छत्तीसगढ़: MGNREGA के 12 हजार से अधिक संविदा कर्मचारियों ने दिया सामूहिक इस्तीफा, इस कारण ये राज्य सरकार से थे नाराज
By आजाद खान | Published: June 5, 2022 01:04 PM2022-06-05T13:04:55+5:302022-06-05T13:09:49+5:30
इस पर बोलते हुए छत्तीसगढ़ मनरेगा कर्मचारी महासंघ के प्रांतीय उपाध्यक्ष टीकमचंद कौशिक ने कहा, "सत्ताधारी दल कांग्रेस ने वर्ष 2018 के चुनावी घोषणा पत्र में संविदा कर्मचारियों की सेवाओं को नियमित करने का वादा किया था, लेकिन इस दिशा में अब तक कोई कदम नहीं उठाया गया है।"
रायपुर: छत्तीसगढ़ में मनरेगा योजना के तहत काम करने वाले 12 हजार से अधिक संविदा कर्मचारियों ने सामूहिक रूप से इस्तीफा दे दिया है। इन कर्मचारियों के नियमित किए जाने के साथ कई और मांगे भी थी जो अब तक पूरा नहीं हुआ था जिसके कारण इन लोगों ने शनिवार को इस्तीफा दे दिया है। बताया जा रहा है कि अपनी मांगों को लेकर ये कर्मचारी दो महीने से हड़ताल पर थे। ऐसे में जब शुक्रवार को राज्य सरकार ने मनरेगा योजना से जुड़े 21 सहायक परियोजना अधिकारियों (एपीओ) की सेवा को बन्द कर दिया तब इन कर्मचारियों ने इस्तीफा दिया है।
Over 12,000 contractual MGNREGA employees, who were on strike for the last two months for regularisation of service, resign en masse in Chhattisgarh
— Press Trust of India (@PTI_News) June 4, 2022
छत्तीसगढ़ मनरेगा कर्मचारी के महासंघ का क्या है कहना
मामले में बोलते हुए छत्तीसगढ़ मनरेगा कर्मचारी महासंघ के प्रांतीय उपाध्यक्ष टीकमचंद कौशिक ने बताया कर्मचारी पिछले दो महीने से हड़ताल पर थे। उनकी मांग थी की सरकार महात्मा गांधी ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) के तहत काम करने वाले कार्मचारियों को नियमित करे। इसके साथ उनकी यह भी मांग थी कि उन्हें अच्छा वेतन मिले और इसके अलावा भी उनकी कई और मांगे थी। इसके लिए उन लोगों ने पहले विरोध प्रदर्शन किया और फिर बाद में हड़ताल पर चले गए थे। लेकिन सरकार ने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया।
सरकार ने 21 एपीओ की सेवाओं को किया खत्म
इस पर बोलते हुए कौशिक ने कहा, ‘‘शुक्रवार शाम को राज्य सरकार ने अचानक 21 एपीओ की सेवा समाप्त कर दी। राज्य सरकार के इस निर्णय के खिलाफ और हमारी मांगों के समर्थन में नौ हजार रोजगार सहायक सहित 12,731 कर्मचारियों ने सामूहिक इस्तीफा दे दिया।'
2018 के चुनावी घोषणा को सरकार ने किया अन्देखी
इस योजना के तहत टीकमचंद कौशिक एक तकनीकी सहायक के रूप में काम करते है। उन्होंने इस पर बोलते हुए कहा, 'सत्ताधारी दल कांग्रेस ने वर्ष 2018 के चुनावी घोषणा पत्र में संविदा कर्मचारियों की सेवाओं को नियमित करने का वादा किया था, लेकिन इस दिशा में अब तक कोई कदम नहीं उठाया गया है। हम सिर्फ अपने लिए नौकरी की सुरक्षा चाहते हैं क्योंकि हमने इस सेवा को अपने जीवन का एक बेहतर हिस्सा दिया है।'
गौरतलब है कि एक विज्ञप्ति के मुताबिक, ऐसा कहा गया है कि सरकार ने मनरेगा के तहत काम करने वाले सहायकों के मानदेय को पांच हजार रुपए से बढ़ाकर 9,540 कर दिया है।