1 अप्रैल से लागू हो गए ये 7 बड़े बदलाव, टीडीएस नियम सख्त, कारोबारियों के लिए ई-इनवॉयस जरूरी
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: April 1, 2021 08:25 AM2021-04-01T08:25:08+5:302021-04-01T15:28:01+5:30
1 अप्रैल, 2021 से कई नए बदलाव होने जा रहे हैं। कई बैकों के पुराने चेकबुक आज से मान्य नहीं होंगे। साथ ही ऐसे कारोबारी जिनका टर्नओवर 50 करोड़ से अधिक है, उनके लिए ई-इनवॉयस जरूरी हो जाएगा।
नया वित्त वर्ष 1 अप्रैल से शुरू हो चुका है। इस दिन से देश में कई नियमों में बदलाव होने जा रहे हैं। इन बदलाव का लोगों के जीवन पर सीधा असर पड़ेगा। नए नियमों से एक ओर जहां लोगों को राहत मिलेगी, वहीं अगर बातों का ध्यान नहीं रखा गया तो आर्थिक नुकसान भी हो सकता है। कारोबारियों के लिए ई-इनवॉयस जरूरी हो जाएगा। जानिए क्या-क्या नियम बदल रहे हैं।
पुरानी चेकबुक मान्य नहीं: देना बैंक, विजया बैंक, कॉरपोरेशन बैंक, आंध्रा बैंक, ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स, यूनाइडेट बैंक और इलाहाबाद बैंक की पुरानी चेकबुक 1 अप्रैल से मान्य नहीं होगी। इनका अन्य बैंकों में विलय हो चुका है और नए चेकबुक भी जारी किए जा चुके हैं। सिंडीकेट बैंक की चेकबुक 30 जून तक मान्य होगी।
ई-इनवॉयस जरूरी: बिजनेस-टू-बिजनेस (बी-टू-बी) कारोबार के तहत 1 अप्रैल से ऐसे कारोबारियों के लिए ई-इनवॉयस जरूरी हो जाएगा, जिनका सलावा टर्नओवर 50 करोड़ रुपये से अधिक है।
डाकघर बचत खाते से लेनदेन पर शुल्क: जिनका खाता डाकघर में है तो नए वित्त वर्ष के पहले दिन से जमा या निकासी के अलावा आधार आधारित पेमेंट सिस्टम (एईपीएस) पर शुल्क देना होगा। शुल्क फ्री लेनदेन की सीमा खत्म होने के बाद लिया जाएगा।
प्री-फिल्ड आईटीआर फॉर्म: कर्मचारियों की सुविधा के लिए आयकर रिटर्न दाखिल करने की प्रक्रिया आसान बनाई जा रही है। आयकर विभाग नए वित्त वर्ष से पहले से भरा आईटीआर फॉर्म मुहैया कराएगा।
बुजुर्गों को रिटर्न भरने की छूट: 1 अप्रैल से 75 साल से अधिक आयु वाले वरिष्ठ नागरिकों को आईटीआर भरने से छूट दी जाएगी। इसका लाभ उन्हीं को मिलेगा, जिनकी आय सिर्फ पेंशन और एफडी के ब्याज से होती है।
दोगुना टीडीएस: रिटर्न भरने को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने स्रोत पर कर कटौती (टीडीएस) नियमों को सख्त किया है। अब आयकर की धारा 206 एबी के तहत जो रिटर्न नहीं भरेगा, उसे एक अप्रैल के बाद दोगुना टीडीएस भरना होगा।
नॉन-सैलरीड क्लास को ज्यादा टीडीएस: नॉन सैलरीड क्लास लोगों जैसे फ्रीलांसर्स, टेक्निकल सहायक आदि की जेब पर अतिरिक्त टैक्स की मार पड़ेगी। अभी ऐसे लोगों को अपनी कमाई से 7.5 प्रतिशत टीडीएस देना होता है, जो अब बढ़कर 10 प्रतिशत हो जाएगा। इसकी घोषणा बजट के दौरान की गई थी।