मणिपुर के 10 आदिवासी विधायकों ने प्रधानमंत्री से असम राइफल्स को नहीं हटाने का आग्रह किया

By भाषा | Published: August 10, 2023 09:47 PM2023-08-10T21:47:37+5:302023-08-10T21:49:19+5:30

मणिपुर के 10 आदिवासी विधायकों ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से हिंसा प्रभावित राज्य में असम राइफल्स को सुरक्षा ड्यूटी से नहीं हटाने का बृहस्पतिवार को आग्रह किया। इससे पहले 40 विधायकों ने प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखकर कहा था कि असम राइफल्स को वर्तमान तैनाती स्थल से स्थानांतरित करने की आवश्यकता है।

10 tribal MLAs from Manipur urge PM not to remove Assam Rifles | मणिपुर के 10 आदिवासी विधायकों ने प्रधानमंत्री से असम राइफल्स को नहीं हटाने का आग्रह किया

असम राइफल्स को लेकर मणिपुर में जारी है विवाद

Highlightsमणिपुर में असम राइफल्स को सुरक्षा ड्यूटी से नहीं हटाने की सिफारिश10 आदिवासी विधायकों ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को लिखी चिट्ठीइससे पहले 40 विधायकों ने की थी असम राइफल्स को हटाने की अपील

इंफाल: मणिपुर के 10 आदिवासी विधायकों ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से हिंसा प्रभावित राज्य में असम राइफल्स को सुरक्षा ड्यूटी से नहीं हटाने का बृहस्पतिवार को आग्रह किया और कहा कि इसके कर्मी दो युद्धरत समुदायों के बीच बफर जोन बनाने के लिए अपनी जान जोखिम में डाल रहे हैं। प्रधानमंत्री के नाम एक ज्ञापन में विधायकों ने कहा कि भारत का सबसे पुराना अर्धसैनिक बल असम राइफल्स अपनी स्थापना के बाद से ही देश की आंतरिक और बाहरी रक्षा में योगदान कर रहा है।

एक दिन पहले 40 विधायकों ने प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखकर कहा था कि असम राइफल्स को वर्तमान तैनाती स्थल से स्थानांतरित करने की आवश्यकता है। पत्र में उन्होंने कहा था कि राज्य सुरक्षा बल के साथ-साथ ‘‘भरोसेमंद केंद्रीय सुरक्षा बल’’ शांति, सुरक्षा एवं स्थिरता के लिए सभी खतरों को ‘‘निष्प्रभावी और नष्ट’’ करने को लेकर उसका (असम राइफल्स का) स्थान ले सकते हैं।

इन 40 विधायकों में अधिकांश मेइती समुदाय से संबंध रखते हैं। दस आदिवासी विधायकों ने कहा कि अब तक, असम राइफल्स मणिपुर में स्थिति को नियंत्रित करने के लिए बीएसएफ, आईटीबीपी, आरएएफ, सीआरपीएफ आदि जैसे अन्य केंद्रीय बलों के साथ संयुक्त रूप से कड़ी मेहनत कर रही है। उन्होंने कहा, “हम, मणिपुर के 10 आदिवासी विधायक विनम्रतापूर्वक आपका ध्यान आकर्षित करना चाहते हैं और आपके आशीर्वाद व तत्काल हस्तक्षेप का अनुरोध करते हैं।” 

हालांकि इस बीच कुछ दिन पहले मणिपुर के बिष्णुपुर जिले में मोइरांग लमखाई चौकी पर तैनात असम राइफल्स के जवानों को हटा लिया गया है और उनकी जगह केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) तथा राज्य पुलिस को तैनात कर दिया है। एक अधिसूचना में यह जानकारी दी गई। असम राइफल्स के जवानों को ऐसे समय में वापस बुलाया गया है जब घाटी के जिलों में महिलाओं के कई समूहों ने हिंसाग्रस्त पूर्वोत्तर राज्य से अर्धसैनिक बल को हटाने की मांग करते हुए सोमवार को प्रदर्शन किया था।

हालांकि मणिपुर में असम राइफल्स की भूमिका पर उठाई जा रही उंगली के बीच थलसेना ने मंगलवार को कहा कि मणिपुर में हिंसा को बढ़ावा देने वाले किसी भी प्रयास को रोकने के लिए कार्रवाई में वह और असम राइफल्स दृढ़ रहेंगे। सेना की ‘स्पीयर कोर’ ने ट्विटर पर पोस्ट किए गए एक बयान में कहा कि असम राइफल्स की छवि धूमिल करने के लिए मनगढ़ंत प्रयास किए गए हैं, जो जातीय हिंसा प्रभावित मणिपुर में शांति बहाल करने में लगी हुई है। 

Web Title: 10 tribal MLAs from Manipur urge PM not to remove Assam Rifles

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