचा है। प्रियव्रत संस्कृत शास्त्र की 14वें स्तर की 'तेनाली परीक्षा' सबसे कम उम्र में पास की है। प्रियव्रत आठवीं तक की शिक्षा प्राइवेट स्कूल से ली है। प्रियव्रत ने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा, ''मैंने कभी आधुनिक और प्राचीन शिक्षा तंत्र में कोई अंतर देखा, दोनों केवल शिक्षा हैं।''
प्रियव्रत की इस उपलब्धि की तारीफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी कर चुके हैं। पीएम मोदी ने प्रियव्रत की तारीफ में लिखा, ''अति उत्कृष्ट! इस उपलब्धि के लिए प्रियव्रत को बधाई। उनकी उपलब्धि कई लोगों के लिए प्रेरणा स्रोत के रूप में काम करेगी!''
गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने भी ट्वीट कर प्रियव्रत को इस उपलब्धि के लिए बधाई दी। प्रमोद सावंत ने लिखा, ''प्रियव्रत और उनके अभिभावकों को इस उपलब्धि के लिए बहुत-बहुत बधाई। आप बहुतों के लिए हमारे गौरव और प्रेरणा हैं।''
इंटरनेट से प्राप्त जानकारी के अनुसार, ओपन यूनिवर्सिटी यानी मुक्त विश्वविद्यालय की तरह तेनाली परीक्षा (महापरीक्षा) होती है। साल में दो दफा यह परीक्षा होती है। तमिलनाडु के कांचीपुरम की श्री कांची वेद वेदांत शास्त्र सभा तेनाली महापरीक्षा आयोजित कराती है। इस परीक्षा के लिए शिष्यों को अपने गुरुओं के साथ ही रहना होता है। प्रियव्रत के गुरु उनके पिता देवदत्त पाटिल थे। जिनसे उन्होंने वेद और न्याय पढ़ा और पूरा व्याकरण महाग्रंथ मोहन शर्मा से पढ़ा।