जयपुर: राजस्थान में कांग्रेस पार्टी के अंदर जारी सियासी घमासान जारी है। एक तरफ अशोक गहलोत राज्य सरकार विधानसभा में विश्वास प्रस्ताव लाने की बात कह रही तो वहीं अब सचिन पायलट के गुट के विधायक ने बड़ा दावा किया है। पायलट के समर्थक एसएलए हेमाराम चौधरी ने कहा है कि गहलोत गुट के 10 से 15 विधायक उन लोगों के संपर्क में हैं।
हेमाराम चौधरी ने कहा,'' 10 से 15 अशोक गहलोत के गुट के विधायक हमारे संपर्क में हैं। वह कह रहे हैं कि वह हमारे साथ आ जाएंगे जैसे ही उन्हें फ्री छोड़ा जाएगा। जैसे ही गहलोत उन लोगों पर से प्रतिबंध हटाएंगे। जल्द साफ हो जाएगा कि कितने एसएलए उनके साथ रहेंगे।''
राज्यपाल कलराज मिश्र ने बुलाया विधानसभा का सत्र
राजस्थान में जारी सियासी उठापटक के बीच राज्यपाल कलराज मिश्र ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की कैबिनेट के अनुरोध को स्वीकर करते हुए राजस्थान विधानसभा का सत्र बुलाने का ऐलान किया। इसके साथ ही राज्यपाल ने विधानसभा सत्र बुलाने में देरी करने के आरोपों को खारिज किया। बता दें कि कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेताओं ने राज्यपाल पर विधानसभा का सत्र बुलाने में देरी करने का आरोप लगाया था।
राजस्थान राजभवन की ओर से सोमवार को जारी नोटिफिकेशन में कहा गया, "राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने राज्य सरकार को विधानसभा सत्र बुलाने का आदेश दिया है।" इसके साथ ही नोटिफिकेशन में राज्यपाल की ओर से इस बात के लिए इनकार किया कि वह विधानसभा सत्र बुलाने में वह देरी कर रहे थे।
राजभवन में पिछले हफ्ते विधायकों ने दिया था धरना
सचिन पायलट गुट के बगावती होने और राजस्थान हाई कोर्ट समेत सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिलने के बाद अशोक गहलोत पिछले ही हफ्ते से विधानसभा सत्र बुलाने की जोर-आजमाइश कर रहे हैं। वे कई बार राज्यपाल से इस संबंध में मिल भी चुके हैं। पिछले हफ्ते वे अपने सभी समर्थक विधायकों के साथ राजभवन भी पहुंचे थे। राजभवन में कांग्रेस विधायकों ने पांच घंटे तक धरना भी दिया था। बाद में धरना खत्म हो गया था लेकिन राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा कि वह संविधान के अनुसार चलेंगे न कि दबाव में आयेंगे। मिश्र ने गहलोत से स्पष्टीकरण के साथ दोबारा प्रस्ताव भेजने को कहा था। वहीं, गहलोत का आरोप है कि सरकार विधानसभा सत्र बुलाना चाहते हैं लेकिन मौका नहीं दिया जा रहा है।