चमोली आपदा में 125 मजदूर लापता, बचाव अभियान जारी

By भाषा | Updated: February 7, 2021 19:49 IST2021-02-07T19:49:49+5:302021-02-07T19:49:49+5:30

125 workers missing in Chamoli disaster, rescue operations continue | चमोली आपदा में 125 मजदूर लापता, बचाव अभियान जारी

चमोली आपदा में 125 मजदूर लापता, बचाव अभियान जारी

देहरादून/गोपेश्वर, सात फरवरी उत्तराखंड के चमोली जिले की ऋषिगंगा घाटी में रविवार को अचानक आई विकराल बाढ से दो पनबिजली परियोजनाओं में काम कर रहे 125 से ज्यादा मजदूर लापता हो गए ।

प्रभावित क्षेत्र का जायजा लेकर लौटे मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने देहरादून में शाम को संवाददाताओं को बताया कि अभी तक आपदा में सात व्यक्तियों के शव बरामद हुए हैं ।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सेना, भारत तिब्बत सीमा पुलिस, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल, राज्य आपदा प्रतिवादन बल और पुलिस के जवान बचाव और राहत कार्य में जुटे हुए हैं और तपोवन क्षेत्र में स्थित जिन दो सुरंगों में मजदूर फंसे हुए हैं वहां मुस्तैदी से बचाव कार्य चल रहा है ।

मुख्यमंत्री ने मृतकों के परिजनों को चार लाख रू का मुआवजा देने की भी घोषणा की ।

इस बीच, एक सुरंग में फंसे सभी 12 मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है । आइटीबीपी, औली के डिप्टी कमांडेंट एसएस बुटोला ने बताया कि सुरंग में फंसे 12 मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है ।

हांलांकि, बाढ आने का कारण तत्काल पता नहीं चल पाया है लेकिन ऐसा माना जा रहा है कि हिमखंड टूटने से नदी में बाढ आ गई ।

बाढ आने के समय 13.2 मेगावाट की ऋषिगंगा परियोजना और एनटीपीसी की 480 मेगावाट तपोवन—विष्णुगाड परियोजना में लगभग 176 मजदूर काम कर रहे थे जिसकी पुष्टि मुख्यमंत्री रावत ने स्वयं की ।

इनके अलावा, ऋषिगंगा परियोजना में डयूटी कर रहे दो पुलिसकर्मी भी लापता हैं । हालांकि, इन 176 मजदूरों में से कुछ लोग भाग कर बाहर आ गए ।

मुख्यमंत्री ने कहा, 'एक अनुमान के तहत लापता लोग सवा सौ के आसपास हो सकते हैं या इससे ज्यादा भी हो सकते हैं । जो कंपनी के लोग हैं वे भी कागज लापता होने की वजह से ज्यादा बता पाने की स्थिति में नहीं हैं ।'

बाढ से दोनों पनबिजली परियोजनाओं को भारी नुकसान हुआ है । दोनों परियोजनाओं के शीर्ष अधिकारी नुकसान का आंकलन करने में जुट गए हैं ।

बाढ आने के बाद समूचे गढवाल क्षेत्र में स्थित अलकनंदा और गंगा नदियों के आसपास के इलाकों में अलर्ट जारी कर दिया गया । लेकिन शाम होते—होते बाढग्रस्त ऋषिगंगा नदी में पानी में भारी कमी आई जिससे चेतावनी वाली स्थिति समाप्त हो गई ।

प्रदेश के पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने कहा कि अब खतरे की स्थिति नहीं है और अलकनंदा नदी में जलस्तर सामान्य है ।

नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क से निकलने वाली ऋषिगंगा के ऊपरी जलग्रहण क्षेत्र में आई बाढ के कारण ऋषिगंगा और धौलीगंगा नदी ने विकराल रूप घारण कर लिया था जिससे गढवाल क्षेत्र के कई हिस्सों में दहशत का माहौल पैदा गया था ।

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार प्रातः अचानक जोर जोर की आवाजों के साथ धौली गंगा का जलस्तर बढ़ता दिखा। पानी तूफान की शक्ल में आगे बढ़ रहा था और वह अपने रास्ते में आने वाली सभी चीजों को अपने साथ बहा कर ले गया।

रैंणी में एक मोटर मार्ग तथा चार झूला पुल बाढ़ की चपेट में आकर बह गए हैं । सात गांवों का संपर्क टूट गया है जहां राहत सामग्री पहुंचाने का कार्य सेना के हैलीकॉप्टरों के जरिए किया जा रहा है।

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Web Title: 125 workers missing in Chamoli disaster, rescue operations continue

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