विभिन्न मांगों को लेकर मध्य प्रदेश में दूसरी बार 15000 डॉक्टरों ने किया हड़ताल, सरकार पर छल करने का लगाया आरोप, जानें मामला
By अनिल शर्मा | Published: May 3, 2023 01:06 PM2023-05-03T13:06:55+5:302023-05-03T13:13:46+5:30
चिकित्सा अधिकारी संघ के महासचिव डॉ राकेश तंवर ने कहा पूर्व के आंदोलन के दौरान एक उच्च स्तरीय कमेटी बनी जिसमें सारे IAS अधिकारी और हमारे संघ के लोग थे। उन सहमति वाले बिंदुओं पर आदेश जारी करने के स्थान पर उनमें परिवर्तन करके हमारे साथ छल किया जा रहा है।
भोपाल: विभिन्न मांगों को लेकर मध्य प्रदेश में लगभग 15000 डॉक्टर फिर हड़ताल पर चले गए हैं। चिकित्सा अधिकारी संघ के महासचिव डॉ राकेश तंवर ने सरकार पर छल करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि "पूर्व के आंदोलन में हमारे द्वारा मांगे रखी गई थी। मुख्यमंत्री जी के आश्वासन के बाद वह आंदोलन स्थगित किया गया था।''
राकेश तंवर ने आगे बताया, एक उच्च स्तरीय कमेटी बनी जिसमें सारे IAS अधिकारी और हमारे संघ के लोग थे। उन सहमति वाले बिंदुओं पर आदेश जारी करने के स्थान पर उनमें परिवर्तन करके हमारे साथ छल किया जा रहा है। इसलिए हम मुख्यमंत्री से अनुरोध करते हैं कि वे हस्तक्षेप करें और शीघ्र आदेश जारी करें।
उन सहमति वाले बिंदुओं पर आदेश जारी करने के स्थान पर उनमें परिवर्तन करके हमारे साथ छल किया जा रहा है। इसलिए हम मुख्यमंत्री से अनुरोध करते हैं कि वे हस्तक्षेप करें और शीघ्र आदेश जारी करें: डॉ राकेश तंवर, महासचिव चिकित्सा अधिकारी संघ, भोपाल pic.twitter.com/ypJh2ap0tL
— ANI_HindiNews (@AHindinews) May 3, 2023
गौरतलब है कि इसी साल फरवरी में सरकारी चिकित्सकों ने पदोन्नति सहित विभिन्न मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू की थी। राज्य सरकार द्वारा आश्वासन के बाद हड़ताल चंद घंटों में ही समाप्त कर दी थी। तब मध्यप्र देश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने उनकी पदोन्नति सहित अन्य मांगों पर एक उच्चस्तरीय समिति का गठन करने का आदेश दिया था।
सारंग ने कहा था ‘‘यह समिति चिकित्सकों की मांगों को लेकर विचार कर सरकार के समक्ष रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी। सरकार समिति द्वारा दिये गये सुझावों पर विचार कर समय सीमा में निर्णय लेगी।’’ सारंग से मिलने के बाद चिकित्सकों के प्रतिनिधिमंडल ने मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से भी मुलाकात की थी।
उस वक्त भी मध्य प्रदेश के लगभग 16,000 सरकारी चिकित्सकों ने सरकारी मेडिकल कॉलेजों, अस्पतालों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में सुबह 10 बजे से दोपहर 12 बजे तक दो घंटे के लिए काम बंद कर दिया था और ‘‘उनके काम और पदोन्नति में नौकरशाही हस्तक्षेप’’ का विरोध जताया था। चिकित्सकों ने आरोप लगाया था कि मध्यप्रदेश देश का एकमात्र राज्य है जो सरकारी डॉक्टरों की पदोन्नति के लिए बनाई गई ‘डायनेमिक एश्योर्ड करियर प्रोग्रेशन (डीएसीपी)’ योजना का पालन नहीं कर रहा है।